गोवा में जल्द खुलेगा भारत का पहला 'बीयर म्यूजियम', आर्टिस्ट सुबोध केरकर जल्द करेंगे स्थापना

गोवा म्यूजियम (MOG) की स्थापना फेमस आर्टिस्ट सुबोध केरकर ने की है. इस म्यूजियम का उद्देश्य गोवा की  संस्कृति, कला और उत्सवों के साथ जुड़े हुए बीयर के इतिहास पर एक समकालीन दृष्टिकोण पेश करना है. 

Written by - Shruti Kaul | Last Updated : Mar 3, 2024, 10:19 PM IST
  • गोवा में जल्द खुलेगा बीयर म्यूजियम
  • आर्टिस्ट सुबोध केरकर करेंगे स्थापना
गोवा में जल्द खुलेगा भारत का पहला 'बीयर म्यूजियम', आर्टिस्ट सुबोध केरकर जल्द करेंगे स्थापना

नई दिल्ली:  अपनी अनोखी संस्कृति, समुद्र और बीचों के लिए मशहूर गोवा घूमने के लिए हर किसी का ड्रीम डेस्टिनेशन होता है. वहीं अब यहां घूमने वालों के लिए गोवा सरकार एक और नई पहल करने वाली है. दरअसल गोवा में जल्द ही पहला 'बीयर म्यूजियम' बनने वाला है.  6 हजार वर्ग मीटर में फैला ये म्यूजियम अगले 6 महीने में खुलने के लिए तैयार है.   

जल्द खुलेगा बीयर म्यूजियम 
बता दें कि गोवा म्यूजियम (MOG) की स्थापना फेमस आर्टिस्ट सुबोध केरकर ने की है. इस म्यूजियम का उद्देश्य गोवा की  संस्कृति, कला और उत्सवों के साथ जुड़े हुए बीयर के इतिहास पर एक समकालीन दृष्टिकोण पेश करना है. इसको लेकर सुबोध केरकर ने कहा, ' मैं इस प्रोजेक्ट पर पिछले10-15 साल से काम कर रहा हूं. आमतौर पर किसी भी म्यूजियम में लेबल, मूर्तियां और हथियारों के साथ पुरानी कलाकृतियां होती हैं, जिनका इस्तेमाल इतिहास बताने के लिए किया जाता है, लेकिन मेरे म्यूजियम में कुछ भी पुराना नहीं है. यह गोवा के इतिहास और संस्कृति की प्रतिक्रिया में समकालीन कला है और यहां तक ​​कि 'बीयर म्यूजियम' भी इसकी प्रतिक्रिया है. इसका इतिहास बेहद दिलचस्प  है.' 

सुबोध केरकर ने कही ये बात 
सुबोध केरकर ने कहा कि स्वतंत्र उत्सवों को आर्थिक रूप से बनाए रखना कठिन है, क्योंकि यह हमेशा एक चुनौती रही है. उन्‍होंने कहा, 'गोवा में बहुत सारी चीजें होती रहती हैं, जो एक पॉजिटिव साइन है. आर्टिस्ट को शामिल करने के लिए उनसे कॉन्टेक्ट किया जाता है. हाल ही में मुझे किसी का फोन आया था वह चाहता था कि मैं एस्ट्रोलॉजी से संबंधित एक एक्जिबिशन में हिस्सा लूं.' 

गैलरी और म्यूजियम का मिक्सचर है 'बीयर म्यूजियम' 
गोवा म्यूजियम में उन्होंने नए विकास के बारे में बात करते हुए सुबोध केरकर ने बताया,' यह लगातार बदल रहा है. इसकी कल्पना एक स्टोरहाउस के रूप में नहीं, बल्कि अनुभवों की प्रयोगशाला के रूप में की गई है.' उन्होंने आगे कहा, 'हम हमेशा काम जोड़ते और घटाते रहते हैं.  यह एक गैलरी और म्यूजियम का मिक्सचर है. हम कलाकृतियां भी खरीदते हैं और उसके लिए हर महीने एक बजट भी रखा है, हालांकि इसकी स्थापना मैंने की थी, लेकिन अब इसे मेरी बेटी चलाती है.'  सुबोध केरकर ने कहा, ' गोवा मूल रूप से हर भारतीय के भीतर है. मैं हाल ही में कलकत्ता गया था. इस दौरान मैंने हुगली नदी पर किसी यह कहते हुए सुना था कि यह गोवा क्रूज जैसा है. इस जगह को हमेशा मौज-मस्ती और उल्लास से जोड़ा गया है.' 

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