Chandrayaan-3: चंद्रयान-3 की कामयाबी से जलभुन गया ब्रिटिश मीडिया, भारतीयों ने जमकर लगाई लताड़
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Chandrayaan-3: चंद्रयान-3 की कामयाबी से जलभुन गया ब्रिटिश मीडिया, भारतीयों ने जमकर लगाई लताड़

Chandrayaan-3 Video: इसरो ने बुधवार को चंद्रयान-3 लॉन्च किया गया था, जो सफलतापूर्वक दक्षिणी ध्रुव पर लैंड हो गया. इसके बाद ब्रिटिश मीडिया ने कुछ ऐसा कह दिया, जिसके बाद भारतीयों ने उसे खरी-खरी सुना दी.

Chandrayaan-3: चंद्रयान-3 की कामयाबी से जलभुन गया ब्रिटिश मीडिया, भारतीयों ने जमकर लगाई लताड़

ISRO Chandrayaan-3: चंद्रयान-3 को चांद के सीने पर उतारकर इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन यानी इसरो ने इतिहास रच दिया है. चांद के जिस दक्षिणी ध्रुव पर आज तक कोई देश नहीं पहुंच पाया था, चंद्रयान-3 ने वहां सॉफ्ट लैंडिंग की. लेकिन भारत की इस कामयाबी पर ब्रिटिश मीडिया के आंसू निकल रहे हैं.

ब्रिटिश मीडिया का कहना है कि चंद्रयान-3 मिशन की कामयाबी के बाद भारत को यह भूलना नहीं चाहिए कि उसको विश्व के विभिन्न देशों से आर्थिक मदद मिलती रही है. अपने यहां जो गरीबी है, भारत उसको भूलकर इस कामयाबी के जश्न में डूबा है. लेकिन ब्रिटिश मीडिया के ऐसे कमेंट्स के बाद भारतीयों ने उसे आईना दिखा दिया.

कैसे शुरू हुआ मामला?

क्लास लगाते हुए भारतीयों ने ब्रिटिश मीडिया से कहा कि अंग्रेज भारत से कोहिनूर जैसी कीमती चीजें लूटकर ले गए थे. कई लोगों ने तो मून मिशन के बाद ब्रिटेन से कोहिनूर हीरा लौटा देने तक की मांग कर डाली. 

मामले ने तूल उस वक्त पकड़ा जब जीबी न्यूज के एक एंकर पैट्रिक क्रिस्टी ने बुधवार को अपने शो में कहा कि साल 2016 से लेकर 2021 के बीच भारत को ब्रिटेन से 2.3 अरब डॉलर का सहयोग मिला है. उन्होंने चीन का भी नाम लिया, जो अपना आर्टिफिशियल चांद बनाने में जुटा हुआ है.

प्रैटिक ने सवाल उठाया कि अगर भारत खुद ही ऐसे मिशन्स को कर सकता है तो फिर उसको अन्य देशों से मदद लेने की जरूरत क्या है. हालांकि इसरो को यूके की स्पेस एजेंस (यूकेएसएस) समेत अन्य स्पेस एजेंसियों से बधाई मिली है. 

दूसरी ओर, ब्रेक्सिट पार्टी के पूर्व एमईपी बेन हबीब ने कहा था कि हम ऐसे देश को मदद कर रहे हैं, जिसकी इकोनॉमी हमारे मुकाबले काफी छोटी है.

ट्विटर पर यूजर्स ने लगाई लताड़

पैट्रिक और अन्य ब्रिटिश मीडिया की बात सुनकर भारतीय एक्स (ट्विटर) यूजर्स भड़ गए. उन्होंने ब्रिटेश मीडिया से कोहिनूर लौटाने की ही मांग कर डाली. उन्होंने कोलंबिया यूनिवर्सिटी प्रेस की ओर से जारी रिपोर्ट का भी हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि अंग्रेजों ने अपने शासनकाल में भारत से जो पैसा लूटा था, वह करीब 45 अरब डॉलर था. 

इकोनॉमिस्ट उत्सा पटनायक की लिखी इस रिपोर्ट में कहा गया कि 1765 से लेकर 1938 तक ईस्ट इंडिया कंपनी और ब्रिटेश राज में करीब 9.3 ट्रिलियन पाउंड (44.6 ट्रिलियन डॉलर) भारत से लूटे गए थे. यूजर्स ने कहा कि ब्रिटेन को 446 ट्रिलियन डॉलर में से 2.3 बिलियन पाउंड की राशि काटकर बाकी का बचा हुआ पैसा लौटा देना चाहिए.

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