रायसेन की रानी ने 700 राजपूतानियों के साथ क्यों किया था जौहर, ये है वजह

रानी दुर्गावती का संबंध महारानी पद्मावती के राजवंश से था.

दुर्गावती का विवाह

दुर्गावती मेवाड़ के महाराजा राणा सांगा की पुत्री थी और उनका विवाह रायसेन के राजा सिल्हादी से हुआ था.

मालवा पर जीत

1531 में रायसेन के सिल्हादी और मेवाड़ के राणा सांगा ने गुजरात के सुल्तान बहादुर शाह के साथ मालवा को जीता था.

सिल्हादी खतरा

मालवा जीतने के बाद सुल्तान बहादुर को लगा कि सिल्हादी उसके लिए खतरा बन सकता है.

बड़ौदा जाने को कहा

सुल्तान ने सिल्हादी को रायसेन का किला खाली करने को बोला और बड़ौदा चले जाने के लिए कहा.

सिल्हादी धोखे से कैद

सिल्हादी माना नहीं, सुल्तान ने उसे अपने मांडू के कैंप बुलाया और धोखे से कैद कर लिया.

किले पर घेरा

1532 में सुल्तान ने रायसेन किले पर घेरा डाला. तब किले में रानी दुर्गावती और सिल्हादी के भाई लक्ष्मण राय थे, जो किले की देखरेख करते थे.

झुकना नहीं

महीनों बीतने के बाद सुल्तान ने सिल्हादी को अंदर भेजा. रानी दुर्गावती ने उनसे किसी भी हालत में सुल्तान के सामने न झुकने की बात कही.

जौहर

युद्ध में सिल्हादी हार गए और रानी दुर्गावती ने किले में मौजूद 700 राजपूतानियों के साथ जौहर कर लिया.

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