अमेरिका में इजरायल विरोध प्रदर्शन: भारतीय छात्रा अचिंत्य शिवलिंगन गिरफ्तार, विश्वविद्यालय ने किया निष्कासित!
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अमेरिका में इजरायल विरोध प्रदर्शन: भारतीय छात्रा अचिंत्य शिवलिंगन गिरफ्तार, विश्वविद्यालय ने किया निष्कासित!

भारतीय मूल की छात्राएं अचिन्त्य शिवलिंगम और फर्स्ट ईयर पीएच.डी. छात्रा उर्वी को अमेरिका में इजराइल विरोधी प्रदर्शन में शामिल होने के कारण गिरफ्तार किया गया है. पिछले एक हफ्ते में पूरे अमेरिका में इजराइल विरोधी प्रदर्शन के कारण कम से कम 550 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

अमेरिका में इजरायल विरोध प्रदर्शन: भारतीय छात्रा अचिंत्य शिवलिंगन गिरफ्तार, विश्वविद्यालय ने किया निष्कासित!

नई दिल्ली: इजराइल विरोधी प्रदर्शनों ने टॉप अमेरिकी विश्वविद्यालयों को हिलाकर रख दिया है. प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के दो छात्रों को गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया गया, जब उन्होंने मैककॉश कोर्टयार्ड में छात्रों के नेतृत्व वाले फिलिस्तीन समर्थक शिविर के लिए तंबू लगाए थे. हिरासत में लिए गए दो छात्रों में से एक की पहचान भारतीय मूल की छात्रा अचिंत्य शिवलिंगम के रूप में की गई.

विरोध प्रदर्शन के आयोजकों के अनुसार, प्रदर्शनकारियों में प्रिंसटन के छात्र, फैकल्टी मेंबर्स और विश्वविद्यालय के बाहर के कुछ लोग शामिल थे.

एक बयान में, विश्वविद्यालय के प्रवक्ता जेनिफर मॉरिल ने कहा कि टेंट लगाना स्कूल की नीति का उल्लंघन है और दो ग्रेजुएट छात्रों को अतिक्रमण के आरोप में हिरासत में लिया गया है. प्रवक्ता ने पुष्टि की कि अनुशासनात्मक प्रक्रिया लंबित होने तक उन्हें तत्काल प्रभाव से कैंपस से प्रतिबंधित कर दिया गया है.

फर्स्ट ईयर पीएच.डी. छात्रा उर्वी, जो केवल अपने पहले नाम से संबोधित होना पसंद करती थी, उन्होंने गिरफ्तारी को "हिंसक" बताया और आरोप लगाया कि उनकी कलाइयों के चारों ओर जिप टाई लगाई गई थी. उर्वी ने कहा, "उन्हें उनके घरों से निकाल दिया गया है और उन्हें अपना सामान लेने के लिए पांच मिनट से भी कम समय दिया गया है."

उर्वी के बयान के विपरीत, मॉरिल ने कहा कि सार्वजनिक सुरक्षा अधिकारियों ने छात्रों को गिरफ्तार करते समय कोई बल प्रयोग नहीं किया.

कौन हैं अचिन्त्य शिवलिंगम?
विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, तमिलनाडु के कोयंबटूर में पैदा होने के बाद, अचिंत्य शिवलिंगम का पालन-पोषण कोलंबस, ओहियो में हुआ.

प्रिंसटन यूनिवर्सिटी में पब्लिक एफेयर्स इन इंटरनेशनल डेवलपमेंट में मास्टर्स में एडमिशन लेने से पहले, उन्होंने ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी में इंटरनेशनल पॉलिटिक्स एंड इकोनॉमिक्स की पढ़ाई की थी.

इससे पहले, उन्होंने भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका में नागरिक समाज संगठनों, राजनीति, कानूनी प्रणाली और निजी परोपकार के साथ विभिन्न नीतिगत मुद्दों पर काम किया है.

उन्होंने हाल ही में बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के साथ पोषण, कृषि विकास और जलवायु अनुकूलन के पोर्टफोलियो के लिए पॉलिसी और एडवोकेसी प्रयासों का समर्थन करते हुए काम किया है.

उन्होंने ओहियो के तीसरे जिले में कांग्रेस के अभियान का समर्थन किया है और यहां तक कि सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च में भारत के भूमि अधिकारों और नीति पर भी काम किया है.

दरअसल, अमेरिका में फिलिस्तीन समर्थक विरोध प्रदर्शनों में वृद्धि देखी जा रही है.
हमास द्वारा इजराइल पर आतंकी हमले के बाद से संयुक्त राज्य अमेरिका में यहूदी विरोधी घटनाओं और फिलिस्तीन समर्थक विरोध प्रदर्शनों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. विरोध सबसे पहले न्यूयॉर्क में कोलंबिया विश्वविद्यालय द्वारा किया गया और धीरे-धीरे विभिन्न विश्वविद्यालयों द्वारा किया गया.

प्रदर्शनकारी अपने विश्वविद्यालयों से तत्काल युद्धविराम का समर्थन करने और गाजा संघर्ष से लाभ कमाने वाले व्यवसायों से अलग होने का आह्वान कर रहे हैं.

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले एक हफ्ते में कम से कम 550 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

गुरुवार को कम से कम 61 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया, जिनमें से 28 अटलांटा, जॉर्जिया के एमोरी विश्वविद्यालय में और 33 इंडियाना विश्वविद्यालय में थे.

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