Aravalli Hills: अरावली में खनन पर 'सुप्रीम' रोक, दिल्ली-हरियाणा-राजस्थान-गुजरात को SC की ताकीद
Advertisement
trendingNow12241923

Aravalli Hills: अरावली में खनन पर 'सुप्रीम' रोक, दिल्ली-हरियाणा-राजस्थान-गुजरात को SC की ताकीद

Illegal mining: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा है कि समिति में अन्य लोगों के अलावा, वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के सचिव, चार राज्यों दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात के वन सचिव और FSI और CEC के एक-एक प्रतिनिधि शामिल होंगे. कमेटी दो महीने के अंदर रिपोर्ट सौंपेगी. अगली सुनवाई अगस्त में होगी, तबतक खनन पर बैन रहेगा.

Aravalli Hills: अरावली में खनन पर 'सुप्रीम' रोक, दिल्ली-हरियाणा-राजस्थान-गुजरात को SC की ताकीद

Supreme Court bars fresh mining leases: सुप्रीम कोर्ट (SC) ने पर्यावरण को बचाने के लिए बड़ा फैसला लिया है. सर्वोच्च अदालत ने कहा है कि हर हाल में 'अरावली' की पहाड़ियों की सुरक्षा की जानी चाहिए. इसके लिए कोर्ट ने दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात को अगले आदेश तक पहाड़ी क्षेत्र में खनन गतिविधियों के लिए टोटल बैन लगाते हुए उन्हें किसी भी तरह के खनन की इजाजत नहीं देने का निर्देश दिया है. बेंच ने कहा कि उनके आदेश को किसी भी तरह से वैध खनन गतिविधियों पर रोक लगाने के रूप में नहीं माना जाएगा जो पहले से ही वैध परमिट और लाइसेंस के अनुसार चलाई जा रही हैं.

जस्टिस बी.आर. गवई और जस्टिस ए.एस. ओका की पीठ ने कहा, 'हम सभी चार राज्यों (जिनसे होकर पहाड़ी श्रृंखला गुजरती है) के लिए यह आदेश पारित कर रहे हैं.' इसने यह स्पष्ट कर दिया कि यह आदेश केवल अरावली पहाड़ियों और इसकी श्रृंखलाओं में खनन तक ही सीमित है.

खनन पट्टों पर कोर्ट की दो टूक

पीठ ने कहा, 'अगले आदेश तक, हालांकि वे सभी राज्य जहां अरावली पर्वतश्रृंखला स्थित हैं, खनन पट्टों के अनुदान के लिए आवेदन पर विचार और आगे की प्रक्रिया तथा उनके नवीनीकरण के लिए स्वतंत्र होंगे... लेकिन FSI (भारतीय वन सर्वेक्षण) रिपोर्ट में जैसा परिभाषित है उसके अनुसार, अरावली पहाड़ियों में खनन के लिए कोई अंतिम अनुमति नहीं दी जाएगी.'

न्यायालय ने कहा कि केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति (सीईसी) द्वारा प्रस्तुत एक रिपोर्ट में राजस्थान राज्य भर में की गई विभिन्न अवैध खनन गतिविधियों की ओर इशारा किया गया है और अवैध खनन के तहत क्षेत्र के संबंध में जिलेवार विवरण भी दिया गया है.

उसने पाया कि प्रमुख मुद्दों में से एक विभिन्न राज्यों द्वारा अपनाई गई अरावली पहाड़ियों और श्रृंखलाओं की विभिन्न परिभाषाओं के संबंध में था. पीठ ने अरावली पहाड़ियों और श्रृंखलाओं की एक समान परिभाषा पर पहुंचने के लिए एक समिति के गठन का आदेश दिया.

सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा है कि समिति में अन्य लोगों के अलावा, वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के सचिव, इन सभी चार राज्यों के वन सचिव और FSI और CEC के एक-एक प्रतिनिधि शामिल होंगे. बेंच ने कहा कि कमेटी दो महीने के अंदर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. कोर्ट अब इस मामले में आगे की सुनवाई अगस्त में करेगा.

(एजेंसी इनपुट)

Trending news