US Presidential Election: क्या है Super Tuesday, प्राइमरी और कॉकस में क्या फर्क?

What is Super Tuesday: अमेरिका में सुपर ट्यूजडे को हुई वोटिंग में वर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उम्मीदवारी करीब-करीब तय हो गई. रिपब्लिकन पार्टी में ट्रंप और डेमोक्रेटिक पार्टी में बाइडेन को लोगों ने उम्मीदवार के रूप में चुना. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Mar 6, 2024, 12:19 PM IST
  • जुलाई में होगी नेशनल कन्वेंशन की बैठक
  • इसमें उम्मीदवारों की आधिकारिक घोषणा होगी
US Presidential Election: क्या है Super Tuesday, प्राइमरी और कॉकस में क्या फर्क?

नई दिल्ली: What is Super Tuesday: अमेरिका में इस साल नवंबर में राष्ट्रपति चुनाव होने हैं. यह करीब-करीब तय हो गया है कि मुकाबला वर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच होगा. मंगलवार का दिन अमेरिका की राजनीति के लिए अहम था. Super Tuesday के दिन 16 राज्यों और एक यूएस टेरीटरी के वोटर्स ने अपनी पसंद के राष्ट्रपति उम्मीदवार को वोट दिए. डेमोक्रेटिक पार्टी में जो बाइडेन और रिपब्लिकन पार्टी में डोनाल्ड ट्रंप को सबसे अधिक लोगों ने पसंद किया.

क्या है सुपर ट्यूजडे?
दरअसल, राष्ट्रपति चुनाव से पहले प्राइमरी और कॉकस इलेक्शन के लिए सुपर ट्यूजडे होता है. अमेरिका में सुपर ट्यूजडे चुनाव वाली साल में मार्च के पहले मंगलवार को को ही होता है. इस दिन 16 राज्यों और एक टेरीटरी के वोटर पाने पसंदीदा प्रत्याशी को वोट देकर राष्ट्रपति उम्मीदवार के रूप में चुनते हैं. कुछ राज्यों में गवर्नर या सीनेटर चुनने के लिए भी वोटिंग होती है. 

क्या है प्राइमरी और कॉकस?
अमेरिका में किसी पार्टी का राष्ट्रपति उम्मीदवार कौन होगा, ये जनता या वोटर्स ही तय करते हैं. प्राइमरी तरीके में लोग वोट डालकर बताते हैं कि पार्टी को किसे अपना उम्मीदवार बनाना चाहिए. यह पारंपरिक तरीका है, जो ज्यादातर राज्यों में अपनाया जाता है. जबकि कॉकस में पार्टी के पारंपरिक वोटर ही वोटिंग करते हैं. वे पाने यहां से डेलीगेट्स चुनकर भेजते हैं, जो पार्टी के राष्ट्रपति उम्मीदवार को नॉमिनेट करते हैं. 

प्राइमरी और कॉकस के बाद क्या होगा?
प्राइमरी और कॉकस होने के बाद जुलाई महीने में रिपब्लिकन पार्टी की क्लीवलेंड में नेशनल कन्वेंशन की बैठक होगी. डेमोक्रेटिक पार्टी की बैठक फिलाडेल्फिया में होगी. बैठक में दोनों पार्टियां अपने-अपने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का ऐलान कर देंगी. एक बार चयन होगा, इसके बाद 14 जून तक राष्ट्रपति पद के लिए नामंकन दाखिल किए जा सकेंगे. फिर चुनाव प्रचार होगा. 8 नवंबर वोटिंग होगी, जिसे को इलेक्शन डे कहा जाता है. 

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