दिल्ली हाईकोर्ट ने DDA और MCD से पूछा 'कब तक पूरा करेंगे अपनी जमीनों का सर्वे, जानें दिल्ली वासियों पर क्या पड़ेगा असर?

Delhi High court: दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली डेवलपमेंट अथॉरिटी (DDA) और दिल्ली नगर निगम (MCD) से पूछा कि कब तक आप अपनी जमीनों का सर्वे पूरा करेंगे. उच्च न्यायलय ने आगे कहा कि राजधानी दिल्ली में जमीन का सर्वेक्षण करने के लिए एजेंसी को अंतिम रूप दें और इस कार्य को पूरा करने की डेड लाइन भी बताएं.

Written by - Ansh Raj | Last Updated : May 8, 2024, 11:21 AM IST
दिल्ली हाईकोर्ट ने DDA और MCD से पूछा 'कब तक पूरा करेंगे अपनी जमीनों का सर्वे, जानें दिल्ली वासियों पर क्या पड़ेगा असर?

नई दिल्ली, Delhi High Court asks to DDA MCD​: दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली डेवलपमेंट अथॉरिटी (DDA) और दिल्ली नगर निगम (MCD) से पूछा कि कब तक आप अपनी जमीनों का सर्वे पूरा करेंगे. उच्च न्यायलय ने आगे कहा कि राजधानी दिल्ली में जमीन का सर्वेक्षण करने के लिए एजेंसी को अंतिम रूप दें और इस कार्य को पूरा करने की डेड लाइन भी बताएं. हाई कोर्ट का यह आदेश राजधानी दिल्ली में एक गैरकानूनी निर्माण को लेकर आया है. इस मामले में केंद्रीय संरक्षित स्मारकों के पास के क्षेत्र भी शामिल थे.

किया जाएगा जमीनों का सर्वेक्षण 
दिल्ली नगर निगम की ओर से अदालत में दलील पेश करने वाले वकील ने इस मामले में अधिक जानकारी देते हुए बताया कि दिल्ली डेवलपमेंट अथॉरिटी और एमसीडी आयुक्त के बीच इस मामले को लेकर एक बैठक हुई थी. इस मीटिंग में यह तय हुआ कि दिल्ली में उनकी जमीनों का सर्वेक्षण किया जाएगा. बता दें कि इस सर्वे में जमीनों के बारे में जानकारी लगाने के लिए एहम कदम उठाए जाएंगे. 

हाईकोर्ट ने मांगी डेडलाइन 
अब इस मामले पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने एमसीडी और डीडीए को दिल्ली का सर्वेक्षण कराने के लिए निर्देश दिए हैं. अब एमसीडी और डीडीए उस एजेंसी को अंतिम रूप देने का निर्देश देगी,  जिसे जिससे दिल्ली का सर्वेक्षण कराया जाएगा. बता दें कि मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत पीएस अरोड़ा की पीठ ने एमसीडी और डीडीए को कहा कि सर्वेक्षण पूरा करने की समयसीमा डेडलाइन भी बताएं.

जुलाई को होगी सुनवाई...
एमसीडी के वकील ने इस मामले में अधिक जानकारी देते हुए बताया कि हर एक एजेंसी अपनी जमीन के लिए खुद ही जिम्मेदार है. एमसीडी के वकील ने बताया कि प्रत्येक एजेंसी अपनी जमीन के लिए जिम्मेदार है और इस प्रक्रिया को अन्य भूमि मालिक एजेंसियों द्वारा भी दोहराया जा सकता है. वकील ने कहा, "हम पूरे क्षेत्र का नक्शा बनाने जा रहे हैं, जो एमसीडी, डीडीए के दायरे में आता है. हम उस पर नज़र रखेंगे और हर छह महीने में इसका दोबारा निरीक्षण करेंगे ताकि निर्माण में कोई भी बदलाव हो तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी." उन्होंने कहा कि बैठक में उपग्रह इमेजरी, डिजिटल मानचित्र और ड्रोन सर्वेक्षण जैसी नई तकनीक पर ध्यान दिया गया और एमसीडी और डीडीए भूमि का सर्वेक्षण भारतीय सर्वेक्षण विभाग द्वारा करने का प्रस्ताव दिया गया. मामले की अगली सुनवाई 2 जुलाई को होगी.

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