वकीलों के लिए काला कोट जरूरी है क्या?

काला कोट

कर्नाटक हाई कोर्ट ने निचली अदालतों में वकीलों को काला कोट पहनकर आने से छूट दे दी है. HC ने गर्मी को देखते हुए यह फैसला किया.

HC से छूट

HC ने कहा कि अप्रैल-मई के दौरान, जिला और ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही में शामिल होने के लिए वकीलों को काला कोट नहीं पहनना होगा.

कहां नहीं?

निचली अदालतों में वकीलों को ड्रेस कोड से रियायत मिलती रही है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में ऐसी कोई छूट नहीं मिलती.

नियम

एडवोकेट्स एक्ट (1961) के तहत, बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) को वकीलों द्वारा पहने जाने वाली 'ड्रेस या रोब' से जुड़े नियम बनाने की शक्ति मिलती है.

ड्रेस कोड

बार काउंसिल के नियम कहते हैं कि वकीलों को 'शांत और गरिमापूर्ण' दिखना चाहिए. पुरुष और महिला वकीलों के लिए अलग-अलग ड्रेस कोड है.

वकीलों की ड्रेस

वकीलों को अदालत में जिरह करते समय काले कोट के ऊपर काले रंग का गाउन (एडवोकेट गाउन) पहनना होता है.

सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट्स के बाहर वकीलों का गाउन पहनना जरूरी नहीं है.

गर्मी में कोट

गर्मी के महीनों में, सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट्स को छोड़कर, बाकी अदालतों में वकीलों का काला कोट पहनना भी अनिवार्य नहीं है.

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