Chhadi Mar Holi 2024: लठ के बाद खेली जाएगी छड़ीमार होली, जानें कैसे शुरू हुई अनोखी परंपरा, पढ़ें रोचक कथा
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Chhadi Mar Holi 2024: लठ के बाद खेली जाएगी छड़ीमार होली, जानें कैसे शुरू हुई अनोखी परंपरा, पढ़ें रोचक कथा

Chhadi Mar Holi 2024 Significance: वैदिक पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को छड़ीमार होली खेली जाती है. इस तरह की होली की परंपरा के पीछे भी एक कथा है. आइए जानते हैं ये अनोखी प्रथा कब से शुरू हुई और क्या है रोचक कथा.

Chhadi Mar Holi 2024: लठ के बाद खेली जाएगी छड़ीमार होली, जानें कैसे शुरू हुई अनोखी परंपरा, पढ़ें रोचक कथा

Chhadi Mar Holi 2024: होली के त्योहार की सबको पूरे साल से बेसब्री से इंतजार रहता है. देश की कई जगहों पर होली से एक महीने पहले ही धूम मच जाती है. लोग रंगों में रंग जाते हैं. देश-विदेश में मथुरा-वृंदावन की होली काफी मशहूर है. यहां की होली देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. मथुरा-वृंदावन में कई प्रकारी की होली खेली जाती है जैसे लड्डूमार होली, लठमार होली, छड़ीमार होली, फूलों की होली. ये सभी प्रकार की होली का अपने आप में बहुत महत्वपूर्ण हैं. 

 

कब है छड़ीमार होली?
लड्डूमार होली 17 मार्च और लठमार होली 18 मार्च यानी आज खेली जा रही है. इसके बाद 21 मार्च को छड़ीमार होली खेली जाएगी. वैदिक पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को छड़ीमार होली खेली जाती है. इस तरह की होली की परंपरा के पीछे भी एक कथा है. आइए जानते हैं ये अनोखी प्रथा कब से शुरू हुई और क्या है रोचक कथा.

 

कैसे होती है छड़ीमार होली की शुरुआत
पौराणिक कथाओं के अनुसार गोकुल की छड़ी मार होली की शुरुआत नंदकिले के नंदभवन में ठाकुरजी के समक्ष राजभोग का भोग लगाकर होती है. ये नंदकिला यमुना नदी के किनारे स्थित है.  इस होली की तैयारियां कई दिनों पहले से शुरू हो जाती हैं. इस होली में गोपियां लठ की जगह छड़ा का इस्तेमाल करती हैं.

 

क्यों किया जाता है छड़ी का इस्तेमाल?
पौराणिक कथाओं के अनुसार छड़ीमार होली कृष्‍ण के प्रति प्रेम और भाव का प्रतीक मानी जाती है. भगवान कृष्ण ने ब्रज में अपना बचपन अधिकतर कान्हा के रूप में बीताया है. बचपन में कान्हा बहुत नटखट हुआ करते थे और गोपियों को काफी परेशान किया करते थे. गोपियां कान्हा जी को सबक सिखाने के लिए छड़ी लेकर उनके पीछे भागा करती थीं. छड़ी का इस्तेमाल बस उनको डराने के लिए किया जाता था. इसी परंपरा के चलते आज छड़ीमार होली खेली जाती है जिसमें लठ की जगह छड़ी का इस्तेमाल किया जाता है. इस होली का आनंद लेने के लिए देश-विदेश लोग ब्रज पहुंचते हैं.

 

खेली जाएगी फूलों की होली
छड़ीमार होली के बाद ब्रज में फूलों की होली खेली जाएगी. इस होली में फूलों का इस्तेमाल किया जाता है. लोग एक दूसरे पर फूल बरसाते हैं और होली का आनंद उठाते हैं.

 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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