भगवान कृष्ण को भी पसंद थी यूपी के ये मिठाई, आज भी मचा रही धूम

मथुरा के पेड़े

पेड़ों की बात हो तो सबसे पहले मथुरा के पेड़े का नाम ही याद आता है और स्वाद जुबां पर छा जाता है.

पेड़े का भोग

बताया जाता है कि भगवान कृष्ण को पेड़ा अत्यधिक पसंद था. आज भी मथुरा में भगवान कृष्ण को पेड़े का भोग लगता है.

पुरानी

पेड़े के मामले में मथुरा में सबसे पुरानी और फेमस दुकान तोताराम हलवाई की है. बताया जाता है कि 1832 में उन्होंने पेड़ा बनाना शुरू किया था.

सबसे अलग

यहां पर पेड़े बनाने का तरीका सबसे अलग है. दूध को तब तक उबालते है जब तक गाढ़ा होकर खोया में न बदल जाए. फिर उसमें काली मिर्च का चूर्ण और चीनी मिलाकर पेडे़ का आकार देते है.

फेमस

मथुरा में बृजवासी मिठाईवाला, शंकर मिठाईवाला और बृजवासी पेड़े वाले की दुकान सबसे ज्यादा फेमस है.

पहले प्रधानमंत्री

देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद को मथुरा के पेड़े बहुत पसंद थे.

18वीं शतबादी

इतिहासकार लक्ष्मीनारायण तिवारी ने बताया कि मथुरा के पेड़े का जिक्र संस्थान में रखी 18वीं शतबादी की एक पांडुलिपि अकलनामा चक्कता में आता है.

कहानी

ऐसा कहा जाता है कि भगवान कृष्ण की मां यशोदा ने दूध को उबालने के लिए रखा था, वो इसे रखकर भूल गईं और दूध बहुत ही गाढ़ा होकर जल गया. तब मां ने उसमें बूरा मिलाकर पेड़े बना दिए और कान्हा को खिला दिए.

प्रसाद

तभी से यहां पर भगवान के कृष्ण को पेड़े का प्रसाद लगाया जाता है. आप जब कभी यहाँ आए तो यहां के पेडे़ का स्वाद ज़रूर लें.

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