खेती किसानी से 1 करोड़ कमाने वाले अखिलेश यादव की घटी कमाई, हलफनामे ने चौंकाया
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खेती किसानी से 1 करोड़ कमाने वाले अखिलेश यादव की घटी कमाई, हलफनामे ने चौंकाया

Akhilesh Yadav Net Worth: सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने आज कन्नौज लोकसभा सीट से अपना नामांकन दाखिल कर दिया है. नामांकिन के दौरान जारी हुए एफिडेविट ने अखिलेश की कुल संपत्ति का खुलासा भी हो गया है. 

 

Loksabha Election 2024

Lok Sabha Elections 2024: कन्नौज सीट पर अटकलों के बीच आज सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस सीट पर अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है. नामांकन के दौरान जारी हुए एफिडेविट उनकी कुल संपत्ति का भी खुलासा हो गया है. नामांकन के दौरान जारी हुए एफिडेविट के मुताबिक अखिलेश यादव के पास 17 करोड़ 22 लाख रुपये की कुल अचल संपत्ति है साथ ही 25 लाख 61 हजार रुपये की नगदी भी है. अखिलेश यादव के पास  9 करोड़ 12 लाख रुपये से अधिक की चल संपत्ति का भी मालिकाना हक है. अब उनकी पत्नी डिंपल यादव की बात करें तो उनके पास कुल 5 लाख 72 हजार 447 रुपये कैश है. इनके पास 5 करोड़ 10 लाख से अधिक की चल संपत्ति है और 10 करोड़ 44 लाख से अधिक की अचल संपत्ति है.

सोने और हीरे के आभूषण
जारी एफिडेविट से पता चला है कि अखिलेश यादव के पास 76 हजार रुपये का मोबाइल फोन है. सपा प्रमुख के पास 5 लाख 34 हजार 458 रुपये की एक्सरसाइज मशीन भी है. 17 हजार का फर्नीचर और एक लाख 60 हजार की क्रॉकरी भी सपा प्रमुख के पास है. बदा दे कि अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव के पास 59 लाख 76 हजार से अधिक के सोने और हीरे के आभूषण हैं.  

अखिलेश यादव की सालाना आय घटी
सपा मुखिया अखिलेश यादव की सालाना आय 16 लाख रुपये घट गई है. कृषि और लोकहित से पहले वह सालाना 1 करोड़ कमाते थे, अब 84 लाख सालाना रह गई है. नामांकन के दौरान एफिडेविट में उन्होंने यह ब्यौरा दिया है. यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव के पास 13,44,933.00 की LIC, 1,19,122 का जनरल इंश्योरेंस, 3,65,048 रुपये की बीमा पॉलिसी और 40,000 रुपये की मिलेनियम पॉलिसी भी है.

3 बार कन्नौज सीट से सांसद
बता दें कि अखिलेश यादव 3 बार कन्नौज सीट से सांसद रह चुके है. वर्तमान में वह यूपी की करहल सीट से विधायक है. वह 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में करहल सीट से पहली बार विधायक बने थे. अखिलेश यादव ने 2000 में कन्नौज सीट पर हुए उपचुनाव में पहली जीत दर्ज की थी.  2014 के आम चुनाव में भी डिंपल ने इसी सीट से जीत दर्ज की थी.

क्यों बदलना पड़ा प्रत्याशी
बता दें कि दो दिन पहले ही समाजवादी पार्टी ने मुलायम सिंह यादव के पोते तेज प्रताप को कन्नौज से उम्मीदवार बनाया था. 25 अप्रैल को कन्नौज में नामांकन का आखिरी दिन है. ऐसे में नामांकन से ठीक पहले अखिलेश यादव को अपना मन बदलना पड़ा. साल 1999 से 2019 तक कन्नौज सीट पर मुलायम परिवार का ही कब्जा रहा है. साल 1999 में मुलायम सिंह यादव कन्नौज की सीट से चुनाव लड़े थे. 

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