एप्पल हो या सैमसंग...सबकी पहली पसंद भारत, मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग में देश की जबरदस्त स्पीड
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एप्पल हो या सैमसंग...सबकी पहली पसंद भारत, मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग में देश की जबरदस्त स्पीड

Mobile Phone Manufacturing: आज के समय में हर किसी के पास स्मार्टफोन है. ज्यादातर स्मार्ट फोन Made in china है. भारत में भी Made in china फोन करोड़ों लोगों के हाथ में है. mobile manufacturing के मामले में चीन नंबर वन है लेकिन इस रेस में उसे अब भारत से कड़ी टक्कर मिल रही है.

एप्पल हो या सैमसंग...सबकी पहली पसंद भारत, मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग में देश की जबरदस्त स्पीड

Mobile Phone Manufacturing: आज के समय में हर किसी के पास स्मार्टफोन है. ज्यादातर स्मार्ट फोन Made in china है. भारत में भी Made in china फोन करोड़ों लोगों के हाथ में है. mobile manufacturing के मामले में चीन नंबर वन है लेकिन इस रेस में उसे अब भारत से कड़ी टक्कर मिल रही है. एक समय पर मोबाइल कंपनियों की पहली पसंद चीन था...लेकिन आज भारत बड़ी-बड़ी मोबाइल कंपनियों की first choice है.

चीन परेशान जरूर होगा

आज के समय में भारत में बड़ी और नामी मोबाइल कंपनिया फोन बना रही है. मोबाइल फोन बनाने की रेस में भारत जिस तेज़ी से आगे बढ़ा है उससे चीन परेशान जरूर होगा. भारत की PLI स्कीम की वजह से ज्यादातर मोबाइल कंपनियां भारत आना पसंद कर रही है. इसकी वजह से भारत में बड़े पैमाने पर smartphone manufacturing शुरू हुई है इसको लेकर industry body ICEA ने कुछ आंकड़े भी जारी किए है.

-पिछले 10 वर्षों में भारत में 20 लाख करोड़ रुपये के मोबाइल फोन बने हैं.
-पिछले 10 वर्षों में मोबाइल फोन के उत्पादन में 2000% और निर्यात में 7500% की वृद्धि हुई है.
-भारत में बिकने वाले 97 प्रतिशत मोबाइल फोन अब भारत खुद बना रहा है.

मोबाइल कंपनियों को भारत में कई तरह की रियायत

आपने कई बार पीएम मोदी को आत्मनिर्भर भारत की बात कहते सुना होगा. Make in India कार्यक्रम भी उसी कड़ी का हिस्सा है. और इसी के तहत सरकार देश में mobile manufacturing को बढ़ावा दे रही है. साथ ही भारत में ही mobile parts और Battery बनाने पर जोर दे रही हैं. मोबाइल कंपनियों को आर्थिक तौर पर मदद भी दी जा रही है. मोबाइल कंपनियों को सरकार ने कई तरह की रियायत दी है. जिससे भारत को एक बड़े mobile export करने वाले देश के तौर पर विकसित किया जा सके.

- वर्ष 2014-15 में मोबाइल फोन प्रॉडक्शन करीब 18,900 करोड़ रुपये था.
- जो वर्ष 2024 में बढ़कर करीब 4.10 लाख करोड़ रुपये हो गया. इसमें करीब 2000 फीसदी की ग्रोथ दर्ज की गई है.
- वर्ष 2014-15 में भारत से मोबाइल फोन एक्सपोर्ट सिर्फ 1,556 करोड़ रुपये था.
- जो अब बढ़कर 1.2 लाख करोड़ रुपये हो गया, यानि पिछले 10 वर्षों में निर्यात में 7,500 फीसद की ग्रोथ हुई है.

PLI स्कीम का अहम रोल

भारत की इस उपलब्धि के पीछे PLI स्कीम का अहम रोल रहा है. PLI यानि Production Linked Incentive...केंद्र सरकार ने चीन और दूसरे देशों पर भारत की निर्भरता को कम करने के लिये PLI योजना की शुरुआत की थी. इस स्कीम के तहत ही भारत में लोकल प्रोडक्शन में जबरदस्त इजाफा हुआ. इस योजना का उद्देश्य घरेलू और विदेशी निवेश आकर्षित करना है, रोजगार के अवसर पैदा करना और आयात पर निर्भरता कम करना है. PLI स्कीम के तहत ही मोबाइल कंपनियों को फायदा हुआ, भारतीय लोगों को रोजगार मिला और साथ ही भारत आत्मनिर्भर बना.

Samsung की सबसे बड़ी फैक्ट्री भारत में

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ‘Make in India’ प्रोग्राम कितना सफल रहा है. इसका अंदाजा देश में बनने वाले mobile phones के आंकड़ों को देख आपको हो गया होगा. दुनिया में सबसे बड़ा नाम Apple Iphone का है जो आज भारत में mobile handset बना रही हैं. भारत में 3 कंपनियां Apple के लिए फोन बनाती है. पूरी दुनिया में Samsung की सबसे बड़ी फैक्ट्री भारत में ही है. दुनिया के सबसे बड़े ब्रांड भारत में mobile handsets की Manufacturing कर रहे हैं. जिससे भारत एक Global Electronics Manufacturing Hub बन रहा है.

- Apple और Samsung भारत में सबसे ज्यादा smartphone manufacturing करते हैं, इन कंपनियों के सबसे ज्यादा फोन मध्य पूर्व, उत्तरी अफ्रीका और दक्षिण अमेरिकी मार्केट में जाते हैं
- साथ ही ब्रिटेन, नीदरलैंड, ऑस्ट्रिया और इटली में भी Made in india स्मार्टफोन को एक्सपोर्ट किया जा रहा है.
-भारत में Xiaomi, Oppo, Vivo जैसे कई ब्रांड की Assembling और Manufacturing पहले से ही हो रही है. Apple कंपनी, फोन के अलावा अपने दूसरे Device की Manufacturing भी अब भारत ट्रांसफर करने का मन बना रही है. जो भारत के लिए good news है.
-भारत ने वर्ष 2023 में 10.9 अरब डॉलर के स्मार्टफोन का निर्यात किया था. जबकि वर्ष 2024 के पहले दो महीनों में कुल 2.43 अरब डॉलर का निर्यात किया है.
-वर्ष 2023 में संयुक्त अरब अमीरात को 2.57 अरब डॉलर के स्मार्टफोन का निर्यात किया गया था, इस तरह uae भारत के स्मार्टफोन का सबसे बड़ा बाजार था. इसी तरह भारत ने अमेरिका को 2.15 अरब डॉलर के स्मार्टफोन निर्यात किए.

भारत ने चीन को पीछे छोड़ दिया

2014 से पहले भारत में सिर्फ 2 manufacturing कारखाने थे. लेकिन वर्ष 2021 के बाद भारत में 200 से ज्यादा manufacturing units स्थापित हुई है. जिस तरह से चीन से एक-एक कर के दुनिया भर की कंपनियां दूसरे देशों की ओर रुख कर रही है. उससे साफ है कि दुनिया की बड़ी Economies का चीन से मोह भंग हो रहा है. दूसरी सबसे बड़ी बात ये है कि इन बड़ी कंपनियों को चीन में manufacturing cost ज्यादा लग रही है. भारत ने इस मामले में चीन को पीछे छोड़ दिया है. इसका मतलब है कि दुनिया में सबसे कम manufacturing cost भारत में है. इसी वजह से Apple और सैमसंग जैसी दुनिया की बड़ी मोबाइल कंपनी ने भारत को अपना दूसरा घर बना लिया है.

भारत ने मेक इन इंडिया के तहत जो प्रयास कुछ वर्ष पहले शुरू किए थे, उनका परिणाम अब दिखने लगा है. चाहे वो सामरिक क्षमता हो, सेना के लिए हथियार हों या फिर मोबाइल फोन का बाजार. भारत के कदम बढ़ रहे हैं और और देश लगातार प्रगति-पथ पर है.

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