Women Voters in 2024: 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 49 फीसदी महिला वोट मिले थे. जबकि कांग्रेस को सिर्फ 22 फीसदी वोट मिले थे. 2019 में बीजेपी को 56% महिला वोट मिला था. जबकि कांग्रेस का महिला वोट घट गया था. और ये 20 प्रतिशत रह गया था.
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Women Voters Turnout: पिछले 24 घंटे से भारत के चुनावी गलियारों में एक शब्द ट्रेंड कर रहा है और वो शब्द है शक्ति. राहुल गांधी के लिए शक्ति शब्द का अलग मतलब है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए अलग. 2024 की सरकार में हम इस मुद्दे पर बिल्कुल बात नहीं कर रहे. हम सिर्फ इस शक्ति में एक शब्द जोड़ रहे हैं नारी शक्ति. क्योंकि नारी शक्ति के आशीर्वाद के बिना ना ता जीत मिल सकती है और ना ही 400 पार का लक्ष्य तय किया जा सकता है.
नारी शक्ति की चुनावी ताकत समझिए
नारी शक्ति चुनाव के नजरिए से भी कितनी बड़ी ताकत है. ये भी समझ लीजिए. SBI की रिपोर्ट का अनुमान है कि इस बार के चुनाव में 49 फीसदी महिलाएं वोट डालेंगी. और 51 फीसदी पुरुष वोटिंग करेंगे. लेकिन आज से 5 साल बाद 2029 का लोकसभा चुनाव होगा तो महिला और पुरुष वोटरों का आंकड़ा 50-50 हो जाएगा और 2047 में महिला वोटर पुरुषों से भी आगे निकल जाएंगी. तब महिला वोटरों का आंकड़ा 55% होगा और पुरुष वोटरों का आंकड़ा 45 फीसदी होगा.
ये चौंकाने वाला आंकड़ा है, जिस रफ्तार से महिला वोटर्स चुनाव में भागीदारी कर रही हैं, उससे इस बार ये मुमकिन है कि चुनाव में महिला मतदाता पुरुष वोटर्स को पीछे छोड़ दें. लेकिन नारी शक्ति का आशीर्वाद किसके साथ है.
47 करोड़ से ज्यादा महिला वोटर्स
इस बार चुनाव में कुल 96 करोड़ 80 लाख वोटर हैं. इनमें महिला वोटरों की संख्या 47 करोड़ से ज्यादा है. ये संख्या कुल वोटर्स का 49 प्रतिशत है. महिला वोटर्स की संख्या पुरुष वोटर्स के करीब-करीब बराबर है. इस बार के चुनाव में पहली बार वोट डालने वाली महिलाओं की संख्या 85 लाख 30 हजार है. यही आंकड़े बताते हैं कि चुनावी में नारी शक्ति सभी दलों के लिए जरूरी है.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी को 24 घंटे के भीतर ही प्रधानमंत्री मोदी ने दक्षिण दिशा से ऐसा जवाब दिया, जिससे विरोधी खेमे में खलबली मच गई है. पीएम मोदी ने बड़ी संख्या में महिलाओं की मौजूदगी में राहुल के बयान को महिलाओं की अस्मिता से जोड़ जोरदार प्रहार किया है.
राहुल के बयान के बाद सियासत गरम
दरअसल मुंबई में रविवार को हुई इंडिया गठबंधन की रैली में राहुल गांधी ने शक्ति के विरुद्ध जंग का ऐलान किया था. यही नहीं उन्होंने हिंदू धर्म में मौजूद शक्ति की अवधारणा को भी जोड़ दिया था. राहुल ने कहा था कि हिंदू धर्म में शक्ति शब्द होता है. हम शक्ति से लड़ रहे हैं.
हिंदू धर्म में शक्ति.. देवी और दिव्य अलौकिक ताकत का प्रतीक होता है.. बस क्या था राहुल गांधी के बयान पर पीएम मोदी ने बिना देरी किए जवाब दिया. प्रधानमंत्री मोदी ने महिलाओं से भावनात्मक अपील करते हुए कहा कि ये चुनाव शक्ति का विनाश करने वालों और शक्ति की पूजा करने वालों के बीच है.
घिरे तो राहुल ने दी सफाई
अब राहुल गांधी का बयान उनकी खुद शक्ति की परीक्षा ले रहा है. बीजेपी खुल कर उनके विरुद्ध उतर आई है. राहुल गांधी घिरे तो उन्होंने सोशल मीडिया पर सफाई देते हुए कहा, 'मोदी जी को मेरी बातें अच्छी नहीं लगतीं, किसी न किसी तरह उन्हें घुमाकर वह उनका अर्थ हमेशा बदलने की कोशिश करते हैं क्योंकि वह जानते हैं कि मैंने एक गहरी सच्चाई बोली है. जिस शक्ति का मैंने उल्लेख किया, जिस शक्ति से हम लड़ रहे हैं, उस शक्ति का मुखौटा मोदी जी हैं'.
साफ है INDIA गठबंधन एक ओर सेल्फ गोल कर चुका है. जबकि देश की आधी आबादी के लिए मोदी सरकार लखपति दीदी योजना से लेकर मातृ वंदना योजना तक की सौगात देकर 2024 के रण में उतरी है.
बीजेपी की जीत में महिलाओं की बड़ी भूमिका
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिन 4 जातियों की बात की है, उनमें महिला भी एक जाति है. इस चुनाव में महिलाएं बहुत बड़ा रोल निभाने वाली हैं. मोदी की पिछली 2 जीत में भी महिलाओं की बड़ी भूमिका रही है.
2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 49 फीसदी महिला वोट मिले थे. जबकि कांग्रेस को सिर्फ 22 फीसदी वोट मिले थे. 2019 में बीजेपी को 56% महिला वोट मिला था. जबकि कांग्रेस का महिला वोट घट गया था. और ये 20 प्रतिशत रह गया था. बीजेपी को महिलाओं ने ज्यादा वोट किया तो ये आंकड़ा सीटों में भी तब्दील हो गया. 2014 में 282 के मुकाबले बीजेपी को 2019 में 303 सीटें मिलीं.
सरकार बनाने में महिलाओं की बड़ी भूमिका है. हर लोकसभा चुनाव में महिला वोटर्स की संख्या तेजी से बढ़ रही है.
2004 में महिला वोटर्स की संख्या 32 करोड़ थी
2009 में 34 करोड़
2014 में 38 करोड़
2019 में 44 करोड़
और अब 2024 में ये बढ़कर 47 करोड़ पहुंच गई है.
महिला हर चुनाव में बढ़ चढ़कर वोट कर रही हैं तो उन्हें उनका असली हक भी मिलना चाहिए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ये महिलाओं को ना सिर्फ सम्मान दिया..बल्कि उनका अधिकार भी दिलाया है.
महिलाओं के आत्मसम्मान की रक्षा के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान के तहत 11 करोड़ 40 लाख शौचालय का निर्माण कराया है.
महिलाओं को आर्थिक ताकत देने के लिए लखपति दीदी योजना की शुरुआत की है, इसके तहत 3 करोड़ महिलाओं को लखपति बनाने की योजना है.
मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक की जंजीरों से मुक्त कराया.
महिलाओं की राजनीतिक शक्ति बढ़ाने के लिए नारी शक्ति वंदन कानून लेकर आए, जिसमें महिलाओं को संसद में 33 फीसदी आरक्षण मिलेगा.
महिलाओं के जीवन और शिक्षा में सुधार के लिए बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना लेकर आए.
बेटियों का भविष्य बनाने के लिए सुकन्या समृद्धि योजना लेकर आए, जिसके तहत बेटियों का भविष्य आर्थिक रूप से सुरक्षित रहेगा.
अब राज्यों के आंकड़ों पर गौर फरमाइए
नारी शक्ति का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वंदन करते हैं और इसलिए नारी शक्ति बीजेपी को बंपर जीत देती हैं.
2019 लोकसभा चुनाव में जिस राज्य में महिला वोटरों की संख्या ज्यादा थी, वहां बीजेपी ने जबरदस्त जीत दर्ज की. अब कुछ राज्यों के आंकड़े जान लेते हैं.
उत्तर प्रदेश में 6 करोड़ 70 लाख महिला वोटर रही हैं, जिसकी वजह से बीजेपी गठबंधन ने यहां 80 में से 64 सीटों पर जीत दर्ज की है.
महाराष्ट्र सीटों के मामले में दूसरा सबसे बड़ा राज्य, यहां महिला वोटर्स की संख्या 4 करोड़ 22 लाख रही है. यहां बीजेपी गठबंधन को 41 सीटें मिली थीं.
पश्चिम बंगाल सीटों के मामले में तीसरा सबसे बड़ा राज्य, यहां 42 में से 18 सीटें बीजेपी को इसीलिए मिली थीं..क्योंकि यहां 3 करोड़ 40 लाख वोटर्स महिलाएं थीं.
बिहार में 3.35 करोड़ महिला वोटर्स थीं, जिसकी बदौलत 39 सीट मिली.
कर्नाटक में 2 करोड़ 52 लाख महिला वोटर्स की बदौलत बीजेपी को 25 सीटें मिलीं.
मध्य प्रदेश की 29 में 28 सीट इसीलिए मिली थीं..क्योंकि यहां 2 करोड़ 48 लाख महिला वोटर्स थी.
मतलब जहां ज्यादा महिला वोटर...वहां बीजेपी बड़ी बनकर उभरी.
जिस भी पार्टी के साथ नारी शक्ति होती है, उसी की सत्ता होती है. अब उन नेताओं के आंकड़े जानिए जिन्हें महिलाओं के वोट मिले तो सत्ता हासिल हुई.
नारी शक्ति से ही सत्ता शक्ति
सबसे पहला नाम तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ही है. 2019 लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी को 56 फीसदी महिलाओं के वोट मिले थे और वो दूसरी बार प्रधानमंत्री बने थे.
2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में योगी आदित्यनाथ को महिलाओं के 51 फीसदी वोट मिले थे, जिनकी वजह से वो दोबारा सीएम चुने गए.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को 2021 बंगाल विधानसभा चुनाव में महिलाओं के 48 फीसदी वोट मिले थे, जिसकी वजह से वो तीसरी बार मुख्यमंत्री चुनी गईं.
दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ भी यही हुआ. दिल्ली में 55 फीसदी महिलाओं ने उन्हें वोट दिया था, जिसकी वजह से वो 2020 में फिर से सीएम बन गए.
दक्षिण में मोदी का 'नारी वंदन'
तेलंगाना
महिला वोटर 1.63 करोड़
आंध्र प्रदेश
महिला वोटर 2.08 करोड़
कर्नाटक
महिला वोटर 2.70 करोड़
तमिलनाडु
महिला वोटर 3.14 करोड़
6 गेमचेंजर स्कीम
मातृ वंदना योजना
लाभार्थी - 3.48 करोड़
उज्ज्वला योजना
लाभार्थी - 10.30 करोड़
सुकन्या समृद्धि योजना
लाभार्थी - 3.20 करोड़
हर घर जल
लाभार्थी - 14.50 करोड़
लखपति दीदी योजना
लाभार्थी - 1 करोड़
स्वच्छ भारत मिशन
लाभार्थी - 11.40 करोड़