Uber : राइडिंग सर्विस प्रोवाइडर कंपनी उबर पर आरोप लगे कि उसके मार्केट में आने से टैक्सी ड्राइवरों का धंधा प्रभावित हुआ. कईयों को तो भारी नुकसान के चलते टैक्सी का काम बंद करना पड़ा. 8000 से अधिक टैक्सी ड्राइवरों, रेंटेड कार चलवाने वाले कार के मालिकों ने 2019 में उबर के खिलाफ कोर्ट का रुख किया.
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Uber Cab Booking: ऐप बेस्ड टैक्सी प्रोवाइडर कंपनी Uber को बड़ा झटका लगा है. लंबी कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद कंपनी को हार का सामना करना पड़ा. न केवल हार बल्कि उबर को 178 मिलियन डॉलर यानी करीब 14,75,99,73,600 रुपये का मुआवजा भी देना होगा. मामला ऑस्ट्रेलिया का है, जहॉं कानूनी हार के बाद अब उबर को ऑस्ट्रेलिया के टैक्सी ड्राइवर्स को 14 अरब रुपये का मुआवजा देगी.
क्या है पूरा मामला
राइडिंग सर्विस प्रोवाइडर कंपनी उबर पर आरोप लगे कि उसके मार्केट में आने से टैक्सी ड्राइवरों का धंधा प्रभावित हुआ. कईयों को तो भारी नुकसान के चलते टैक्सी का काम बंद करना पड़ा. 8000 से अधिक टैक्सी ड्राइवरों, रेंटेड कार चलवाने वाले कार के मालिकों ने 2019 में उबर के खिलाफ कोर्ट का रुख किया. टैक्सी ड्राइवरों ने तर्क दिया कि साल 2012 में जब उबर के ऑस्ट्रेलिया में एंट्री की, उसके बाद से उन्हें भारी नुकसान हो रहा है. टैक्सी ड्राइवरों के वकील माइकल डोनेली के मुताबिक ऐप बेस्ड कंपनी ऊबर ने पूरी ताकत लगाई, ताकि उसे टैक्सी ड्राइवर्स को मुआवजा न देना पड़े. टैक्सी ड्राइवर ने आरोप लगाया कि ऑस्ट्रेलिया में आने के बाद कंपनी ने कई गैर मान्यता प्राप्त ड्राइवरों के साथ बिना लाइसेंस वाली कारों के इस्तेमाल की छूट दे दी.
कंपनी को देना होगा मुआवजा
ड्राइवरों से कोर्ट से अपील की और कहा कि उबर के आने से उन्हें अपना 40 साल पुराना टैक्सी कारोबार बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ा. टैक्सी ड्राइवर्स की आय कम हो गई. कोर्ट में पांच साल से अधिक समय तक ये केस लगा. हजारों ड्राइवर अपने नुकसान को लेकर उबर के खिलाफ खड़े हो गए. अब कोर्ट ने उन्हें राहत देते हुए उबर को मुआवजा देने को कहा है. वहीं उबर ने इस पर कोई कमेंट नहीं किया. कंपनी ने कहा कि जब उबर देश में आया तो उस वक्त राइडशेयरिंग नियम दुनिया में कहीं भी मौजूद नहीं थे. उन्होंने कहा कि अब उबर अब पूरे ऑस्ट्रेलिया में हर राज्य और क्षेत्र में मौजूद है और वहां से ट्रांसपोर्ट सिस्टम क अहम हिस्सा है.