शनि कर्मों के अनुसार फल देने वाले देवता हैं. शनिवार के दिन शनि देव की पूजा करना बहुत लाभ देता है.
शनिवार को शनि मंदिरों में भारी भीड़ रहती है. लोग शनि देव के दर्शन करते हैं, सरसों का तेल अर्पित करते हैं.
शनि देव की पूजा हमेशा सूर्यास्त के बाद करना ही उचित माना गया है. इसी समय दीपक जलाएं.
शनि चालीसा का पाठ करें. ऐसा करने से शनि के कारण मिल रहे कष्टों से निजात मिलती है.
ध्यान रहे कि शनि देव के दर्शन करते समय या पूजा करते समय सीधे मूर्ति के सामने खड़े ना हों.
ना ही शनि देव की आंखों में सीधे देखें. ऐसा करने से शनि की नजर आप पर पड़ सकती है और आपका जीवन तबाह हो सकता है.
शनि की पूजा या दर्शन करते समय हमेशा नजरें नीचे रखें, उनकी आंखों में ना देखें.
धर्म-शास्त्रों के अनुसार एक श्राप के कारण शनि की आंखों में देखने वाले के साथ अनिष्ट होने की आशंका रहती है.