Elon Musk ला रहे 'डायरेक्ट-टू-सेल' सैटेलाइट कनेक्टिविटी, जानें यूजर्स के लिए कैसे करेगा काम
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Elon Musk ला रहे 'डायरेक्ट-टू-सेल' सैटेलाइट कनेक्टिविटी, जानें यूजर्स के लिए कैसे करेगा काम

Starlink Direct to Cell: स्पेसएक्स ने फैल्कन 9 अंतरिक्ष यान पर स्टारलिंक इंटरनेट सैटेलाइट्स का शुरूआती सेट लॉन्च कर दिया है, जिसका लक्ष्य डायरेक्ट-टू-सेल कैपेबिलिटीज की पेशकश करना और स्मार्टफोन पर सैटेलाइट ब्रॉडबैंड प्रदान करना है.

 

Elon Musk ला रहे 'डायरेक्ट-टू-सेल' सैटेलाइट कनेक्टिविटी, जानें यूजर्स के लिए कैसे करेगा काम

Starlink Direct to Cell: Elon Musk के नेतृत्व में स्पेसएक्स ने 2024 में फैल्कन 9 अंतरिक्ष यान पर स्टारलिंक इंटरनेट सैटेलाइट्स के शुरुआती सेट के लॉन्च के साथ एक ने प्रोजेक्ट को शुरू कर दिया है. प्रक्षेपण 2 जनवरी को रात 10:44 बजे हुआ है. इन सैटेलाइट्स उपग्रहों का लक्ष्य डायरेक्ट-टू-सेल कैपेबिलिटीज ऑफर \करना है, जिससे स्मार्टफोन पर सीधे सैटेलाइट ब्रॉडबैंड तक पहुंच मिल जाएगी. ये सुविधा दुनिया भर के यूजर्स के लिए बेहद ही जरूरी है जिससे हाई-स्पीड इंटरनेट चलाना संभव हो पाएगा.

धरती के ऑर्बिट में भेजे गए सैटेलाइट्स 

लॉन्च के दौरान, कैलिफोर्निया के वैंडेनबर्ग स्पेस फोर्स बेस में स्पेस लॉन्च कॉम्प्लेक्स 4 ईस्ट (SLC-4E) से कुल 21 स्टारलिंक उपग्रहों को कम-पृथ्वी की कक्षा में भेजा गया था. विशेष रूप से, मिशन में डायरेक्ट-टू-सेल क्षमताओं से लैस शुरुआती छह स्टारलिंक उपग्रहों की तैनाती शामिल थी.
   
आधिकारिक स्टारलिंक वेबसाइट में कहा गया है, “इस लॉन्च में डायरेक्ट टू सेल क्षमताओं वाले पहले छह स्टारलिंक उपग्रह शामिल होंगे जो दुनिया भर के मोबाइल नेटवर्क ऑपरेटरों को टेक्स्टिंग, कॉलिंग और ब्राउज़िंग के लिए जोरदार ग्लोबल रीच ऑफर करने में सक्षम बनाएंगे, चाहे आप जमीन, झीलों पर हों या फिर कोस्टल इलाके में हों. 

व्यावहारिक रूप से, अपने स्मार्टफोन पर स्टारलिंक सेवा का उपयोग करने वाले लोगों को अब ये फ़िक्र करने की जरूरत नहीं रह जाएगी कि वो कहां पर मौजूद हैं. उन्हें बस जोरदार मोबाइल फोन कनेक्टिविटी का मजा लेना है. 

लॉन्च के एक एलिमेंट के रूप में, फैल्कन 9 का प्रारंभिक चरण टेकऑफ़ के केवल 8.5 मिनट बाद पृथ्वी पर लौट आया, और प्रशांत महासागर में 'ऑफ कोर्स आई स्टिल लव यू' ड्रोनशिप पर सफलतापूर्वक उतर गया. स्टारलिंक का लक्ष्य संपूर्ण पृथ्वी को कवर करने वाला एक सैटेलाइट इंटरनेट नेटवर्क बनाना है. मौजूदा समय में, 5100 से अधिक एक्टिव सैटेलाइट्स लॉन्च किए गए हैं, और प्रत्येक बाद के लॉन्च के साथ यह संख्या बढ़ती जा रही है.

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