इस एक्ट्रेस के साथ काम करने के लिए धर्मेंद्र ने किया 10 साल इंतजार, पहली बार हो गए थे स्क्रीन टेस्ट में फेल
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इस एक्ट्रेस के साथ काम करने के लिए धर्मेंद्र ने किया 10 साल इंतजार, पहली बार हो गए थे स्क्रीन टेस्ट में फेल

Bollywood Retro: बॉलीवुड के एक्शन हीरो धर्मेंद्र को 'लव इन शिमला' में साधना के साथ काम करने का मौका मिल सकता था, लेकिन स्क्रीन टेस्ट में उन्हें फेल कर दिया गया था. अगर धर्मेंद्र 'लव इन शिमला' करते तो वह साधना के पहले हीरो होते. इस फिल्म के 10 साल बाद धर्मेंद्र और साधना ने एक फिल्म में साथ काम किया था.

फिल्म के स्क्रीन टेस्ट में फेल हो गए थे धर्मेंद्र

Bollywood Retro: आर.के. नैय्यर की फिल्म 'लव इन शिमला' (Love in Simla) बॉलीवुड की सुपरहिट फिल्मों में से एक साबित हुई. यह फिल्म 1960 में रिलीज हुई थी और दर्शकों को सिल्वर स्क्रीन पर एक फ्रैश जोड़ी को देखने को मिली थी. यह फ्रैश जोड़ी थी- जॉय मुखर्जी (Joy Mukherjee) और साधना शिवदासानी (Sadhana Shivdasani) की. फिल्म में स्मार्ट और डैशिंग देव कुमार मेहरा की भूमिका निभाकर जॉय मुखर्जी ने रातों-रात स्टारडम हासिल कर लिया था. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि यह भूमिका सबसे पहले कथित तौर पर धर्मेंद्र (Dharmendra) को ऑफर की गई थी?

अनुभवी अभिनेता धर्मेंद्र ने 1960 में अर्जुन हिंगोरानी की फिल्म 'दिल भी तेरा हम भी तेरे से' बॉलीवुड में अपनी शुरुआत की थी. कथित तौर पर, धर्मेंद्र 'लव इन शिमला' के लिए पर्दे पर साधना शिवदासानी के साथ रोमांस करने के लिए तैयार थे. हालांकि, यह संभव नहीं हो पाया. 

'लव इन शिमला'  के लिए पहली पसंद थे धर्मेंद्र
रिपोर्ट्स की मानें तो 'लव इन शिमला' के लिए बॉलीवुड के 'हीमैन' धर्मेंद्र  पहली पसंद थे. धर्मेंद्र ने इसके लिए स्क्रीन टेस्ट भी दिया था, लेकिन उन्हें रिजेक्ट कर दिया गया. कथित तौर पर वह फिल्म के लुक में फिट नहीं थे, इसलिए उन्हें साधना शिवदासानी के साथ काम करने का मौका नहीं मिल पाया था. इस स्क्रीन टेस्ट में रिजेक्ट होने के 10 साल बाद धमेंद्र को साधना के साथ काम करने का मौका मिला था.

 
 
 
 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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जॉय मुखर्जी के पिता ने किया था फिल्म का निर्माण
'लव इन शिमला' का निर्माण शशधर मुखर्जी ने किया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रोड्यूसर इस फिल्म के जरिए अपने बेटे जॉय मुखर्जी को बॉलीवुड में लॉन्च करना चाहते थे. जॉय मुखर्जी किशोर कुमार और अशोक कुमार के भतीजे भी हैं. माना जाता है कि यही कारण था कि धर्मेंद्र फिल्म का हिस्सा नहीं बन पाए थे.

काजोल के चाचा हैं जॉय मुखर्जी
दिलचस्प बात यह है कि फिल्म के निर्माता शशधर मुखर्जी बॉलीवुड अभिनेत्री काजोल के दादा हैं. शशधर मुखर्जी के बेटे शोमू मुखर्जी ने बॉलीवुड एक्ट्रेस तनुजा से शादी की थी. ऐसे में जॉय मुखर्जी रिश्ते में काजोल के चाचा लगे.

धर्मेंद्र ने 10 साल बाद किया साधना के साथ काम
इस बीच रिजेक्शन के बाद धर्मेंद्र ने फिल्म इंडस्ट्री में खुद ही अपना रास्ता बनाया. उन्होंने बॉलीवुड को कुछ सुपरहिट फिल्में दीं, जैसे मोहन कुमार की 'अनपढ़' (1962) जिसमें माला सिन्हा, अरुणा ईरानी और अन्य ने अभिनय किया. उन्होंने 1960 से 1970 तक सिल्वर स्क्रीन पर राज किया और बॉक्स ऑफिस पर शोला और शबनम, हकीकत, बंदिनी, फूल और पत्थर और अनुपमा जैसी हिट फिल्में दीं. 1970 में धर्मेंद्र को आखिरकार साधना शिवदासानी के साथ स्क्रीन साझा करने का मौका मिला. वे फिल्म 'इश्क पर जोर नहीं' के लिए एक साथ आए.

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