Success Story: मजदूर पिता के बेटे के संघर्ष-संकल्प और मेहनत की कहानी, UPSC पास करके कायम की मिसाल
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Success Story: मजदूर पिता के बेटे के संघर्ष-संकल्प और मेहनत की कहानी, UPSC पास करके कायम की मिसाल

Success Story: एमपी के नीलेश अहिरवार ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में सफलता हासिल की. उनके माता-पिता मजदूरी करके अपना घर चलाते हैं. बेटे के संकल्प और मेहनत ने पूरे परिवार की तकदीर बदल दी.

Success Story: मजदूर पिता के बेटे के संघर्ष-संकल्प और मेहनत की कहानी, UPSC पास करके कायम की मिसाल

Nilesh Ahirwar Success Story: आज हम सफलता की कहानी में एक ऐसे युवा के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसने अपनी स्थिति से कही बड़ा सपना देखा और उसे पूरा भी किया. हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश के एक छोटे से गांव ईशपुर के निवासी निलेश अहिरवार की, जिन्होंने पीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2023 में सफलता हासिल कर एक मिसाल कायम कर दी. निलेश अहिरवार ने यूपीएससी 2023 में 916 रैंक हासिल है है. निलेश के लक्ष्य को हासिल करने और सफलता के इस सफर में उनके माता-पिता ने भी कड़ी मेहनत कर की है.

गांव में दो कमरे के मामूली से खपरैल वाले मकान में बिना किसी सुख-सुविधा के छोटी सी उम्र में निलेश ने देश की सबसे कठिन परीक्षा पास की है. 24 वर्षीय निलेश ने खुद को तपाकर कुंदन कर लिया और पूरे परिवार के मुश्किल हालातों को बदल कर रख दिया.

पूरे गांव को है नाज
निलेश के पिता रामदास गांव में ही राज मिस्त्री का काम करते हैं. दलित समाज से आने वाले निलेश की सफलता पर पूरे गांव फक्र कर रहा है. उनकी स्कूली शिक्षा सरकारीस्कूल से ही हुई है. उनकी शुरुआती पढ़ाई गांव के प्राइमरी स्कूल से की हुई, बाद में 9वीं से 12वीं तक की पढ़ाई के लिए तवानगर मॉडल स्कूल में एडमिशन लिया. 12वीं के बाद उन्होंने 2020 में महात्मा गांधी ग्रामोद्योग यूनिवर्सिटी चित्रकूट से एग्रीकल्चर में बीटेक किया.

ऐसे की यूपीएससी की तैयारी
इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद निलेश ने गांव लौटकर यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने का फैसला लिया. बताया जाता है कि अपने छोटे घर में पढ़ने के लिए उन्होंने रसोई घर को चुना, जहां टेबल-कुर्सी लगाकर उसे स्टडी रूम की तरह इस्तेमाल किया. आसमान से बरसती गर्मी हो या बारिश हर मौसम को झेला, तपती टिन की छत और चूल्हे की गर्मी को सहन करते हुए भी वे पढ़ाई में लगे रहे. इतनी मेहनत के बाद भी वह साल 2021 और 2022 में यूपीएससी  प्रीलिम्स भी क्लियर नहीं कर पाए. 

तीसरे अटैम्प्ट में मिली सफलता
लगातार दो प्रयासों में मिली हार के बाद उन्होंने भोपाल जाकर तैयारी करने का फैसला लिया, जो उनके लिए सही साबित हुआ. यहां पर उनकी मेहनत रंग लाई और तीसरे अटैम्प्ट में प्रीलिम्स क्रैक ही लिया. इसके बाद उन्होंने कोई रिस्क ना लेते हुए मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिए दिल्ली का रुख किया. यहां पर अपने दोस्तों के पास रहकर तीन महीने दिन-रात पढ़ाई की. नतीजनत उनकी मेहनत रंग लाई और वह मेन्स और इंटरव्यू दोनों क्लियर कर गए. फाइनल रिजल्ट में निलेश ने 916 रैंक के साथ यूपीएससी में कामयाबी हासिल की और इस तरह से अपने नसीब और आर्थिक हालात बदलकर रख दिए.  

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