आखिर क्यों रखे जाते हैं 16 सोमवार के व्रत, जाने इसका कारण

Solah Somvar Vart

लोग 16 सोमवार व्रत भगवान शिव की कृपा पाने के लिए करते हैं. मान्यता है कि 16 सोमवार व्रत से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. आइये जानते है इसके महत्व के बारे में .

व्रत की उत्पत्ति

पुराणों के अनुसार 16 सोमवार के व्रत की कथा माता पार्वती से जुड़ी हुई है. उन्होंने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या और इस व्रत का पालन किया था.

शिवजी की पूजा

इस व्रत में शिवजी की पूजा, आरती और मंत्रों का जाप किया जाता है. इस दिन शिवलिंग की विशेष पूजा की जाती है.

उपवास का नियम

व्रतधारी केवल एक समय फलाहार करते हैं और पूरे दिन उपवास रखते हैं. मंत्रोच्चारण और भजन-कीर्तन भी किया जाता है.

व्रत की कथा

इस व्रत से जुड़ी कई धार्मिक कथाएं हैं जिनमें प्रमुख कथा सावित्री और सत्यवान की है.

विवाह के लिए व्रत

अविवाहित लड़कियां अच्छे पति की प्राप्ति के लिए 16 सोमवार का व्रत करती हैं.

संतानों के लिए

माता-पिता संतान सुख और उनके उज्जवल भविष्य के लिए यह व्रत रखते हैं.

वैज्ञानिक दृष्टिकोण

व्रत करने से व्यक्ति के शरीर को डिटॉक्सिफाई करने में मदद मिलती है और मानसिक शांति प्राप्त होती है. इससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है.

व्रत का समापन

व्रत का समापन शिवजी की आरती और प्रसाद वितरण से होता है. भक्तों के बीच प्रसाद के रूप में मीठे व्यंजन बांटे जाते हैं.

समर्पण और विश्वास

यह व्रत समर्पण और भगवान शिव में अटूट विश्वास का प्रतीक है. इस व्रत की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है. आधुनिक समय में भी इसका महत्व बरकरार है.

Disclaimer

इस लेख में दी गई सूचना सामान्य जानकारी और तथ्यों पर आधारित है. ZeePHH इसकी पुष्टि नहीं करता.

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