Bihari Wedding Rituals: तिलक से लेकर भैसुर निरीक्षण तक, ये हैं बिहारी शादियों की अनोखी रस्में

छेका समारोह

बिहारी शादियों में होने वाले छेका समारोह में दूल्हा और दुल्हन के परिवार के लोग एक दूसरे से शगुन के उपहारों का आदान प्रदान करते हैं. होने वाले वर और वधु को लोग शगुन देकर आशीर्वाद देते हैं.

हल्दी कुटाई

हल्दी को किसी भा काम के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है. बिहार की शादियों में हल्दी कुट कर ही दूसरे रस्मों की शुरुआत की जाती है.

तिलक समारोह

बिहार की शादियों में तिलक को एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान माना गया है. शादी के पहले इस होने वाले इस रस्म में दुल्हन का भाई दूल्हे को तिलक लगाकर उसका सम्मान करता है.

सिलपोहना और इमली घुटाई

सीलपोहना और इमली घोटाई को शादी से पहले होने वाली आखिरी रस्म कहा जाता है. शादी की अन्य रस्में इसके बाद शुरू हो जाती है. इमली घुटाई की रस्म में दूल्हे के मामा दूल्हे को बुरी आदतों और चीजों से दूर रहने की सलाह देते हैं.

कंगन बंधन

इस रस्म में दूल्हे और दुल्हन की कलाई में कंगन बांधा जाता है, जो शादी संपन्न होने के बाद दूल्हे और दुल्हन के द्वारा दूल्हे के घर में खोला जाता है.

कन्यादान

बिहारी शादियों के दौरान होने वाला ये सबसे शुभ समारोह है. दुल्हन के माता-पिता इस रस्म में अपनी बेटी दूल्हे को दे देते हैं.

भैसुर निरीक्षण

शादी की रस्म में दूल्हे का बड़ा भाई दुल्हन को आभूषण और कपड़े उपहार के रूप में देता है. भैसुर निरीक्षण के बाद ही फेरे का रस्म किया जाता है.

चौथारी

चौथारी के दिन दूल्हे के घर में दुल्हन की मुंह दिखाई और उसका स्वागत आरती होती है. इस दिन घर के सभी बड़े नवविवाहित जोड़े को आशीर्वाद देते हैं.

VIEW ALL

Read Next Story