बिल गेट्स ने इनफ़ोसिस के CEO के सप्ताह में 70 घंटे काम की थ्योरी को नाकारा; बोले- लागू हो 3 डेज वर्किंग
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बिल गेट्स ने इनफ़ोसिस के CEO के सप्ताह में 70 घंटे काम की थ्योरी को नाकारा; बोले- लागू हो 3 डेज वर्किंग

Bill Gates On Working Day's : ट्रेवर नोआ के साथ उनके पॉडकास्ट " WHAT NOW" के लिए दिए गए एक इंटरव्यू में आने वाले समय में AI पर बात करते हुए माइक्रोसॉफ्ट के को-फाउंडर बिल गेट्स बोले की आने वाले समय में AI की मदद से ऑफिस जाने वालों के लिए हफ्ते में 3 दिन काम और 4 दिन आराम अब होगा मुमकिन.

 

बिल गेट्स ने इनफ़ोसिस के CEO के सप्ताह में 70 घंटे काम की थ्योरी को नाकारा; बोले- लागू हो 3 डेज वर्किंग

भाग-दौड़ की इस जिन्दगी में थकना मना है. ये बात सुनने में जितनी अच्छी लगती है, दरअसल असल जिन्दगी में इतनी अच्छी है नहीं. क्योंकि इंसानी शरीर की भी एक लिमिट है. हम सुबह उठते हैं. अपने काम-काज निपटाते हैं. फिर अपने शरीर को आराम देने के लिए सो जाते हैं, ताकि फिर से रिफ्रेश हो कर एक नए दिन की अच्छी शुरुआत कर सकें. इंसान को शारिरिक और मानसिक दोनों तौर पर आराम की सख्त जरूरत है, लेकिन आज के इस भाग-दौड़ वाले समय में या तो हम अपना शरीर साध पाते हैं या फिर मन ही साध पाते हैं. ऐसे में बहुत ज़रूरी हो जाती है, एक ऐसी दिनचर्या जो हमें शरीर और मन दोनों स्तर को बैलंस करने के लिए जरुरी हो. पश्चिमी देशों में इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए शोधकर्ता, आए दिन नई नई शोध प्रकाशित करते रहें हैं, जहां हमें वर्क लाइफ बैलेंस, मेंटल पीस at वर्क जैसे कॉन्सेप्ट्स के बारे में पता चलता है. आइए, आज इस मुद्दे पर छिड़ी नई बहस के बारे में आपको बताते हैं .

दरअसल, कुछ दिन पहले इन्फोसिस के सीइओ नारायण मूर्ति  ने एक बयान दिया था जिसमें उन्होंने एक हफ्ते में 70 घंटे काम करने की वकालत की थी, लेकिन अब बिल गेट्स ने  AI की मदद से 3 दिन काम और 4 दिन आराम का आईडिया दे कर फिर से नारायण मूर्ति के बयान को चर्चा में ला दिया है.

क्या बोले बिल गेट्स?
माइक्रोसॉफ्ट के को-फाउंडर बिल गेट्स का कहना है की टेक्नोलॉजी कभी भी इन्सान का स्थान नही ले सकती. मगर इन्सान का काम आसन करने में मदद ज़रूर कर सकती है. दक्षिण अफ्रीकी हास्य अभिनेता और लेखक ट्रेवर नोआ के पॉडकास्ट में बात करते हुए और AI पर अपने विचार साझा करते हुए गेट्स बोले की आने वाला समय भले ही AIका है मगर AI कभी भी इन्सान की जगह नही ले सकता. उल्टा वह इन्सान का काम आसन ज़रूर बना सकता है. आज जहाँ COVID के बाद लाखों करोड़ों लोग फिर से ऑफिस जाना शुरू कर रहे हैं. हफ्ते में 6 दिन काम करने वाले कल्चर को लेकर अपनी असहमति जाता रहा है, वहां AI की मदद से 3 डेज वर्क वीक का कल्चर लाना मुमकिन है. इस बात के संबंध में जब नोआ ने गेट्स से सवाल किया की इसे में क्या AI को हम एक खतरे के तौर पर देख सकते है, तो जवाब में गेट्स ने कहा TECHNOLGY इन्सान का काम आसन करने और समय को बचाने के लिए ही आई है और  आने वाले कुछ समय के बाद एक वक्त एसा भी आएगा जब मनुष्य को इतना हार्ड वर्क करने की ज़रूरत ही नही पड़ेगी. बिल गेट्स ने आगे कहा कि AI की मदद से इंसानों के सप्ताह में 3 दिन काम और 4 दिन आराम करने के नए चलन की शुरुआत हो सकती है. 

AI की समाज में एक्सेप्टेंस को लेकर क्या बोले गेट्स?
बिल गेट्स ने हाल ही में एक पॉडकास्ट में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI)के समर्थन में अपने विचार साझा किए और कहा  कि आने वाले समय में AI समाज को  प्रभावित कर सकता है और समाज पूरी तरह से उसे अपना लेगा. एआई के सभी पहलुओं में चर्चा करते हुए उन्होंने अपनी राय पेश करते हुए  कहा, "इंसानों को सिर्फ नौकरी करने के लिए ही नहीं, बल्कि  रचनात्मक कार्यों में भी लगना चाहिए." उनका मानना है कि एआई की मदद से लोग सप्ताह में कम समय में ज़यादा काम करके और अधिक समय रचनात्मक गतिविधियों में बिता सकते हैं, जिससे उनका जीवन सुखद बन सकता है.  साथ ही उन्होने यह भी कहा कि इस परिवर्तन के साथ ही हमें शिक्षा और योजनाओं में भी सुधार करना होगा, ताकि लोग नए क्षेत्रों में रचनात्मकता का आनंद ले सकें. बिल गेट्स का यह  विचार आम जनता के बीच में एक चर्चा का केंद्र बन रहा है  क्योंकि एआई की  प्रगति और समाज पर इसके प्रभाव के बारे में आज के दौर में काफी  विचार किए जा रहे हैं.

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