बिहार के इन 17 संस्थानों को नर्सिंग कोर्स कराने की इजाज़त; बाकी से होशियार रहें छात्र !
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बिहार के इन 17 संस्थानों को नर्सिंग कोर्स कराने की इजाज़त; बाकी से होशियार रहें छात्र !

Bihar News: बिहार सरकार ने 17 संस्थानों को एएनएम (ANM), जीएनएम (GNM), बीएससी नर्सिंग पाठ्यक्रम ( Bsc Nursing ) शुरू करने की मंजूरी दी. जानें किन संस्थाओं को इस कोर्स को शुरू करने की इजाजत मिली है.

 

बिहार के इन 17 संस्थानों को नर्सिंग कोर्स कराने की इजाज़त; बाकी से होशियार रहें छात्र !

Bihar News: बिहार सरकार ने पारा मेडिकल के आगामी सेशन को लेकर बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने छात्रों को ध्यान में रखते हुए   17 नर्सिंग संस्थानों ( Nursing Institutions ) को ‘इंडियान नर्सिंग काउंसिल’ (INC) की गाइड लाइंस के मुताबिक ऑक्जिलरी नर्सिंग मिडवाइफरी (ANM), जनरल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी (GNM) और बीएससी नर्सिंग सिलेबस ( BSc Nursing Syllabus ) शुरू करने की इजाजत दे दी है.

राज्य हेल्थ डिपार्टमेंट ( State Health Department ) ने इस संबंध में 16 फरवरी को एक नोटिफिकेशन जारी की थी. नोटिफिकेशन के मुताबिक, सभी 17 नर्सिंग संस्थानों में टोटल 1,020 सीट होंगी. जिसमें से प्रत्येक संस्थान को 60-60 सीटें अलॉट की गई हैं.एएनएम (ANM) दो साल का डिप्लोमा सिलेबस है और जीएनएम तीन साल का है, जिसमें छह महीने की इंटर्नशिप भी शामिल है.

वहीं, बीएससी नर्सिंग चार साल का ग्रेजुएट डिग्री प्रोग्राम है. नोटिफिकेशन में कहा गया है कि इंडियान नर्सिंग काउंसिल और बिहार सरकार के गाइडलाइन्स के मुताबिक 9 संस्थान एएनएम सिलेबस मुहैया कराएंगे. जबकि चार संस्थान जीएनएम सिलेबस पेश करेंगे. चार संस्थान बीएससी नर्सिंग ( BSc Nursing ) सिलेब पेश करेंगे.

इन संस्थाओं को मिली इजाज़त 
एएनएम (ANM) सिलेबस संचालित करने वाले इंस्टीट्यूट मंझौल (बेगूसराय), मधेपुरा, नौगछिया, पालीगंज (पटना), पकड़ीदयाल (पूर्वी चंपारण), रक्सौल (पश्चिम चंपारण), फुलपरास (मधुबनी) और धमदाहा और बायसी (पूर्णिया) में हैं.

वहीं, जीएनएम सिलेबस शुरू करने वाले संस्थाओं में मधुबन (सीतामढ़ी), मोतिहारा (किशनगंज), नालंदा और नवादा हैं. इसके अलावा जो कॉलेज बीएससी (नर्सिंग) सेलिबस प्रदान करेंगे वे पूर्णिया, बेतिया, सारण और मुजफ्फरपुर जिलों में हैं. 

बता दें कि बीते 1 फरवरी को UGC ने निर्देशों की अवहेलना करने के लिए 421 कॉलेजों को डिफाल्टर घोषित कर दिया था, जिसमें से मध्य प्रदेश के 18 यूनिवर्सिटी शामिल थे. यूजीसी (UGC) ने इन सभी यूनिवर्सिटीज को लोकपाल की नियुक्ति करने के निर्देश जारी किए थे, लेकिन यूनिवर्सिटी के मैनेजमेंट के द्वारा घोर लापरवाही बरती गई और लोकपाल की नियुक्तियां नहीं की गईं. इसके बाद UGC ने गंभीर लापरवाही की वजह से 421 कॉलेजों को डिफाल्टर घोषित कर दिया.

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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