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राफा पर रार! अमेरिका ने नेतन्याहू को दिया झटका, हथियारों की सप्लाई पर लगाई रोक

Israel Hamas war :  अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने नेतन्याहू को एक बड़ा झटका दिया है. बता दें, कि राष्ट्रपति जो बाइडन ने पहली बार कहा है कि उनका देश इजरायल को हथियारों की सप्लाई रोक दी है. बता दें, कि 8 मई को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सीएनएन से बात करते हुए बोला था, कि मैंने साफ कहा है कि अगर उन्होंने राफा पर हमला किया तो मैं हथियारों की सप्लाई बंद कर दूंगा. बता दें, कि अमेरिका इजराइल को सबसे बड़ा हथियार सप्लायर है. 

 

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अमेरिका ने इजरायल के कुछ हथियारों की शिपमेंट रोक दी है. ये पहली बार है जब अमेरिका ने इजरायल हमास जंग के बीच हथियारों की सप्लाई पर रोक लगाई है. वैसे तो ये रोक पर्मानेंट नहीं है. लेकिन इसे कड़ी चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है क्योंकि इजरायल ने अमेरिका की अपील के बावजूद राफा में ऑपरेशन शुरू किया, इसलिए सख्ती दिखाना उसकी मजबूरी है.

 

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ये सख्ती कब तक कायम रहेगी ये कहना मुश्किल है. बता दें, कि 8 मई को राष्ट्रपति बाइडेन ने सीएनएन से बात करते हुए बोला कि मैंने साफ कहा है कि अगर उन्होंने राफा पर हमला किया तो मैं हथियारों की सप्लाई बंद कर दूंगा. जिसका इस्तेमाल राफा या दूसरे क्षेत्रों में हो सकता है. ऐसे में अमेरिका की चेतावनी से लेकर इजरायल को हथियारों की सप्लाई रोकने के असर पर आज हम बात करेंगे.  

 

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अमेरिका इजराइल को सबसे बड़ा हथियार सप्लायर है, उसके बाद जर्मनी और इटली हैं.  अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार, इजराइल को निलंबित हथियारों की डिलीवरी में 1,800 2,000-पाउंड (907-किलो) बम और 1,700 500-पाउंड बम शामिल थे. 

 

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एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि 2,000 पाउंड के बमों के इस्तेमाल और घने शहरी इलाकों जैसे राफा में उनके प्रभाव के बारे में चिंताओं से यह फैसला लिया गया है. साल 2016 में अमेरिका और इजराइल के बीच 2018-2028 की अवधि को कवर करने के लिए तीसरे 10-वर्षीय समझौता पर सिग्नेचर हुए थे. 

 

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इस डील के तहत सैन्य सहायता में $38 बिलियन (3.17 लाख करोड़ रुपये), सैन्य उपकरण खरीदने के लिए अनुदान में $33 बिलियन (2.75 लाख करोड़ रुपये) और मिसाइल रक्षा प्रणालियों के लिए $5 बिलियन (4,17,40 करोड़ रुपये) का प्रावधान किया गया था. 

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स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (एसआईपीआरआई) द्वारा जारी मार्च फैक्टशीट के अनुसार, 2019-2023 की अवधि में इजराइल को अमेरिका से 69 प्रतिशत सैन्य सहायता प्राप्त हुई. इजराइल यूएस F-35 ज्वाइंट स्ट्राइक फाइटर का पहला अंतर्राष्ट्रीय ऑपरेटर है, जिसे अब तक का सबसे तकनीकी रूप से उन्नत फाइटर जेट माना जाता है. 

 

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इजराइल 75 एफ-35 खरीदने की प्रक्रिया में है और पिछले साल तक 36 की डिलीवरी ले चुका था. इजरायल इसके लिए अमेरिकी सहायता से भुगतान कर रहा था. अमेरिका ने इजराइल को उसकी आयरन डोम कम दूरी की रॉकेट रक्षा प्रणाली विकसित करने और हथियारों से लैस करने में भी मदद की है, जिसे इजराइल और लेबनान स्थित हिजबुल्लाह के बीच 2006 के युद्ध के बाद विकसित किया गया था. 

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संयुक्त राज्य अमेरिका ने अपनी इंटरसेप्टर मिसाइलों को फिर से भरने में मदद के लिए इजराइल को बार-बार करोड़ों डॉलर भेजे हैं. इसके अलावा, वाशिंगटन ने इजराइल की "डेविड्स स्लिंग" प्रणाली के विकास के लिए धन देने में मदद की है, जिसे 100 किमी से 200 किमी (62 मील से 124 मील) दूर से दागे गए रॉकेटों को मार गिराने के लिए डिजाइन किया गया है.

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