War in Gaza: 'मैं सुबह 6 बजे कब्रिस्तान आता हूं और शाम 6 बजे तक रहता हूं. 30, 40 लोगों के लिए सामूहिक कब्रें तैयार करने के लिए, मैंने 167 सामूहिक कब्रें बनाई हैं
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Israel-Hamas War News: सादी बराका सुबह उठते हैं और शाम होने तक काम करते हैं. वह मिट्टी खोदते हैं क्योंकि वह गाजा के मृतकों को सम्मान के साथ कब्रिस्तान में दफनाते हैं. उनका कहना है कि कब्रिस्तान में जगह नहीं बची है. सीएएन की रिपोर्ट के मुताबिक मध्य गाजा में दीर अल-बलाह में कब्रिस्तान, हाल के महीनों में कई बार विस्तारित किया गया है क्योंकि शवों के अंतहीन सिलसिले का यहां आना जारी है.
बराका का कहना है कि इजरायल द्वारा गाजा पर आक्रमण शुरू करने के बाद से उन्होंने 16,880 लोगों को दफनाया है. यह संख्या गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा बताए गए 30,631 लोगों की आधे से अधिक. इजरायल का अनुमान है कि मारे गए लोगों में से लगभग 10,000 हमास लड़ाके हैं.
बराका ने सोमवार को सीएनएन को बताया, 'मैं सुबह 6 बजे कब्रिस्तान आता हूं और शाम 6 बजे तक रहता हूं. 30, 40 लोगों के लिए सामूहिक कब्रें तैयार करने के लिए, मैंने 167 सामूहिक कब्रें बनाई हैं. मैं बस यही उम्मीद करता हूं कि वे हमें कुछ टाइलें और सीमेंट भेजें ताकि हम लोगों को सम्मान के साथ दफना सकें.'
64 वर्षीय बराका, काफी पहले से ही कब्र खोदने का काम करते थे. लेकिन उनका कहना है कि 7 अक्टूबर के बाद से उन्होंने जो भयावहता देखी है - टुकड़ों में बंटे बच्चे, पूरे परिवार को एक साथ दफनाया जाना, दसियों लोगों से भरी कब्रें' - उसे समझना मुश्किल है.
बराका ने कहा, 'मैं सोने की कोशिश करता हूं और मैं कसम खाता हूं कि अगर मैं 2 किलो नींद की गोलियां भी खा लूं तो भी नहीं सो पाऊंगा.'
बराका का अनुमान है कि जिन लोगों को उसने दफनाया है उनमें से लगभग 85% महिलाएं और बच्चे हैं. वह कहते हैं, 'उन्होंने सभी महिलाओं को मार डाला. वे सभी मारे गईं क्योंकि वे घर पर रहती थीं.'
सीएएन की रिपोर्ट के अनुसार विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का कहना है कि मरने वालों में से कई इजरायली हवाई हमलों में मारे गए हैं, जिन्होंने गाजा को लगभग पांच महीने तक तबाह कर दिया है, हालांकि कई लोग अब भूख से मर रहे हैं.
डब्ल्यूएचओ की एक टीम ने सोमवार को कहा कि उसने हाल ही में गाजा के उत्तर की यात्रा के दौरान पाया कि 'कुपोषण का स्तर गंभीर है, बच्चे भूख से मर रहे हैं, ईंधन, भोजन और मेडिकर सप्लाई की गंभीर कमी है, अस्पताल की इमारतें नष्ट हो गई हैं.'