आजमगढ़ में होगा खेला! सपा में गुड्डू जमाली की एंट्री, अखिलेश ने दिलाई सदस्यता
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आजमगढ़ में होगा खेला! सपा में गुड्डू जमाली की एंट्री, अखिलेश ने दिलाई सदस्यता

UP Loksabha Chunav: लोकसभा चुनाव से पहले सभी दलों की निगाहें बहुजन समाज पार्टी के सांसदों पर लगी हुई हैं. बसपा से सांसद अफजाल अंसारी पहले ही सपा में शामिल हो चुके हैं. अब बसपा के पूर्व विधायक गुड्डू जमाली आज समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए हैं.

Guddu Jamali join SP today

विशाल सिंह/लखनऊ: लोकसभा चुनाव से पहले राज्यसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका लगा है. ऐसे में आम चुनाव की तैयारी अखिलेश के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है.  आजमगढ़ जिले की मुबारकपुर विधानसभा सीट से दो बार के बसपा के पूर्व विधायक रहे शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली सैंकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ सपा में शामिल हो गए हैं. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की मौजूदगी में गुड्डू जमाली समाजवादी पार्टी ज्वाइन की. इसके अलावा अन्य कई सांसद सदस्यों के बसपा छोड़कर अन्य पार्टी में जाने की अटकलें लगाई जा रही हैं.

सपा की सदस्यता लेंगे गुड्डू जमाली
लोकसभा चुनाव से पहले सभी राजनीतिक दल बसपा के सांसदों को टिकट का लालच देकर अपनी पार्टी में लाने का प्रयास कर रहे हैं.  बसपा के कई सांसदों का बीजेपी, सपा और कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात भी हो चुकी हैं.  इसी बीच बुधवारर को आजमगढ़ उपचुनाव में धर्मेंद्र यादव की हार के कारण शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली  बुधवार की सुबह सपा की सदस्यता लेंगे.सपा प्रमुख अखिलेश यादव उन्हें सदस्यता दिलाएंगे.  सपा में उनके आने के बाद आजमगढ़ लोकसभा सीट पर पार्टी की स्थिति काफी मजबूत हो जाएगी. सपा गुड्डू जमाली को विधानपरिषद भेज सकती है.

सपा के धर्मेंद्र यादव को हराया था

बता दें कि गुड्डू आजमगढ़ की मुबारकपुर सीट से 2012 और 2017 में बसपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव जीत थे. उन्होंने 2022 में हुए लोकसभा उपचुनाव में बसपा के टिकट पर 2.66 लाख से ज्यादा वोट हासिल किए. इसके कारण ही सपा के धर्मेंद्र यादव चुनाव हार गए थे. वह बीते एक दशक से सक्रिय राजनीति में हैं. इस लिहाज से जमाली के साथ आने से आजमगढ़ में सपा की जीत तय मानी जा सकती है.  गुड्डू जमाली पर तीन आपराधिक मुकदमे भी दर्ज है. पसमांदा मुस्लिम समाज से आने वाले गुड्डू को विधान परिषद भेजकर अखिलेश पसमांदा मुस्लिम समाज को भी साध सकते हैं. इसके साथ ही मुस्लिम को एमएलसी बनाकर पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) की अपनी मुहिम को आगे बढ़ा सकते हैं.

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