नंबर प्लेट्स बदली, फिंगरप्रिंट्स मिटाए... Hit फिल्म से सीखी सबूत मिटाने की ट्रिक, कुणाल हत्याकांड की पूरी कहानी
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नंबर प्लेट्स बदली, फिंगरप्रिंट्स मिटाए... Hit फिल्म से सीखी सबूत मिटाने की ट्रिक, कुणाल हत्याकांड की पूरी कहानी

Kunal Murder Case Story: पुलिस ने ग्रेटर नोएडा के सनसनीखेज कुणाल हत्याकांड का खुलासा कर दिया है. पुलिस के मुताबिक, ढाबा हथियाने के लिए मौसेरे भाई ने 15 साल के कुणाल को मारने की साजिश रची. आरोपियों ने गिरफ्तारी से बचने की तरकीबें थ्रिलर फिल्मों से सीखी थी. 

नंबर प्लेट्स बदली, फिंगरप्रिंट्स मिटाए... Hit फिल्म से सीखी सबूत मिटाने की ट्रिक, कुणाल हत्याकांड की पूरी कहानी

Greater Noida Murder Case: ग्रेटर नोएडा के कुणाल हत्याकांड की पूरी कहानी सामने आ गई है. एक शख्स जिसने अपना ढाबा खो दिया. दूसरा जिसकी कार जब्त कर ली गई. दोनों ने एक कारोबारी (कृष्‍ण शर्मा) से ब्याज पर पैसा लिया था. एक ढाबा और दूसरा कार छिन जाने से बदले की आग में जलने लगा. दोनों मिले तो यह आग शोला बनकर और भड़क उठी. मिलकर साजिश रची गई और कारोबारी के 15 साल के बेटे (कुणाल शर्मा) को अगवा कर मौत के घाट उतार दिया गया. लाश बुलंदशहर की नहर में फेंक दी गई. आरोपियों ने बचने के लिए क्या कुछ नहीं किया. गौतमबुद्ध नगर पुलिस के मुताबिक, आरोपियों ने 2022 में आई फिल्म Hit: The First Case से सीखते हुए सबूत मिटाए. वे लगातार कार के स्टिकर और नंबर प्लेट बदलते रहे. किसी तरह के प्रिंट्स न छूट जाएं, इसका भी ध्यान रखा गया. पुलिस ने जांच शुरू की तो कुल चार लोगों की गिरफ्तारी हुई. मुख्‍य आरोपी मनोज शर्मा (ढाबा वाला) मृतक का मौसेरा भाई लगता है. उसने अपने दोस्त कुणाल भाटी, हिमांश चौधरी (कार वाला), हिमांशु की गर्लफ्रेंड तनु के साथ मिलकर पूरी साजिश रची थी. पढ़‍िए, कुणाल शर्मा हत्याकांड की पूरी कहानी.

ग्रेटर नोएडा: कुणाल हत्याकांड के किरदार

कारोबारी कृष्‍ण शर्मा ने अपने रिश्तेदार मनोज शर्मा को ब्याज पर पैसे उधार दिए थे. मनोज रकम चुका नहीं पाया तो कृष्ण ने उसका कासना वाला शिवा ढाबा ले लिया. अपना ढाबा छिन जाने से मनोज अंदर ही अंदर सुलग उठा लेकिन कृष्‍ण के साथ बना रहा. कृष्‍ण का बेटा कुणाल उनकी ढाबा चलाने में मदद करता था. कृष्‍ण ने मनोज के एक दोस्त हिमांशु सिंह चौधरी को भी ढाई लाख रुपये ब्याज पर दिए. हिमांशु भी कुछ दिन बाद पैसा लौटाने में आनाकानी करने लगा. हिमांशु भी शिवा ढाबे पर आता-जाता रहता था. कृष्‍ण के 15 वर्षीय बेटे कुणाल को भी इस लेनदेन की जानकारी दी. वह अक्सर हिमांशु को टोकता रहता था. हिमांशु इस बात से चिढ़ गया. उसने मनोज को साथ लिया. दोनों ने मिलकर प्लान बनाया कि कुणाल की हत्या कर दी जाए. मनोज ने हिमांशु को ढाबे में पार्टनर बनाने का लालच दिया. हिमांशु ने इस साजिश में अपनी गर्लफ्रेंड और MBBS स्टूडेंट तनु और दोस्त कुणाल भाटी को भी शामिल किया. 

पुलिस के मुताबिक, कुणाल की हत्या की साजिश में कुल चार लोग शामिल थे- मनोज शर्मा (42), हिमांशु सिंह चौधरी (24), तनु (21), कुणाल भाटी (24). चारों को गिरफ्तार कर लिया गया है. हत्या में इस्तेमाल कार, मृतक का मोबाइल, कपड़े और बैग वगैरह भी बरामद कर लिए गए हैं.

अपहरण के बाद कर दी कुणाल की हत्या

शिवा ढाबा ग्रेटर नोएडा के बीटा-2 में है. 1 मई की दोपहर करीब 2.20 बजे वहां तनु पहुंचती है. ढाबे पर मौजूद कुणाल से कहती है कि हिमांशु उससे मिलना चाहता है. तनु ने उससे कहा कि हिमांशु पास ही उसका इंतजार कर रहा है. करीब सवा मिनट की सीसीटीवी फुटेज में कुणाल को ढाबे से निकलकर तनु के साथ सफेद स्कोडा रैपिड कार तक देखा जा सकता है. जैसे ही कुणाल कार के पास पहुंचा, उसे भीतर घसीट लिया गया. डीसीपी (ग्रेटर नोएडा) साद मियां खान के मुताबिक, कार हिमांशु चला रहा था. बैक सीट पर तनु और भाटी के बीच में जबरन कुणाल को बिठाया गया. उन्होंने कुणाल का फोन छीन कर स्विच ऑफ कर दिया. उसके हाथ-मुंह बांध दिए गए और सूटकेस में बंद कर दिया गया. 

पुलिस ने बताया कि आरोपी कुणाल को हिमांशु के जेपी विश टाउन वाले फ्लैट में लेकर आए. वहां दीवार पर कुणाल का सिर मार-मार कर उसकी हत्या कर दी गई. उसी रात तीनों बुलंदशहर निकल गए और लाश को गंगा नहर में फेंक दिया. कुणाल का मोबाइल फोन सेक्टर 127 के नाले में फेंका गया. कुणाल की फैमिली ने अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराई. साजिश का मास्टरमाइंड मनोज शर्मा पूरे समय परिवार के साथ बना रहा. यह दिखाता रहा कि वह उनके साथ है और अपना पक्ष भी मजबूत करता गया.

पुलिस को चकमा देने के लिए फिल्मों-वेब सीरीज से सीखे गुर

हत्या की साजिश को अंजाम देने से लेकर फरारी तक में आरोपी कदम-कदम पर पुलिस को बरगलाते रहे. मनोज शर्मा वारदात के समय परिवार के साथ ही था ताकि उस पर शक न जाए. उसने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की. एडिशनल पुलिस कमिश्नर बबलू कुमार के मुताबिक, आरोपियों ने गिरफ्तारी के बाद बताया कि उन्होंने Hit: The First Case फिल्म देखकर सबूत मिटाना सीखा था. वे स्कोडा कार के स्टिकर लगातार बदलते रहे और अपने कपड़े भी. यह ध्यान रखा कि कहीं कोई फिंगरप्रिंट न छूट जाए.

पुलिस सूत्रों ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि आरोपियों ने कई फर्जी नंबर प्लेट्स का इस्तेमाल किया. उन्होंने सीसीटीवी के जरिए पकड़ में आने से बचने के लिए बार-बार कार का लुक भी बदला. तीन आरोपियों ने जब कुणाल के शव को नहर में फेंका तो उसके कपड़े उतार दिए थे. जिस सूटकेस में लाश लेकर गए थे, उसे नहीं फेंका क्योंकि डर था कि शायद पुलिस उन तक पहुंच जाए. उन्होंने सूटकेस को जलाने की सोची थी. मृतक के फोन को स्विच ऑफ कहीं और किया गया, फेंका कहीं और गया. पुलिस के मुताबिक, यह सब कुछ आरोपियों ने फिल्म से सीखा.

आरोपियों तक कैसे पहुंची पुलिस?

पुलिस को मनोज और हिमांशु पर शक तब हुआ जब उन्हें पता चला कि दोनों ने ही कृष्‍ण से कर्ज लिया था मगर लौटा नहीं पाए. फिर उनके कॉल रिकॉर्ड्स जांचे गए, सीसीटीवी फुटेज तो चेक की ही जा रही थी. सारी कड़ियां जोड़ने के बाद, बुधवार रात को हिमांशु और कुणाल को मुठभेड़ के बाद अरेस्ट कर लिया गया. मनोज और तनु को ग्रेटर नोएडा से दबोचा लिया. चारों पर आईपीसी की धारा 364 (हत्या के लिए अपहरण) और 302 (हत्या के लिए सजा) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.

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