Shimla Forest Department के पूर्व प्रधान मुख्य संरक्षक वीपी मोहन ने देवदार के पेड़ों की घटती संख्या पर जताते हुए प्रधानमंत्री से की अपील
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Shimla Forest Department के पूर्व प्रधान मुख्य संरक्षक वीपी मोहन ने देवदार के पेड़ों की घटती संख्या पर जताते हुए प्रधानमंत्री से की अपील

Shimla News: वन विभाग के पूर्व प्रधान मुख्य संरक्षक वीपी मोहन ने देवदार के पेड़ों की घटती संख्या पर चिंता जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस पर संज्ञान लेने की अपील की है. साथ ही उन्होंने शिमला में इको टास्क फोर्स तैनात करने की भी मांग की है. 

 

Shimla Forest Department के पूर्व प्रधान मुख्य संरक्षक वीपी मोहन ने देवदार के पेड़ों की घटती संख्या पर जताते हुए प्रधानमंत्री से की अपील

समीक्षा कुमारी/शिमला: राजधानी शिमला में घटते देवदार के पेड़ों पर चिंता जताते हुए वन विभाग के पूर्व प्रधान मुख्य संरक्षक वीपी मोहन ने प्रधानमंत्री से अपील की है कि शिमला डेवलपमेंट प्लान पर संज्ञान लें और वर्तमान में शिमला में चल रहे स्मार्ट सिटी के कार्यों पर तुरंत रोक लगाएं. इसके साथ ही कहा कि पर्यावरण क्षेत्र में हिमाचल भ्रष्टाचार का गढ़ बन गया है. ऐसे मे उन्होंने प्रधानमंत्री से मांग की है कि वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी और एक टास्क फोर्स को हिमाचल में तैनात किया जाए.

वीपी मोहन ने शिमला के ग्रीन बेल्ट इलाके में अवैध निर्माण होने का किया दावा 
हिमाचल प्रदेश सरकार में प्रधान मुख्य वन संरक्षक के पद से सेवानिवृत हुए वीपी मोहन ने कहा कि शिमला में देवदार के पेड़ों को हटाकर कंक्रीट के जंगल खड़े किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि शिमला का प्राकृतिक संरक्षण करने में प्रदेश सरकार फेल हो गई है. सरकार पर आरोप लगाते हुए पूर्व वन अधिकारी ने कहा कि शिमला डेवलपमेंट प्लान को लेकर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के सामने गलत तथ्य पेश किए. वीपी मोहन ने शिमला के ग्रीन बेल्ट इलाके में अवैध निर्माण होने का दावा किया है.

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वीपी मोहन ने प्रधानमंत्री मोदी से की अपील
वीपी मोहन ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के समय शिमला में 17 ग्रीन बेल्ट निर्धारित करने का प्लान बनाया गया था, तब वह प्रधान मुख्यमंत्री संरक्षक के तौर पर काम कर रहे थे. वीपी मोहन ने कहा कि इस प्लान को दोबारा शिमला में लागू किया जाना चाहिए. इस दौरान वीपी मोहन ने कहा कि वन विभाग मुख्यमंत्री के पास है. ऐसे में उन्होंने अधिकारियों, मुख्यमंत्री और राज्यपाल से भी मुलाकात की, लेकिन कोई एक्शन नहीं लिया गया. ऐसे में अब वह प्रधानमंत्री मोदी से अपील करते हैं कि प्रधानमंत्री इस पर संज्ञान लें. 

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उन्होंने कहा कि वर्तमान में शिमला में चल रहे स्मार्ट सिटी के कार्यों पर तुरंत रोक लगाई जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि पर्यावरण के क्षेत्र में हिमाचल भ्रष्टाचार का गढ़ बन गया है. ऐसे मे प्रधानमंत्री से मांग है कि वह वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी और ईको टास्क फोर्स को हिमाचल में तैनात करें.

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