रोबोट को दी जाए नींद और सपना तो नहीं करेंगे दुनिया को तबाह, एक्सपर्ट ने दी चेतावनी

Artificial Intelligence: रिसर्चर्स ने दावा किया है कि अगर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इंसानों की तरह सोता है या सपने देखता है तो वह और भी ज्यादा बुद्धिमान बन सकता है.  

Written by - Shruti Kaul | Last Updated : Jan 31, 2024, 03:58 PM IST
  • AI को भई लेनी चाहिए बेहतर स्लीप
  • सोने से ज्यादा बुद्धिमान बन सकता है AI
रोबोट को दी जाए नींद और सपना तो नहीं करेंगे दुनिया को तबाह, एक्सपर्ट ने दी चेतावनी

नई दिल्ली: इटली में यूनिवर्सिटी ऑफ कैटेनिया के प्रोफेसर कॉन्सेट्टो स्पैम्पिनाटो और उनके साथ जुड़े कई शोधकर्ताओं की टीम ने हाल ही में AI को लेकर एक रिसर्च की है. इस रिसर्च में उन्होंने दावा किया है कि अगर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इंसानों की तरह सोता है या सपने देखता है तो वह और भी ज्यादा बुद्धिमान बन सकता है. उनका मानना है कि नींद और सपने देखने वाले AI का निर्माण बेहतर रिजल्ट और अधिक विश्वसनीय मॉडल पेश कर सकता है, हालांकि कई विशेषज्ञों का मानना है कि जो बुद्धिमत्ता हम इंसान अपने अंदर देखते हैं उसे AI रिसर्च के लिए दोबारा बनाना उपोयगी नहीं हो सकता है.  

हम वेक-स्लीप कंसोलिडेटेड लर्निंग टेक्नीक 
रिसर्च को लेकर शोधकर्ताओं ने कहा,' हम वेक-स्लीप कंसोलिडेटेड लर्निंग (WSCL) नाम की एक लर्निंग स्ट्रेटजी को पेश करते हैं, जो इंसानी दिमाग की तरह नई जानकारी को मजबूत करने के तरीके की नकल करती है. लोग सोते समय दिन भर में सीखे गए अनुभवों और सबक की शॉर्ट टर्म मेमोरी को लॉन्ग टर्म मेमोरी में बदल देते हैं.' शोधकर्ताओं का कहना है कि सीखने की इस टेक्नीक को किसी भी मौजूदा AI पर लागू किया जा सकता है. 

रेस्ट करने के बाद अच्छे से याद होती हैं चीजें  
बता दें कि शोधकर्ताओं की टीम कैटास्ट्रोफिक फिनॉमिना यानी विनाशकारी भूलने नाम की एक घटना से बचने का उपाय खोज रही थी.  ऐसा तब होता है जब एक AI मॉडल वो सभी काम भूल जाता है जो उसने सीखा हो. ऐसा तब होता है जब AI को ऐसे काम के बारे में सीखने के लिए ज्यादा पुश किया जाता है, जिसमें वह पहले से ही कुशल होता है. शोधकर्ताओं ने सपने देखने के महत्व को प्रदर्शित करने के लिए एक एक्सपेरिमेंट किया और इसमें उन्हें बेहतर रिजल्ट देखने को मिला. इसमें इंसानों की तरह ही AI भी रेस्ट करने के बाद चीजों को अच्छे से याद रखने में सक्षम मिला.  

AI विकास के लिए ठीक नहीं है ह्यूमन ब्रेन की नकल
इस एक्सपेरिमेंट में पॉजिटिव रिजल्ट मिलने के बावजूद कुछ विशेषज्ञ यह नहीं मानते हैं कि ह्यूमन ब्रेन की नकल करना AI विकास के लिए आगे बढ़ने का रास्ता है. 'न्यू साइंटिस्ट' के अनुसार विशेषज्ञ एंड्रयू रोगॉयस्की ने कहा, 'ह्यूमन ब्रेन को बुद्धिमत्ता के लिए अंतिम वास्तुकला नहीं माना जाना चाहिए. यह लाखों वर्षों के विकास और उत्तेजनाओं की अकल्पनीय व्यापक श्रृंखला का परिणाम है. हम ऐसे AI विकसित कर सकते हैं जिनकी संरचना उनके जैविक डिजाइनरों से बिल्कुल अलग हो.' 

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