राजनीति में क्यों उतरते जा रहे हैं साउथ के स्टार्स, क्या है इसके पीछे की वजह?

 South Stars Politics:  साउथ में स्टार्स का राजनीति में सक्सेस रेट काफी हाई रहा है, कुछ स्टार्स तो मुख्यमंत्री पद तक भी पहुंचे हैं. यही कारण है कि स्टार्स रिस्क लेने से नहीं घबराते.

Written by - Ronak Bhaira | Last Updated : Feb 2, 2024, 09:26 PM IST
  • MGR और NTR रहे हैं मुख्यमंत्री
  • एक्टर चिरंजीवी रहे हैं केंद्रीय मंत्री
राजनीति में क्यों उतरते जा रहे हैं साउथ के स्टार्स, क्या है इसके पीछे की वजह?

नई दिल्ली: South Stars Politics: साउथ के स्टार्स एक के बाद एक राजनीति में कदम रखते जा रहे हैं. इस कड़ी में नया नाम तमिल अभिनेता थलापति विजय (Thalapathy Vijay) का है. उन्होंने खुद की पार्टी बन ली है, जिसका ऐलान 2 फरवरी को किया. इस पार्टी की घोषणा 2024 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले हुई है. हालांकि, पार्टी इस बार न तो चुनाव लड़ेगी और न ही किसी अन्य पार्टी का समर्थन करेगी. साउथ में स्टार्स का राजनीति प्रेम आज से नहीं बल्कि कई दशकों से है. आइए, जानते हैं कि साउथ के स्टार्स को राजनीति में इतनी दिलचस्पी क्यों है?

क्यों राजनीति में आने लगे साउथ स्टार्स?
दरअसल, साउथ में स्टार्स का फैन बेस काफी मजबूत है. यदि किसी स्टार की फिल्म भी फ्लॉप हो जाती है तो इनके फैंस आत्मघात तक कर लेते हैं. कई स्टार्स ऐसे हैं जिनके मंदिर भी बने हुए हैं और लोग उन्हें सुबह-शाम पूजते हैं. जाहिर है कि जो फैंस उन्हें भगवान मानते हैं, वो उनके लिए वोट भी करते हैं. साउथ के स्टार्स सामाजिक मुद्दों पर बोलने से भी नहीं बचते हैं. वो अपनी राय रखते हैं, बताते हैं कि किसी भी राजनीतिक या सामाजिक विषय पर उनके क्या विचार हैं. इसके अलावा, साउथ में स्टार्स का राजनीति में सक्सेस रेट काफी हाई रहा है, कई तो CM पद तक भी पहुंचे हैं. यही कारण है कि कोई भी स्टार राजनीति में उतरने से पहले घबराता नहीं है. 

ये साउथ स्टार्स मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचे

मारुथुर गोपालन रामचंद्रन (MGR)
MGR ने साल 1936 में फ़िल्मी करियर की शुरुआत की थी. जल्द ही वो एक बड़े स्टार बन गए. लेकिन एक सफल अभिनेता से ज्यादा उन्हें सफल राजनेता के तौर पर जाना जाता है. 17 अक्टूबर, 1972 को MGR ने अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) नाम से पार्टी बनाई. 5 साल के भीतर ही पार्टी का बेस इतना मजबूत हो गया कि 1977 में MGR तमिलनाडु के मुख्यमंत्री बन गए. साल 1987 में उनकी मौत हुई, तब भी वो CM पद पर थे. 

नंदमुरी तारक रामाराव (NTR)
80 के दशक में साउथ की फिल्म इंडस्ट्री में NTR का सिक्का चला करता था. अपने फैंस की ताकत को देखते हुए NTR ने तेलगु देशम नाम से पार्टी बनाई. 1982 में बनी यह एक साल के अंदर ही राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बन गई और विधानसभा चुनाव में भारी बहुमत पाने के बाद NTR 1983 में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री बन गए. साल 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद पूरे देश में कांग्रेस के प्रति सहानुभूति की जबरदस्त लहर थी. लेकिन आंध्र प्रदेश में NTR की पार्टी पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा. लिहाजा, चुनाव के बाद लोकसभा में NTR की तेलगु देशम दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी. 

जयललिता 
जयललिता भी राजनीति के शिखर तक पहुंचने वाली स्टार हैं. जयललिता को MGR ही राजनीति में लेकर आए थे. सबसे पहले वो साल 1984 में राज्यसभा सांसद चुनी गईं.  MGR के निधन के बाद जयललिता ही AIADMK की सुप्रीमो बनीं और तमिलनाडु की मुख्यमंत्री भी बनीं. जयललिता की सफलता का अंदाजा आप इससे लगा सकते हैं कि वो 6 बार मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज हुईं. जयललिता की दखल केवल तमिलनाडु में ही नहीं थी, बल्कि केंद्र की सरकारों में भी उनका अच्छा-खासा रसूख हुआ करता था. यही कारण है कि राजनीति में उन्हें 'अम्मा' की संज्ञा दी गई. 

ये स्टार्स भी राजनीति में आ चुके हैं
हाल में भी साउथ के कई अन्य स्टार्स ने भी राजनीति में हाथ आजमाया है. सुपरस्टार चिरंजीवी ने 2007 से 2017 तक कोई फिल्म नहीं की. 2008 में चिरंजीवी ने आंध्र प्रदेश में प्रजा राज्यम पार्टी बनाई. 2009 में के विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी के 18 विधायक जीते, इनमें चिरंजीवी भी थे. हालांकि, फिर उनकी पार्टी का कांग्रेस में विलय हो गया. मनमोहन सिंह सरकार में वो पर्यटन मंत्री भी रहे. इनके अलावा कमल हासन, पवन कल्याण, विजयकांत और राम्या भी राजनीति में हाथ आजमा चुके हैं. इनमें से कुछ विधयाक या सांसद भी रहे हैं.

ये भी पढ़ें- साउथ सुपरस्टार विजय ने लोकसभा चुनाव से पहले खड़ी की पार्टी, जानिए- क्या रखा नाम?

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.

ट्रेंडिंग न्यूज़