IIT-बॉम्बे की कैंटीन की दीवार लगा 'वेजेटेरियन ओनली' पोस्टर, छात्रों ने कर दी शिकायत

संस्थान के एक अधिकारी ने दावा किया कि उन्हें ऐसा एक पोस्टर लगा मिला है लेकिन इसे कैंटीन के बाहर किसने लगाया इसकी जानकारी उन्हें नहीं है. उन्होंने बताया कि अलग-अलग तरह का भोजन करने वाले लोगों के लिए यहां कोई निश्चित सीटें नहीं हैं और संस्थान को इस बात की जानकारी नहीं है कि पोस्टर किसने लगाए हैं.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jul 30, 2023, 09:24 PM IST
  • नहीं मिली जानकारी, किसने लगाया पोस्टर.
  • छात्रों के समूह ने दर्ज कराई आपत्ति.
IIT-बॉम्बे की कैंटीन की दीवार लगा 'वेजेटेरियन ओनली' पोस्टर, छात्रों ने कर दी शिकायत

मुंबई. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-बॉम्बे (आईआईटी-बी) के छात्रों ने एक छात्रावास की कैंटीन की दीवार पर 'सिर्फ शाकाहारी' के पोस्टर चस्पा किए जाने के बाद भोजन में भेदभाव का मुद्दा उठाया. एक छात्र प्रतिनिधि ने रविवार को यह जानकारी दी. पिछले सप्ताह इस प्रतिष्ठित संस्थान के छात्रावास-12 की कैंटीन पर एक पोस्टर चस्पा किया गया था, जिसमें यह लिखा था कि 'सिर्फ शाकाहारियों को ही यहां बैठने की अनुमति हैं' और इस संबंध में एक तस्वीर भी सोशल मीडिया पर सामने आई है.

संस्थान के एक अधिकारी ने दावा किया कि उन्हें ऐसा एक पोस्टर लगा मिला है लेकिन इसे कैंटीन के बाहर किसने लगाया इसकी जानकारी उन्हें नहीं है. उन्होंने बताया कि अलग-अलग तरह का भोजन करने वाले लोगों के लिए यहां कोई निश्चित सीटें नहीं हैं और संस्थान को इस बात की जानकारी नहीं है कि पोस्टर किसने लगाए हैं.

एपीपीएससी ने की घटना की निंदा
छात्र समूह आम्बेडकर पेरियर फुले स्ट्डी सर्किल (एपीपीएससी) के प्रतिनिधियों ने घटना की निंदा की और पोस्टरों को फाड़ दिया. एपीपीएससी ने बताया, 'छात्रावास के महासचिव को लिखी गई आरटीआई और ई-मेल के माध्यम से यह सामने आया है कि संस्थान में अलग-अलग भोजन के लिए कोई नीति नहीं है. कुछ छात्रों ने कैंटीन के कुछ हिस्सों को 'केवल शाकाहारियों' के रूप में नामित कर दिया, जिसकी वजह से दूसरे छात्रों को वहां से जाने के लिए मजबूर होना पड़ा.' 

 'जैन के बैठने वाली जगह'
घटना के बाद छात्रावास के महासचिव ने सभी छात्रों को यह कहते हुए एक ई-मेल भेजा है, 'छात्रावास की कैंटीन में जैन वितरण का एक काउंटर है लेकिन जैन भोजन करने वाले लोगों के लिए ऐसी कोई निर्धारित जगह नहीं है.' महासचिव ने लिखा कि ऐसी खबरें आ रही हैं कि कुछ छात्रों ने कैंटीन के कुछ हिस्सों को 'जैन के बैठने वाली जगह' के रूप में नामित कर दिया है और वे छात्र, जो मासांहार लाते हैं उन्हें उन जगहों पर बैठने नहीं दे रहे हैं.

'इस तरह का बर्ताव अस्वीकार्य'
महासचिव ने ईमेल में लिखा, 'इस तरह का बर्ताव अस्वीकार्य है और किसी छात्र को किसी अन्य छात्र को कैंटीन के किसी भी हिस्से से भगाने का अधिकार नहीं है और वह भी इस आधार पर कि कोई जगह किसी विशेष समुदाय के लिए आरक्षित है. अगर ऐसी घटना दोहराई जाती है तो हम इसमें शामिल छात्रों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए मजबूर होंगे.'

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