किम जोंग उन के देश में 'रूसी प्लेन' का क्या है रहस्य, इस ताकतवर देश की बढ़ी चिंता
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किम जोंग उन के देश में 'रूसी प्लेन' का क्या है रहस्य, इस ताकतवर देश की बढ़ी चिंता

North Korea Russia Defense Deal:  उत्तर कोरिया और रूस में डिफेंस डील पर अमेरिका की नजर है. हाल ही में रूस एयरफोर्स का एक प्लेन प्योंगयांग में उतरा था जिसे लेकर तरह तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं. जानकारों का मानना है कि किम जोंग उन के रूस दौरे के बाद डिफेंस डील को पुख्ता करने में दोनों देश शिद्दत से जुट गए हैं.

किम जोंग उन के देश में 'रूसी प्लेन' का क्या है रहस्य, इस ताकतवर देश की बढ़ी चिंता

Russian Plane Mystery:  उत्तर कोरिया की हर एक हरकत पर अमेरिका की नजर रहती है. हाल ही में जब उत्तर कोरिया के राष्ट्रपति किम जोंग उन ने मॉस्को का दौरा किया उससे पहले ही अमेरिका ने कहा कि यह सब हथियार खरीदने की कवायद है. अगर आप किम जोंग के रूस प्रवास को देखें तो पुतिन सरकार ने अपने हथियारों के जखीरे को दिखाया था. अब यह खबर सामने आई कि रूस का एक वीआईपी प्लेन हाल ही में प्योंगयांग में उतरा था. इस प्लेन के बारे में फ्लाइट रडार 24 ने पूरी जानकारी इकट्ठा की.

फ्लाइट रडार 24 में मूवमेंट कैद

फ्लाइट रडार 24 की नजरों में रूसी एयरफोर्स का प्लेन इल्यूशिन आईएल-62 कैद हुआ जो मॉस्को से प्योंगयांग की यात्रा पर था और मंगलवार को उतरा था. प्लेन के टेल नंबर से  पता चला कि यह वही प्लेन था जिसे रूस ने अगस्त के महीने में उत्तर कोरिया भेजा था. अगस्त में इस प्लेन के आने से पहले रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू ने भी प्योंगयांग की यात्रा की थी.

रूसी प्लेन में थे सेना के अधिकारी !
फ्लाइट रडार 24 ने यह भी जानकारी दी कि दो दिन रुकने के बाद गुरुवार को इल्यूशिन आईएल वापस मॉस्को के लिए रवाना हो गया. उत्तर कोरिया की मीडिया ने इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी है. यहां तक कि रूसी रक्षा मंत्रालय ने भी किसी तरह का बयान देने से इनकार कर दिया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दोनों पक्षों द्वारा किसी तरह की जानकारी ना देने का अर्थ यह हो सकता है कि उसमें रूसी सेना के अधिकारी रहे होंगे जो हथियारों के ट्रांसफर के विषय में बात करने के लिए गए होंगे.

अमेरिका की चिंता बढ़ी

खास बात यह है कि कोविड ने जब 2020 में पूरी दुनिया में कहर बरपाना शुरू कर दिया था तो उस समय से ही उत्तर कोरिया ने अपने एयर स्पेस को बंद कर रखा है. पिछले दो महीनों में जिस तरह से मॉस्को और प्योंगयांग में एयर ट्रवेल का मामला सामने आया है वो रूस और उत्तर कोरिया के मजबूत संबंधों की तरफ इशारा कर रहा है. यह बात अलग है कि अमेरिका लगातार इस गठजोड़ को तोड़ने की मुहिम में लगा हुआ है. जानकारों का कहना है कि रूस के दम में उत्तर कोरिया के ताकतवर होने का अर्थ यह होगा कि साउथ चाइना सी में शी जिनपिंग ताकतवर होंगे.

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