यूएन को अफगानिस्तान में झटका, तालिबान ने अब UN की महिला कर्मचारियों पर भी लगाया बैन
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यूएन को अफगानिस्तान में झटका, तालिबान ने अब UN की महिला कर्मचारियों पर भी लगाया बैन

तालिबानी सरकार ने अफगानिस्तान की सत्ता में आने से पहले उदार शासन को लेकर कई वादे किए थे लेकिन सरकार में आने के बाद से ही तालिबान ने कई कड़े और महिलाओं के अधिकारों के खिलाफ फैसले लिए हैं.

यूएन को अफगानिस्तान में झटका, तालिबान ने अब UN की महिला कर्मचारियों पर भी लगाया बैन

अफगानिस्तान में तालिबानी (Taliban) सरकार ने महिलाओं पर कई बैन लगा रखे हैं और अब इस हुकूमत ने संयुक्त राष्ट्र (United Nation) की महिला कर्मचारियों पर प्रतिबंध लगा दिया है. नए फरमान के बाद संयुक्त राष्ट्र की महिला अफगान कर्मचारियों को अफगानिस्तान में काम करने से प्रतिबंधित कर दिया गया है. इस बात की जानकारी संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों ने दी है.

तालिबानी सरकार के फरमान के बाद संयुक्त राष्ट्र मिशन ने अपनी महिला कर्मचारियों पर लगी पाबंदी को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की है. संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा, 'हम सबसे कमजोर लोगों, विशेषकर महिलाओं और लड़कियों तक पहुंच बनाने की अपनी कोशिशों को जारी रखेंगे.'

उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों को विभिन्न माध्यमों से बताया गया कि प्रतिबंध पूरे देश में लागू है. इस पूरे मुद्दे पर तालिबान सरकार की तरफ से कोई बयान नहीं आया है. 

तालिबानी सरकार ने अफगानिस्तान की सत्ता में आने से पहले उदार शासन को लेकर कई वादे किए थे लेकिन सरकार में आने के बाद से ही तालिबान ने कई कड़े और महिलाओं के अधिकारों के खिलाफ फैसले लिए हैं.

सरकार के फरमान के मुताबिक अफगानिस्तान में लड़कियों को छठी कक्षा के बाद शिक्षा से प्रतिबंधित कर दिया गया है. महिलाओं को काम करने, पढ़ाई करने, पुरुष साथी के बिना यात्रा करने और यहां तक कि पार्कों में जाने पर भी पाबंदी है. साथ ही महिलाओं को सिर से पांव तक खुद को ढक कर रखने को कहा है. 

अफगान महिलाओं को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय गैर-सरकारी संगठनों में काम करने से भी रोक लगाई गई है. हालांकि, संयुक्त राष्ट्र के लिए काम करने वाली महिलाओं को एनजीओ प्रतिबंध में शामिल नहीं किया गया था, लेकिन संयुक्त राष्ट्र ने आशंका जताई कि संयुक्त राष्ट्र के लिए काम करने वाली महिलाओं को निशाना बनाया जा सकता है.

यूएन के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा है कि इस तरह का कोई भी प्रतिबंध अस्वीकार्य और स्पष्ट रूप से अकल्पनीय होगा. उन्होंने कहा कि हम अभी इस बात की जानकारी ले रहे हैं कि इससे हमारा काम कितना प्रभावित होगा. साथ ही उन्होंने कहा कि जल्द ही काबुल में अधिकारियों से बात होगी.

दुजारिक ने कहा कि जमीन पर संयुक्त राष्ट्र के जीवन रक्षक अभियानों को अंजाम देने के लिए महिला कर्मचारी सदस्य आवश्यक हैं. उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र के लगभग 3,900 कर्मचारी हैं, इसमें भी लगभग 3,300 अफगानी है और 600 अंतरराष्ट्रीय कर्मचारी हैं. इनमें 600 अफगानी महिलाएं और अन्य देशों की 200 महिलाएं शामिल हैं.

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