North Korea Missile Test: एक बार फिर किम जोंग उन ने किया ट्विन बैलिस्टिक मिसाइल टेस्ट, सिर्फ सनक या जरूरत
Advertisement
trendingNow11794741

North Korea Missile Test: एक बार फिर किम जोंग उन ने किया ट्विन बैलिस्टिक मिसाइल टेस्ट, सिर्फ सनक या जरूरत

North Korea Missile Launch: क्या उत्तर कोरिया को वास्तव में मिसाइल टेस्ट करने की जरूरत है. क्या किम जोंग उन को दक्षिण कोरिया से वाजिब खतरा है. दरअसल उत्तर कोरिया ने ट्विन बैलिस्टिक मिसाइल टेस्ट किया है  और इस टेस्ट के बाद कोरियन प्रायद्वीप में तनाव फैल गया है.

North Korea Missile Test: एक बार फिर किम जोंग उन ने किया ट्विन बैलिस्टिक मिसाइल टेस्ट, सिर्फ सनक या जरूरत

North Korea Missile Program: उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच रिश्ते भी भारत और पाकिस्तान की तरह है. तनातनी, अविश्वास और गैरजिम्मेदाराना व्यवहार उसके खास लक्षण हैं. उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन बैलिस्टिक मिसाइल का टेस्ट कुछ ऐसे करते हैं जैसे कोई खिलौना हो.उनके द्वारा उठाए गए हर कदम की आलोचना दक्षिण कोरिया और जापान की तरफ से की जाती है. सवाल यह है कि हाल ही में ट्विन बैलिस्टिक मिसाइल टेस्ट के पीछे की तात्कालिक वजह क्या है. दरअसल दक्षिण कोरियाई नौसैनिक अड्डे पर अमेरिकी परमाणु-संचालित पनडुब्बी का आगमन हो चुका है..उत्तर कोरिया का यह स्पष्ट मानना है कि दक्षिण कोरिया अनावश्यक तौर पर तनाव को बढ़ावा दे रहा है. लिहाजा उत्तर कोरिया ने दो बैलिस्टिक मिसाइलें दाग दीं. दक्षिण कोरियाई और जापानी मीडिया ने प्रक्षेपण की रिपोर्ट करते हुए कहा कि मिसाइलों ने पूर्वी सागर में गिरने से पहले लगभग 400 किलोमीटर  की दूरी तय की. यह वो इलाका है, जिसे कोरियाई प्रायद्वीप और जापान के बीच जापान के सागर के रूप में भी जाना जाता है.

 

दक्षिण कोरिया के बहाने अमेरिका को जवाब

मीडिया ने दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के हवाले से कहा कि मिसाइलें प्योंगयांग के पास एक क्षेत्र से दागी गईं.अमेरिकी सेना ने सोमवार को एक बयान में कहा कि प्रक्षेपणों से अमेरिकी कर्मियों और क्षेत्र या अमेरिकी सहयोगियों को तत्काल कोई खतरा नहीं है. जुड़वां मिसाइल प्रक्षेपण कोरियाई पड़ोसियों के बीच संबंधों में विशेष रूप से निचले स्तर पर आता है.उत्तर कोरियाई खतरों का मुकाबला करने के प्रयास में सियोल और वाशिंगटन कई संयुक्त सुरक्षा गतिविधियों में लगे हुए हैं.

 

1953 के समझौते की अनदेखी

दक्षिण कोरिया की  हरकतों से प्योंगयांग यानी कि किम जोंग उन नाराज है. पिछले हफ्ते अमेरिका ने 1980 के दशक के बाद पहली बार दक्षिण कोरिया में परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बी भेजी थी. प्योंगयांग ने इसी तरह की जुड़वां मिसाइल लॉन्च के साथ तेजी से प्रतिक्रिया दी. यह प्रक्षेपण 1953 के युद्धविराम समझौते की सालगिरह से पहले भी हुआ है जिसने उत्तर और दक्षिण के बीच शत्रुता को समाप्त कर दिया, हालांकि पड़ोसी राज्य तकनीकी रूप से अभी भी युद्ध में हैं, बिना किसी शांति संधि पर हस्ताक्षर किए.उत्तर कोरिया इस दिन को जीत के रूप में मनाता है और इस वर्ष चीनी गणमान्य व्यक्तियों की मेजबानी कर रहा है.महामारी के कारण सीमा बंद होने के बाद यह देश की पहली विदेशी यात्रा होगी.

Trending news