किम जोंग उन के रूस जाने के क्या मायने हैं? दोनों देशों के बीच दोस्ती कितनी गहरी है?
Advertisement
trendingNow11868698

किम जोंग उन के रूस जाने के क्या मायने हैं? दोनों देशों के बीच दोस्ती कितनी गहरी है?

Kim Jong Un Russia visit: उत्तर कोरिया के Supreme Leader Kim Jong Un, रूस की यात्रा पर हैं, वो रूस के Vladivostok पहुंच चुके हैं. Kim Jong Un, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करने के लिए रूस पहुंचे हैं.

किम जोंग उन के रूस जाने के क्या मायने हैं? दोनों देशों के बीच दोस्ती कितनी गहरी है?

Kim Jong Un Russia visit: उत्तर कोरिया के Supreme Leader Kim Jong Un, रूस की यात्रा पर हैं, वो रूस के Vladivostok पहुंच चुके हैं. Kim Jong Un, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करने के लिए रूस पहुंचे हैं. यूक्रेन युद्ध के दौरान Kim Jong Un का पुतिन से मिलना, ukraine समर्थक देशों के लिए चिंता का विषय है. दरअसल कहा ये जा रहा है कि पुतिन, उत्तर कोरिया से हथियार चाहते हैं, जिसका इस्तेमाल ukraine युद्ध में किया जा सकता है.

पिछले करीब 18 महीनों से ukraine युद्ध चल रहा है, जिसमें रूस को हथियारों की जरूरत पड़ने लगी है. अभी तक हथियारों के मामले में जिस तरह से अमेरिका और पश्चिमी देश, ukraine की मदद कर रहे थे, उसी तरह की मदद रूस को नहीं मिल पा रही है. आज हम आपको अपनी रिपोर्ट में Kim Jong Un की रूस यात्रा का रहस्य बताएंगे. हम आपको बताएंगे कि इस यात्रा का मकसद क्या है, और इससे ukraine युद्ध पर क्या असर पड़ने जा रहा है.

यूक्रेन में चल रहे युद्ध के बीच, किम जोंग उन का रूस के राष्ट्रपति पुतिन से मिलना अमेरिका ही नहीं...पश्चिमी देशों के लिए भी खतरे की घंटी है. यूक्रेन युद्ध में अभी तक रूस प्रतिबंधों के बावजूद, लड़ाई जारी रखे हुए है. भले ही उसे किसी भी देश से सामरिक मदद ना मिल रही हो, लेकिन इन सबके बावजूद, इस युद्ध में अभी तक रूस पीछे नहीं हटा है. लेकिन अब स्थिति बदल रही है. रूस के पास गोला बारूद कम हो रहा है. उसके पास युद्ध जारी रखने के लिए हथियारों की कमी हो रही है. ऐसे रूस की मदद के लिए सामने आया है, दुनिया का नंबर 1 दुश्मन माना जाने वाला उत्तर कोरिया, जिसने रूस को सामरिक मदद का भरोसा दिया है, शायद इसी वजह से किम जोंग उन, रूस पहुंचे हैं. वर्ष 2019 के बाद ये दूसरी बार है जब किम जोंग उन, पुतिन से मुलाकात कर रहे हैं.

यूक्रेन युद्ध के बाद रूस पर पश्चिमी देशों ने कई तरह के प्रतिबंध लगाए हैं. जिसकी वजह से रूस और पश्चिमी देशों के बीच व्यापारिक संबंध लगभग खत्म हो गए हैं. भारत, यूएई, सऊदी अरब और चीन जैसे देश, रूस से कच्चा तेल खरीदकर, व्यापारिक मदद तो कर रहे हैं, लेकिन ये देश रूस को सामरिक मदद नहीं कर पा रहे हैं. हालांकि यूक्रेन युद्ध के बाद केवल दो देश, रूस के साथ खड़े दिखे हैं,ये वही देश हैं जो पहले से ही पश्चिमी देशों के प्रतिबंध झेल रहे हैं, इसमें एक है ईरान, जो रूस को बड़े पैमाने पर शहीद Drones दे रहा है, और दूसरा है उत्तर कोरिया, जो रूस को एंटी टैंक मिसाइलें और 122 mm और 152 mm के गोले देने की तैयारी में है. रूस को भी यूक्रेन युद्ध में इसकी जरूरत हैं, उसके पास इसकी कमी होती जा रही है.

उत्तर कोरिया में कोविड महामारी के बाद से ही खाद्यान्न संकट है, यही नहीं, वहां मेडिकल सप्लाई की कमी है. सिर्फ यही नहीं, उत्तर कोरिया को अपने दुश्मनों से निपटने के लिए उच्च स्तरयी सैन्य तकनीक भी चाहिए. रूस उसके लिए इकलौता ऐसा दोस्त है, जो इन तीनों जरूरतों को पूरी कर सकता है. कहते हैं कि जरूरतें ही दोनों लोगों को करीब लाती हैं. ऐसे में माना ये जा रहा है कि रूस उत्तर कोरिया की इन जरूरतों को पूरी करेगा और उत्तर कोरिया, रूस को हथियारों की सप्लाई देकर, उसे सैन्य मदद देगा. उत्तर कोरिया पहले से ही अमेरिका और पश्चिमी देशों के लिए सिरदर्द है, यूक्रेन युद्ध में उत्तर कोरिया की एंट्री से उनकी मुसीबतें बढ़ने वाली हैं.

यूक्रेन युद्ध के दौरान किम जोंग उन की रूस में एंट्री का क्या असर पड़ेगा? नॉर्थ कोरिया का यूक्रेन युद्ध में रूस के नए सहयोगी के तौर पर आना, अमेरिका और यूरोप के लिए कितनी बड़ी चिंता का विषय है? यूक्रेन पर जब रूस हमला बोला था, तो उत्तर कोरिया ने इस हमले का समर्थन किया था. यही नहीं जब डोनेत्सक और लुहान्सक पर रूस की सेना कब्जा कर लिया था, तब भी उत्तर कोरिया ने रूस का समर्थन किया था. यही नहीं उत्तर कोरिया, संयुक्त राष्ट्र में रूस को समर्थन देता आया है. वो रूस को अपने यहां के कामगार भी मुहैया कराता रहा है. माना जा रहा है कि उत्तर कोरिया,रूस को रेयर अर्थ मैटेरियल भी दे सकता है.

Trending news