Iran-Israel Tensions: ईरान करता है इजरायल पर हमला तो कौन से मुस्लिम देश देंगे साथ, क्या होगा भारत का रुख?
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Iran-Israel Tensions: ईरान करता है इजरायल पर हमला तो कौन से मुस्लिम देश देंगे साथ, क्या होगा भारत का रुख?

Tension in the Middle East: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि ईरान 'जल्द या बाद में' इजरायल पर हमला करेगा.  सीरिया की राजधानी दमिश्क में स्थित ईरानी दूतावास पर 1 अप्रैल को हमला हुआ था. ईरान इसके लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराता है और जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी है. 

Iran-Israel Tensions: ईरान करता है इजरायल पर हमला तो कौन से मुस्लिम देश देंगे साथ, क्या होगा भारत का रुख?

Iran-Israel:  मध्य पूर्व में जारी इजरायल-हमास जंग के बीच एक और बड़ा खतरा सामने आ गया है. ऐसी आशंका जताई जा रही है कि तेहरान सीरिया में ईरानी दूतावास पर हुए हमले का बदला लेने के लिए इजरायल पर हमला कर सकता है. बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि ईरान 'जल्द या बाद में' इजरायल पर हमला करेगा.

बाइडेन इरानी हमले की स्थिति में इजरायल को अमेरिकी मदद का भरोसा जताया है. उन्होंने कहा, 'हम इज़राइल की रक्षा के लिए समर्पित हैं. हम इज़राइल का समर्थन करेंगे. हम इज़राइल की रक्षा में मदद करेंगे और ईरान सफल नहीं होगा.'

इजरायल के साथ अमेरिका तो ईरान के साथ कौन?
यहां सवाल उठता है कि ईरान अगर इजरायल पर हमला करेगा तो वो कौन से देश हैं जो उसके साथ खड़े हो सकते हैं. इसको लेकर अलग-अलग कयास लगाए जा रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो अगर ईरान-इजरायल के बीच जंग छिड़ी तो यह बड़ा रूप ले सकती है और कई देश इसमें उलझ सकते हैं.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सीरिया, लेबनाना, जॉर्डन जैसे मुस्लिम देश ईरान का साथ दे सकते हैं.इसके अलावा रूस के ईरान से अच्छे संबंध रहे हैं. वहीं यूक्रेन युद्द को लेकर मॉस्को और पश्चिम रिश्ते बेहद तनावपूर्ण ऐसे में रूस ईरान के साथ आ सकता है. वहीं चीन का रुख क्या होगा यह अभी साफ नहीं है लेकिन अगर रूस ईरान का साथ देता है तो बीजिंग तेहरान की प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष मदद कर सकता है. इसके अलावा ईरान का पड़ोसी तुर्किए भी उसके साथ खड़ा हो सकता है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जहां तक भारत का सवाल है तो उसके इस युद्ध में तटस्थ रहने की संभावना है. 

इजरायल और ईरान के बीच क्यों बने जंग के आसार
बता दें सीरिया की राजधानी दमिश्क में स्थित ईरानी दूतावास पर 1 अप्रैल को हमला हुआ था. इस हमले में 13 लोगों की मौत हो गई थी. मारे गए लोगों में सीरिया और लेबनान में ईरान के विशिष्ट कुद्स बल के सीनियर कमांडर ब्रिगेडियर जनरल मोहम्मद रज़ा ज़ाहेदी भी शामिल थे.

हालांकि इजरायल ने 1 अप्रैल को हुई एयर स्ट्राइक की जिम्मेदारी नहीं ली लेकिन ईरान ने इस हमले के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराया और जवाबी हमले की चेतावनी दी. बुधवार (10 अप्रैल) को, ईरानी सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने कहा था कि इज़राइल को 'दंडित किया जाना चाहिए और दंड दिया जाएगा'.

भारत समेत कई देशों ने जारी की ट्रैवल एडवाइजरी
इजरायल-ईरान के बढ़ते तनाव को देखते हुए भारत, अमेरिका और कई अन्य यूरोपीय देशों ने अपने नागरिकों के लिए ट्रैवल एडवाइज़री जारी की है. भारत ने शुक्रवार को अपने नागरिकों से ईरान और इजराइल की यात्रा नहीं करने को कहा.

विदेश मंत्रालय ने एक परामर्श में ईरान और इजराइल में रहने वाले भारतीयों को सलाह दी है कि अपनी सुरक्षा के बारे में अत्यधिक सतर्कता बरतें और अपनी आवाजाही कम से कम रखें. उसने कहा, ‘क्षेत्र में मौजूदा स्थिति के मद्देनजर सभी भारतीयों को सलाह दी जाती है कि अगले नोटिस तक ईरान या इजराइल की यात्रा नहीं करें.’

विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘वे सभी जो वर्तमान में ईरान या इजराइल में रह रहे हैं, उनसे अनुरोध है कि वे वहां भारतीय दूतावासों से संपर्क करें और अपना पंजीकरण कराएं.’ उसने कहा, ‘उनसे आग्रह किया जाता है कि अपनी सुरक्षा को लेकर अत्यधिक सतर्कता बरतें और कम से कम आवाजाही रखें.’

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