SC Decision On Electoral Bonds: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द कर दिया और कहा कि यह संविधान द्वारा दिए गए सूचना के अधिकार और बोलने तथा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन करती है.
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Congress News: चुनावी बॉन्ड योजना पर आए गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस केंद्र सरकार पर हमलावर हो गई है. कांग्रेस ने कहा कि कांग्रेस ने कहा कि आज यह बात साफ हो गई है कि मोदी सरकार सिर्फ कमीशन, रिश्वतखोरी और काला धन छिपाने के लिए ही 'इलेक्टोरल बॉन्ड' लेकर आई थी. इलेक्टोरल बॉन्ड PM मोदी की 'भ्रष्टाचार बढ़ाओ नीति' की वो साजिश है, जो आज पूरे देश के सामने बेनकाब हो चुकी है.
पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा, 'इस फैसले से लोकतंत्र के जिंदा होने की उम्मीद जगी है. पीएम मोदी बेनकाब हो गए हैं. ये सीधा सीधा पीएम मोदी द्वारा किया गया एक भ्रष्टाचार है जिसे कानूनी जामा पहनाने का काम किया गया.'
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में क्या कहा?
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द कर दिया और कहा कि यह संविधान प्रदत्त सूचना के अधिकार और बोलने तथा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन करती है. दूरगामी परिणाम वाले इस ऐतिहासिक फैसले में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को छह वर्ष पुरानी योजना में दान देने वालों के नामों की जानकारी चुनाव आयोग को देने के निर्देश दिए गए.
फैसले में कहा गया कि जानकारी में यह भी शामिल होना चाहिए कि किस तारीख को यह बॉन्ड भुनाया गया और इसकी राशि कितनी थी. साथ ही पूरा विवरण छह मार्च तक निर्वाचन आयोग के समक्ष पेश किया जानका चाहिए.
पीठ ने कहा कि चुनाव आयोग को एसबीआई द्वारा साझा की गई जानकारी 13 मार्च तक अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित करनी चाहिए.
चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने योजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर दो अलग-अलग लेकिन सर्वसम्मत फैसले सुनाए. इस फैसले को केन्द्र सरकर के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है.