America: अमेरिका में पुलिस को 'कत्ल' का लाइसेंस... सीट बेल्ट नहीं पहनने पर ड्राइवर पर 100 राउंड फायरिंग
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America: अमेरिका में पुलिस को 'कत्ल' का लाइसेंस... सीट बेल्ट नहीं पहनने पर ड्राइवर पर 100 राउंड फायरिंग

America News: अमेरिकी पुलिस की असहनशीलता का एक चौंका देने वाला मामला सामने आया है. जिसमें एक बार फिर अश्वेत को सिर्फ इसलिए मार दिया गया क्योंकि उसने ड्राइविंग के समय सीट बेल्ट नहीं पहना था. पुलिस के बार-बार कहने पर भी कार से बाहर नहीं निकला था.

America: अमेरिका में पुलिस को 'कत्ल' का लाइसेंस... सीट बेल्ट नहीं पहनने पर ड्राइवर पर 100 राउंड फायरिंग

America News: अमेरिकी पुलिस की असहनशीलता का एक चौंका देने वाला मामला सामने आया है. जिसमें एक बार फिर अश्वेत को सिर्फ इसलिए मार दिया गया क्योंकि उसने ड्राइविंग के समय सीट बेल्ट नहीं पहना था. पुलिस के बार-बार कहने पर भी कार से बाहर नहीं निकला था. जिसके बाद पुलिस की तरफ से करीब 100 राउंड फायरिंग की गई, जिसमें युवक की मौत हो गई.

शिकागो में चौंकाने वाली वारदात

कार चालक पर फायरिंग करने की ये घटना शिकागो की है, जिसमें 26 वर्षीय Dexter Reed की मौत हुई है. पुलिस का कहना है कि पहले Reed ने पुलिस पर फायरिंग की, जिसके जवाब में पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी. पुलिस के कार चालक पर फायरिंग करने की ये घटना पिछले महीने 21 मार्च की है, लेकिन इसका वीडियो अब सामने आया है. जोकि पुलिसकर्मियों के बॉडी कैम में रिकॉर्ड हुआ है.

पुलिस की भूमिका पर सवाल

अभी तक की जांच में ये बात सामने आई है कि पुलिस ने 41 सेकंड्स के अंदर करीब 100 राउंड फायरिंग की. लेकिन यहां पुलिस की भूमिका पर सवाल है, कि पुलिस को ऐसी क्या जल्दबाजी थी कि सिर्फ कार की विंडो ना खोलने पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी. क्या अमेरिका की पुलिस इतनी ही असहनशील है.

40 सेकंड्स और 100 राउंड फायरिंग

40 सेकंड्स और 100 राउंड फायरिंग..अमेरिका के शिकागो में यही हुआ, जब पुलिस के कहने पर एक कार चालक ने विंडो नहीं खोली. पुलिसकर्मियों के बॉडी कैम में रिकॉर्ड हुए इस वीडियो में पुलिसकर्मी पहले कार चालक को शीशा नीचे करने को कहते हैं, कार चालक ऐसा करता भी है. लेकिन फिर कार का शीशा ऊपर कर लेता है.

कार के अंदर बैठा शख्स जैसे डर गया है. वो ना शीशा खोलता है और ना ही विंडो. इसके बाद पुलिसकर्मी पॉजीशन लेते हैं. अपनी पिस्टल निकालते हैं और फायरिंग शुरू कर देते हैं. कार चालक और पुलिस के अलावा यहां कोई दिखाई नहीं देता, बस गोलियों की तड़तड़ाहट सुनाई देती है. पुलिसवाले सफेद रंग की इस गाड़ी को निशाना बना रहे होते हैं. गोलियां चलने के दौरान कार चालक बाहर निकलता है, लेकिन जब गोलियों की गूंज शांत होती है तो कार के पिछली तरफ ड्राइवर Dexter Reed की लाश पड़ी होती है.

पुलिस का आरोप ड्राइवर ने भी फायरिंग की

पुलिस ने दावा किया कि Dexter Reed ने सीट बेल्ट नहीं लगाई थी, और वो पुलिस के कहने पर कार से बाहर नहीं आ रहा था. पुलिस का आरोप है कि Reed ने पुलिस टीम पर फायरिंग भी की. ड्राइवर का पुलिस पर फायरिंग करते हुए वीडियो तो सामने नहीं आया है. लेकिन पुलिस का कहना है कि उसे Dexter की कार से गन बरामद हुई है.

अमेरिका में ऐसा पहली बार नहीं हुआ है

अमेरिका में ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, जब Traffic Rules Follow ना करने पर पुलिस ने फायरिंग की हो, और फायरिंग में ड्राइवर की जान गई हो. पिछले कुछ वर्षों में ऐसे कई केस सामने आ चुके हैं.

- 27 जून 2022 को ओहायो के एक्रोन शहर में पुलिस ने अश्वेत व्यक्ति पर फायरिंग की थी, जिसमें युवक की मौत हो गई. युवक Traffic Rules Follow नहीं कर रहा था. पुलिस के रोकने पर युवक ने भागने की कोशिश की थी.

- 11 अप्रैल 2021 को डॉन्टे राइट नाम के युवक को पुलिस ने गोली मार दी थी, क्योंकि डॉन्टे ट्रैफिक नियमों का पालन नही कर रहा था.

- इसके अलावा मई 2017 में पुलिस पेट्रोलिंग टीम ने कार चला रहे अश्वेत सेड्रिक मिफलिन को रोका, मिफलिन ने सीट ब्लैट नहीं लगाई थी इसलिए वो नहीं रुके. पुलिस ने मिफलिन पर 16 फायर किये जिसमें उसकी मौत हो गई

अमेरिका में नस्लभेद लगातार बढ़ा

अमेरिका में नस्लभेद लगातार बढ़ा है, द इकोनॉमिस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस की फायरिंग में मारे जाने वाले श्वेतों की तुलना में अश्वेत तीन गुना ज्यादा है. यहां तक की अमेरिका की जेलों में 33 फीसदी कैदी भी अश्वेत हैं. अमेरिका में रंगभेद का इतिहास करीब 250 से 300 साल पुराना है. जब यूरोप के श्वेत अप्रवासियों ने अमेरिका में बसना शुरू किया तो वो अफ्रीका से हजारों-लाखों अश्वेतों को गुलाम बनाकर वहां ले गए. इन्हें जानवरों की तरह खरीदा और बेचा जाता था.

अब भी स्थिति ज्यादा बदली नहीं

1790 में अमेरिकी जनसंख्या में अश्वेतों की संख्या 19.3 फीसदी थी, लेकिन उनके नागरिक अधिकार 1 प्रतिशत भी नहीं थे. ना उन्हें वोट देने का अधिकार था, न अदालतों से न्याय पाने का और न ही इलाज करवाने का. अब भी स्थिति ज्यादा बदली नहीं है, अमेरिका की पुलिस कितनी असहनशील है कि ट्रैफिक नियम ना मानने पर सीधे गोली मार देती है. खासकर अश्वेतों को बार-बार निशाना बनाना चिंता की बात है.

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