America Taiwan Relation: चीन ने मंगलवार को कहा कि वह ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और अमेरिका के बीच ऑकस पनडुब्बी समझौते को ताइवान मुद्दे से जोड़ने की बाइडन प्रशासन की किसी भी योजना का दृढ़ता से विरोध करेगा.
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America Taiwan Relation: चीन ने मंगलवार को कहा कि वह ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और अमेरिका के बीच ऑकस पनडुब्बी समझौते को ताइवान मुद्दे से जोड़ने की बाइडन प्रशासन की किसी भी योजना का दृढ़ता से विरोध करेगा. क्योंकि इससे परमाणु प्रसार का खतरा होगा और एशिया-प्रशांत में हथियारों की दौड़ बढ़ेगी.
भड़क सकती है संघर्ष की आग
अमेरिकी उप विदेश मंत्री कर्ट कैंपबेल ने हाल में किसी भी चीनी आक्रामकता को रोकने के लिए ऑकस समझौते को ताइवान मुद्दे से जोड़ने का सुझाव दिया था. चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने यहां संवाददाताओं से कहा कि अमेरिकी मंत्री की टिप्पणियां दुर्भावनापूर्ण इरादे वाली हैं और ये संघर्ष की आग को भड़का सकती हैं.
कैंपबेल के हवाले से पिछले सप्ताह ‘सेंटर फॉर ए न्यू अमेरिकन सिक्योरिटी थिंक टैंक’ में कहा गया था कि ऑकस पनडुब्बी परियोजना ताइवान के खिलाफ किसी भी चीनी कदम को रोकने में मदद कर सकती है.
चीन ने किया खुलकर विरोध
चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि ताइवान चीन का एक अविभाज्य हिस्सा है. जिसमें दखल देने का किसी भी बाहरी ताकत को अधिकार नहीं है. उन्होंने सवाल किया कि ताइवान को तथाकथित त्रिपक्षीय सुरक्षा साझेदारी वाली पनडुब्बी योजना से जोड़ने की कोशिश में अमेरिका का क्या इरादा है?
चीन की अमेरिका को दो टूक
उन्होंने कहा कि अपनी राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने की चीन इच्छाशक्ति अटूट है. माओ ने कहा कि अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया दक्षिण चीन सागर विवाद में सीधे तौर पर पक्षकार नहीं है. उन्हें बातचीत और विचार-विमर्श के जरिए मुद्दे सुलझाने के लिए संबंधित पक्षों के प्रयासों में दखल नहीं देना चाहिए.