गर्मी का कहर, बूंद-बूंद को तरस जाएगा दक्षिण भारत

गर्मियां शुरू होने के साथ ही एक बार फिर दक्षिण भारत पानी की कमी से जूझने लगा है.

CWC यानि केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण भारत के जलाशयों की क्षमता बहुत तेज़ी से घटी है.

रिपोर्ट कहती है कि आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु में हालात खराब हैं.

इन राज्यों के जलाशयों की क्षमता केवल 17 प्रतिशत रह गई है.

ये आंकड़ा पिछले साल इस समय के दौरान 29 प्रतिशत से भी कम है.

यही नहीं, पिछले 10 सालों की बात करें तो इन जलाशयों की औसत क्षमता 23 फीसदी थी.

दक्षिण भारत के जलाशयों का घटता जलस्तर सिंचाई, पेयजल और बिजली उत्पादन में चुनौतियां पेश कर सकता है.

भारत का सिलिकॉन वैली कहे जाने वाला बेंगलुरु भी पानी की भयानक कमी से जूझ रहा है.

कर्नाटक के 240 में 223 तहसील को सूखा घोषित कर दिया गया है.

बेंगलुरु में 1.4 करोड़ की आबादी है, जहां गूगल, माइक्रोसॉफ्ट और गूगल जैसी नामी कंपनियां हैं.

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