मुकेश अंबानी की तरह उनके भाई अनिल अंबानी भी कभी दुनिया से सबसे अमीरों में शुमार थे, लेकिन गलत फैसलों की वजह से उनकी कंपनी कर्ज में डूबती चली गई.
साल 2020 में ब्रिटेन की एक अदालत में अनिल ने खुद को दिवालिया घोषित कर दिया. एक के बाद एक कंपनियां चौपट होती चली गईं. खुद वो कर्ज में डूबते चले गए.
लाइमलाइट से दूर अनिल अंबानी के बेटे पिता का खोया हुआ बिजनेस साम्राज्य बनाने में जुटे हुए हैं.
उनके बेटे जय अनमोल अंबानी , जय अंशुल अंबानी पिता के कारोबार को संभालने में जुटे हैं.
अनिल के बेटे जय अनमोल अंबानी परिवार और कंपनी के लिए उम्मीद की किरण बनकर उभरे हैं. 18 साल की उम्र में ही वो पिता के कारोबर से जुड़ गए.
अनमोल अंबानी पिता के बिगड़े कारोबार को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. उथल-पुथल के बीच जय अनमोल अंबानी ने ग्रुप के शेयर मूल्य को मजबूत किया.
अनमोल की कुशल रणनीतियों की बदौलत कंपनी ने जापान से निवेश आकर्षित किया. अनमोल जापानी फर्म निप्पॉन को रिलायंस में अपनी भागीदारी बढ़ाने के लिए मनाने में कामयाब रहे
2016 में एडिशनल डायरेक्टर के रूप में रिलायंस कैपिटल के बोर्ड में शामिल हुए अनमोल ने कंपनी में फिर से जान फूंक दी है. आज वो पिता की कई सहायक कंपनियों का नेतृत्व कर रहे हैं.
बढ़ते वित्तीय संकटों के बीच अनमोल के नेतृत्व में कंपनी के शेयरों में मजबूती लौटने लगी है.
अपने फैसलों ने जय अनमोल अंबानी ने अपने कारोबार की नेट वर्थ 2000 करोड़ रुपये से भी ज्यादा पहुंचा दिया है.
उन्हें अपनी कंपनी की वित्तीय हालत को सुधारने में कड़ी मेहनत करनी पड़ रही है. अनिल अंबानी के बेटे लाइमलाइट से दूर रहते हैं.