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Israel-Hamas War: जंग के इन 5 'खिलाड़ियों' पर टिकी हैं पूरी दुनिया की निगाहें

Israel-Hamas Conflict: हमास (Hamas) को जड़ से खत्म करने की शपथ लेकर जंग में उतरे इजरायल (Israel) ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. गाजा पट्टी में हमास के ठिकानों पर इजरायल के हवाई हमले जारी हैं. अब तक ढाई हजार से ज्यादा ठिकाने तबाह किए गए हैं. आतंकियों के ट्रेनिंग सेंटर को भी मिट्टी में मिलाया गया है. इजरायल की मदद के लिए अमेरिका का जंगी जहाज USS जेराल्ड फोर्ड भूमध्य सागर में तैनात हैं. वहीं, तुर्की ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर अमेरिका जंग में उतरा तो परिणाम गंभीर होंगे. हमास के हमले के बाद बदले पर उतारू इजरायल 3 हजार से ज्यादा लोगों की जान जाने के बावजूद इजरायल, हमास को बख्शने के मूड में नहीं है. आइए जानते हैं कि मिडिल ईस्ट में जारी हमास-इजरायल की जंग के 5 सबसे अहम किरदार कौन-कौन हैं.

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गाजा पट्टी पर हुकूमत चलाने वाला हमास एक चरमपंथी संगठन है. हमास की स्थापना 1987 में हुई थी. हमास का चीफ इस्माइल हानियेह है. इजरायल पर हुए इस बार के हमले ने सभी को चौंका दिया. इजरायल पर गाजा की तरफ से एक साथ 5 हजार से ज्यादा रॉकेट दागे गए. इसके अलावा हजारों की संख्या में आतंकी भी फेंसिंग तोड़कर इजरायल में घुस गए और 100 से ज्यादा इजरायली नागरिकों को बंदी बना लिया. इस सबकी जिम्मेदारी हमास ने ली है. इसके जवाब में इजरायल ने कहा कि हमास को जड़ से खत्म करने तक जंग नहीं रुकेगी.

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इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भी हमास के खिलाफ लड़ी जा रही जंग में बेहद अहम किरदार हैं. हमास के हमले के बाद नेतन्याहू ने हमास को जड़ से मिटाने और मिडिल ईस्ट का नक्शा बदल देने की धमकी दी है. नेतन्याहू ने कहा कि हमाम से ऐसी कीमत वसूली जाएगी जिसे कई दशकों तक याद किया जाएगा. जान लें कि नेतन्याहू पिछले साल ही छठी बार प्रधानमंत्री बने और अब जंग के दौरान उन्हें विपक्ष का साथ भी मिल गया है. इमरजेंसी के वक्त में नेतन्याहू के नेतृत्व वाले गठबंधन ने विपक्ष के साथ मिलकर सरकार बना ली है. इजरायल सरकार ने हमास की समस्या को पूरी तरह खत्म करने की कसम खाई है.

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आतंकी संगठन हमास का चीफ इस्माइल हानियेह (Ismail Haniyeh) मिडिल ईस्ट की जंग का बड़ा प्लेयर है. इस्माइल हानियेह 1962 में गाजा पट्टी के एक शरणार्थी शिविर में पैदा हुआ था. कम उम्र में ही इस्माइल हानियेह हमास से जुड़ गया था. इस्माइल हानियेह साल 2006 में फिलिस्तीन का प्रधानमंत्री बन गया. हालांकि, कई साल पहले इस्माइल हानियेह वहां से भागकर कतर में बस गया. हैरान करने वाला है कि इजरायल पर बीते 7 अक्टूबर को अटैक से पहले इस्माइल हानियेह ने बयान दिया था कि हमारे लोगों पर हो रहे अत्याचारों और पश्चिमी सपोर्ट को लेकर हमने अब सब खत्म करने का निर्णय लिया है.

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मोहम्मद दाएफ, एक आंख वाला ये शख्स पांच बार इजरायल के हमले में बच चुका है. जबकि, उसकी पत्नी, सात महीने का बेटा और तीन साल की बेटी साल 2014 में इजरायली हवाई हमले में मारे गए थे. इजरायल का मानना है कि हमास के हमले को अंजाम देने साजिश मोहम्मद दाएफ ने ही रची थी. इजरायल ने मोहम्मद दाएफ को नया 'ओसामा बिन लादेन' बताया है. इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने 58 साल के मोहम्मद दाएफ को मारने की 7 बार कोशिश की, लेकिन वो हर बार नाकाम रही. दावा किया जाता है कि नए ओसामा बिन लादेन यानी मोहम्मद दाएफ के दोनों हाथ और पैर नहीं हैं. उसकी केवल एक आंख है. मोहम्मद दाएफ हमेशा व्हील चेयर पर रहता है और गाजा में बनी भूमिगत सुरंगों में छिपा रहता है. मोहम्मद दाएफ हर रात अपना ठिकाना बदलता है और कभी भी एक जगह नहीं टिकता. वो वीडियो में भी हमेशा नकाब में ही नजर आता है या फिर सिर्फ उसकी परछाई दिखती है. वो कभी भी स्मार्टफोन या दूसरी डिजिटल टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल नहीं करता है.

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ईरान अभी तक सीधे-सीधे तो मिडिल-ईस्ट में जारी हमास-इजरायल की जंग में शामिल नहीं है लेकिन उसका सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई भी इस युद्ध का अहम किरदार बताया जा रहा है. 1989 से अयातुल्ला अली खामेनेई ईरान के सुप्रीम लीडर हैं. अयातुल्ला अली खामेनेई और उनके देश ईरान पर हमास का सपोर्ट करने का आरोप है. आरोप है कि हमास की फंडिंग ईरान ने ही की है, वरना वह खुद इतना बड़ा हमला करने में सक्षम नहीं था. हालांकि, ईरान ने अपने ऊपर लगे सभी दावों को खारिज कर दिया है.

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