केरल के ऑटो ड्राइवर ने यूके टूरिस्ट से की फर्राटेदार इंग्लिश में बात, लोग बोले- इसे कहते हैं मेहमानदारी
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केरल के ऑटो ड्राइवर ने यूके टूरिस्ट से की फर्राटेदार इंग्लिश में बात, लोग बोले- इसे कहते हैं मेहमानदारी

Kerala Viral Video: आजकल इंटरनेट की वजह से कोई भी भाषा सीखना बहुत आसान हो गया है. कई दुकानदार और ऑटो रिक्शा वाले टूरिस्ट को रिझाने के लिए अंग्रेजी बोल लेते हैं. ऐसे ही एक वाकया हाल ही में सोशल मीडिया पर बहुत वायरल हुआ.

 

केरल के ऑटो ड्राइवर ने यूके टूरिस्ट से की फर्राटेदार इंग्लिश में बात, लोग बोले- इसे कहते हैं मेहमानदारी

Kerala Auto Driver: आजकल इंटरनेट की वजह से कोई भी भाषा सीखना बहुत आसान हो गया है. कई दुकानदार और ऑटो रिक्शा वाले टूरिस्ट को रिझाने के लिए अंग्रेजी बोल लेते हैं. ऐसे ही एक वाकया हाल ही में सोशल मीडिया पर बहुत वायरल हुआ. एक ब्रिटिश व्लॉगर जाकी को केरल में घूमते हुए थोड़ी परेशानी हो गई. उनके होटल का कार्ड मशीन खराब हो गया था और उन्हें निकलने के लिए कैश चाहिए था. वो उस शहर को नहीं जानते थे, इसलिए वो फोर्ट कोच्चि जाने वाली मेन रोड पर चल पड़े. रास्ते में उनकी मुलाकात अशरफ नाम के एक ऑटो वाले से हुई. अशरफ ने उनकी मदद की और उन्हें एटीएम ढूंढने में हेल्प की.

यूके टूरिस्ट से की फर्राटेदार इंग्लिश में बात

अशरफ की मदद और उनकी अच्छी अंग्रेजी का एक वीडियो बना लिया गया जिसे लोगों ने बहुत पसंद किया. व्लॉगर ने ये वीडियो खुद इंस्टाग्राम पर शेयर किया. वीडियो में जाकी अशरफ से पूछता है कि कोई एटीएम पास में है क्या? अशरफ अच्छी अंग्रेजी में उन्हें बताते हैं कि एटीएम कहां है. फिर वो घूमने का प्लान भी पूछते हैं, लेकिन जाकी मना कर देता है. इसके बाद अशरफ उन्हें फ्री में एटीएम तक ले जाने का ऑफर देते हैं. जाकी उनकी मदद और मेहमानदारी से बहुत खुश होता हैं और उनका धन्यवाद करता है.

 

 
 
 
 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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सोशल मीडिया पर लोगों ने दी अपनी प्रतिक्रिया

जाकी अपने अनुभव को सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए लिखा, "मुझे भारत में एक दिन दोपहर की तेज धूप में काफी परेशानी हो रही थी. असल में, जिस होटल में मैंने कमरा लिया था, वहां कार्ड मशीन खराब हो गई थी और उन्होंने मुझे एटीएम जाने के लिए कहा. मुझे नहीं पता था कि एटीएम कहां है, इसलिए मैं फोर्ट कोच्चि जाने वाले मेन रोड पर चल पड़ा, लेकिन मैं वाकई उस समय घूमने की हालत में नहीं था. अशरफ ने मुझे देखा और पूछा कि क्या मुझे रिक्शा चाहिए. पहले तो मैं थोड़ा झिझका, लेकिन थोड़ी बातचीत के बाद मुझे लगा वो मददगार लग रहे हैं. चूंकि उन्हें उस इलाके की जानकारी थी, इसलिए मैंने उनके साथ चलने का फैसला किया."

जानी ने आगे बताया, "हालांकि मुझे थोड़ा डर था कि कहीं वो झूठ ना बोल रहे हों कि एटीएम काम नहीं कर रहा है. हो सकता है सचमुच एटीएम काम नहीं कर रहा हो, लेकिन मुझे पता है कि कभी-कभी कुछ चालबाजियां भी चलती हैं."

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