स्तनपान बना जीवन रक्षक! समय पर इस तरह स्टेज-3 ब्रेस्ट कैंसर का चला पता, मां को मिली नई जिंदगी
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स्तनपान बना जीवन रक्षक! समय पर इस तरह स्टेज-3 ब्रेस्ट कैंसर का चला पता, मां को मिली नई जिंदगी

आज हम ब्रेस्ट से जुड़ी एक ऐसी घटना बताने जा रहे हैं, जो बहुत से लोगों के लिए किसी सीख बन सकती है. आइए इस लेख में जानते हैं कि स्टेज-3 ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित कैसे एक महिला खुद नई जिंदगी देने में कामयाब हुई.

स्तनपान बना जीवन रक्षक! समय पर इस तरह स्टेज-3 ब्रेस्ट कैंसर का चला पता, मां को मिली नई जिंदगी

ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं में होने वाला सबसे आम कैंसर है. हर साल लाखों महिलाएं इसकी चपेट में आती हैं. अच्छी बात यह है कि जागरूकता फैलाने के प्रयासों, बेहतर जांच और नई दवाओं की वजह से मृत्यु दर काफी कमी आई है. ब्रेस्ट कैंसर के कई लक्षण होते हैं, जिनपर ध्यान देना चाहिए. जैसे ब्रेस्ट या बगल में गांठ होना, ब्रेस्ट का मोटा होना या उसमें सूजन आना, ब्रेस्ट में जलन होना, निप्पल के आसपास लालिमा या पपड़ी होना, निप्पल से खून या किसी तरह का लिक्विड निकलना, ब्रेस्ट के सेप या साइज में बदलाव होना और ब्रेस्ट में दर्द होना. आज हम ब्रेस्ट से जुड़ी एक ऐसी घटना बताने जा रहे हैं, जो बहुत से लोगों के लिए किसी सीख बन सकती है. आइए इस लेख में जानते हैं कि स्टेज-3 ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित कैसे एक महिला खुद नई जिंदगी देने में कामयाब हुई.

डेली मेल में छपी खबर के अनुसार, न्यू जर्सी की रहने वाली लॉरेन दा सिल्वा को ब्रेस्ट कैंसर हो गया था. वह अपने शिशु लूका को ब्रेस्टफीडिंग करा रही थी, तभी उन्हें अपने दाएं ब्रेस्ट में एक गांठ महसूस हुई. लॉरेन सिर्फ 39 साल की हैं. पहले तो उन्होंने सोचा कि यह दूध जमने की वजह से हुआ है, जो ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाओं में आम बात है. मगर बहुत दिनों तक ब्रेस्ट फिडिग के बहुत बाद भी गांठ दूर नहीं हुआ, तो उन्होंने डॉक्टर को दिखाया. डॉक्टर ने भी यही समझा कि यह ब्रेस्टफीडिंग के कारण टिश्यू में बदलाव है और अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट भी सामान्य आई.

कैंसर का ऐसे लगाया पता

दो महीने बाद लॉरेन के दाएं ब्रेस्ट का आकार अचानक से दोगुना हो गया और दर्द भी होने लगा. इसी दौरान उन्हें पता चला कि वो दोबारा मां बनने वाली हैं. अब क्योंकि लॉरेन खुद भी एक थीं तो उन्होंने अपने शरीर के कुछ लक्षणों के आधार पर उन्हें संदेह हुआ कि उन्हें कैंसर हो सकता है. लॉरेन को ब्रेस्ट कैंसर होने का बहुत डर था क्योंकि उनका एक छोटा बच्चा पहले से ही था और वो गर्भवती भी थीं. ऐसे में अपने मन की सुनकर उन्होंने फिर से डॉक्टर से जांच करवाई और जांच में उन्हें सीधे स्टेज-3 का कैंसर सामने आया. ये कैंसर हार्मोन-पॉजिटिव HIR2-पॉजिटिव ब्रेस्ट कैंसर पाया गया. यह लॉरेन के लिए बहुत बुरी खबर थी.

क्या होता है HIR2-पॉजिटिव ब्रेस्ट कैंसर ?

HIR2 एक प्रोटीन है जो ब्रेस्ट कैंसर की सेल को तेजी से बढ़ने में मदद करता है. HIR2-पॉजिटिव ब्रेस्ट कैंसर में रोगी के शरीर में HIR2 का लेवल सामान्य से अधिक होता है. ऐसे में कैंसर तेजी से फैल सकता है लेकिन इसका इलाज संभव है. शुरुआती स्टेज में ही लक्षण पाए जाने पर प्रॉपर इलाज से ब्रेस्ट कैंसर को रोका जा सकता है.

लॉरेन ने गर्भवती होने के 33वें हफ्ते में चार कीमोथेरेपी लीं. कैंसर के इलाज और समय से पहले बच्चे के जन्म के बावजूद उनका बेटा रयान स्वस्थ पैदा हुआ. उन्होंने कुल 12 कीमोथेरेपी लीं और साथ ही HIR2 प्रोटीन को खत्म करने के लिए कई इम्यूनोथेरेपी भी करवाई. इसके बाद लॉरेन का दोनों ब्रेस्टों का ऑपरेशन हुआ और कुछ कैंसरग्रस्त लिम्फ नोड्स को भी निकाला गया. साथ ही उनके दोनों अंडाशय भी निकाल दिए गए और उन्हें हार्मोन ब्लॉकिंग की दवाएं दी गई.

लॉरेन अब पूरी तरह से स्वस्थ हैं. वह चाहती हैं कि महिलाएं अपने शरीर के संकेतों को अनदेखा ना करें और अगर कुछ भी असाधारण लगे तो डॉक्टर से जरूर संपर्क करें. उनका मानना है कि अगर उन्होंने पहली अल्ट्रासाउंड के बाद थोड़ी और जोर देकर जांच करवाई होती तो शायद स्थिति इतनी गंभीर नहीं होती.

 

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