मनसा देवी पहाड़ पर हुई बारिश की वजह से पहाड़ के कुछ हिस्से क्षतिग्रस्त हो गए थे. अब इन पहाड़ियों के ट्रीटमेंट पर काम किया जा रहा है. जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ज्याल ने इसकी जानकारी दी है. जिलाधिकारी के मुताबिक ट्रीटमेंट का काम दो भागों में किया जाएगा. पहले शॉर्ट टर्म के कामों को पूरा करने का चैलेंज होगा. इसके बाद ही मेजर कार्यों पर फोकस होगा.
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Uttarakhand News: उत्तराखंड के दरकते पहाड़ों ने लोगों में खौफ पैदा कर दिया है लेकिन उत्तराखंड सरकार फिर से इनके ट्रीटमेंट पर काम कर रही है. हाल ही में हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर की पहाड़ियों पर जोरदार बारिश हुई. इसकी वजह से पहाड़ को काफी नुकसान पहुंचा है. अब इन पहाड़ियों के ट्रीटमेंट पर काम किया जा रहा है. जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ज्याल ने इसकी जानकारी दी है. जिलाधिकारी के मुताबिक ट्रीटमेंट का काम दो भागों में किया जाएगा. पहले शॉर्ट टर्म के कामों को पूरा करने का चैलेंज होगा. इसके बाद ही मेजर कार्यों पर फोकस होगा.
कैसे होगा डेवलपमेंट का काम?
जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ज्याल के अनुसार शॉर्ट टर्म कामों में चेक डैम पहाड़ का ट्रीटमेंट होगा. इसके साथ ही पहाड़ पर प्लांटेशन किया जाएगा और बाकी बचे हल्के कामों को पूरा किया जाएगा, जिनमें कम वक्त लगेगा. मेजर कार्यों को फोकस में रखते हुए पहाड़ से मिट्टी शहर की तरफ ना आए, यह सुनिश्चित किया जाएगा. इसके लिए मिट्टी को रोकने तैयारी है. इस काम में विशेषज्ञों की राय भी ली जाएगी.
क्या है सरकार की तैयारी?
अब तक की जानकारी के मुताबिक, राजाजी पार्क प्रशासन और सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने पहाड़ के क्षतिग्रस्त हिस्सों का जायजा लिया है. इस निरीक्षण के बाद सिंचाई विभाग अपनी रिपोर्ट्स डीएम ऑफिस को सौंप देगा. डेवलपमेंट के पहले चरण में हिल बायपास मार्ग और रेलवे लाइन बिछाई जाएगी साथ में पहाड़ी के नीचे रिटेनिंग वॉल भी लगाई जाएगी. इसके अलावा नालों पर चेक डैम बनाए जाएंगे.
जानिए दूसरे चरण में क्या होगा काम?
उत्तराखंड लैंडस्लाइड मैनेजमेंट मिटिगेशन सेंटर इस काम की योजना तैयार करेगा. इसके बाद ट्रीटमेंट का काम शुरू किया जाएगा. मुख्य रूप से मनसा देवी पहाड़ से आठ जगहों पर भूस्खलन की घटनाएं होती हैं. राजाजी पार्क और सिंचाई विभाग की टीम में मरम्मत करने वाली जगहों का निरीक्षण कर बताया है कि पहाड़ पर रिटेनिंग वॉल, चेकडैम, नालों और नालियों का निमार्ण किया जाएगा. रिटेनिंग वॉल उन इलाकों में लगाया जाएगा जहां ज्यादा आबादी में लोग रहते हैं.
(इनपुट: एजेंसी)