महाभारत का वो योद्धा, जिसने युद्ध के 18वें दिन पांडवों के पक्ष में पलट दी बाजी

कई रहस्यमयी पात्र

महाभारत कथा में कई रहस्यमयी पात्र हैं, जिसमें शिखंडी (Shikhandi) भी एक है. ऐसा कहा जाता है कि शिखंडी ही भीष्म पितामह की मृत्यु का कारण बना था.

राजा द्रुपद के यहां पैदा हुआ शिखंडी

शिखंडी का जन्म पांचाल देश में राजा द्रुपद के यहां पैदा हुआ था. उसका जन्म एक कन्या के रूप में हुआ.

शिखंडी को छोड़कर चली गई पत्नी

शिखंडी पैदा तो लड़की हुआ लेकिन उसे एक लड़के की तरह बड़ा किया गया. इतना ही नहीं उसका विवाह भी एक कन्या से ही होता है. पत्नी को जब उसकी सच्चाई पता चली तो वह शिखंडी को छोड़कर चली गई.

शिखंडी करना चाहता था आत्महत्या

शिखंडी के ससुर को जब उसकी सच्चाई पता चली तो उसने उसे मारने की धमकी दी. इसके बाद शिखंडी आत्महत्या करने के लिए निकला. जैसे ही वह आत्महत्या करने वाला था तभी एक यक्ष प्रकट हुए और शिखंडी को अपना पुरुषत्व उधार दिया. साथ ही कहा कि, जब तुम्हारा काम पूरा हो जाए मुझे मेरा पुरुषत्व लौटा देना.

पुरुषत्व

यक्षराज को यह बात पसंद नहीं आई और उसने यक्ष को श्राप दे दिया कि, जब तक शिखंडी जीवित रहेगा, उसे उसका पुरुषत्व वापस नहीं मिलेगा. इधर पुरुषत्व पाकर शिखंडी बहुत खुश था और अपने नगर लौट आया. शिखंडी को पुरुष रूप में देख राजा द्रुपद और उसके ससुर राजा हिरण्यवर्मा बहुत खुश हुए.

भीष्म ने क्यों किया इंकार

महाभारत का युद्ध कुरुक्षेत्र की भूमि में पूरे 18 दिनों तक चला था. यह युद्ध कौरवों और पांडवों के बीच हुआ. भीष्म पितामह ने कहा कि, वह इनमें से एक व्यक्ति के साथ युद्ध नहीं लड़ेंगे. तब दुर्योधन से उसका नाम पूछा. भीष्म ने कहा, उसका नाम है ‘शिखंडी’

शिखंडी पूर्वजन्म में स्त्री

भीष्म ने कहा कि, शिखंडी पूर्वजन्म में स्त्री था और इस जन्म में भी उसका जन्म कन्या के रूप में हुआ है. इसलिए मैं उसके साथ युद्ध नहीं लड़ूंगा.

पूर्व जन्म में राजकुमारी था शिखंडी

शिखंडी पूर्वजन्म में एक राजकुमारी थी, जिसका नाम अंबा था. जब अंबा का स्वयंबर हो रहा था, तब भीष्म ने उसका अपहरण कर लिया था. क्योंकि भीष्म उसकी शादी अपने भाई विचित्रवीर्य से कराना चाहते थे.

अंबा लेना चाहती थी बदला

अंबा ने इसका विरोध किया तो भीष्म ने उसे छोड़ दिया. अंबा ने भीष्म से बदला लेने के लिए भगवान शिव की तपस्या की.

भीष्म से बदला

ऐसा कहा जाता है कि शिव ने उसे वरदान दिया कि, भीष्म से बदला लेना इस जन्म में तो संभव नहीं है, लेकिन अगले जन्म में तुम भीष्म की मृत्यु का कारण बनोगी. अगले जन्म में अंबा का ही जन्म शिखंडी के रूप में हुआ.

शिखंडी कैसे बनी भीष्म की मृत्यु कारण

महाभारत के युद्ध के दसवें दिन श्रीकृष्ण अर्जुन के साथ शिखंडी को लेकर भीष्म के सामने पहुंच गए. शिखंडी को देखते ही भीष्म ने अपने शस्त्रों को नीचे रख दिए. तब कृष्ण ने शिखंडी को भीष्म पर वार करने को कहा और उसके भीष्म के शरीर को धनुष-बाणों से छलनी कर दिया.

कैसे हुई शिखंडी की मृत्यु

ऐसा कहा जाता है कि, महाभारत युद्ध की समाप्ति की बाद अश्वत्थामा ने पांडवों से शिविर पर आक्रमण कर दिया. शिविर में शिखंडी सोया था, उसी समय अश्वत्थामा ने उसका वध कर दिया.

डिस्क्लेमर

स्पष्ट कर दें कि यह AI द्वारा निर्मित महज काल्पनिक फोटो हैं, जिनको बॉट ने कमांड के आधार पर तैयार किया है

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