Sawai Madhopur News: कृषि मंडी में अव्यवस्थाओं का आलम, किसान और व्यापारी हो रहे परेशान
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Sawai Madhopur News: कृषि मंडी में अव्यवस्थाओं का आलम, किसान और व्यापारी हो रहे परेशान

Sawai Madhopur News: राजस्थान के सवाई माधोपुर जिला मुख्यालय के आलनपुर रोड़ स्थित कृषि उपज मंडी में अव्यवस्थाओं का आलम है. मंडी प्रशासन की अनदेखी के चलते मंडी में आने वाले किसानों एंव व्यापारियों को मूलभूत सुविधाएं भी नहीं मिल पा रही है. 

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Sawai Madhopur News: राजस्थान के सवाई माधोपुर जिला मुख्यालय के आलनपुर रोड़ स्थित कृषि उपज मंडी में अव्यवस्थाओं का आलम है. मंडी प्रशासन की अनदेखी के चलते मंडी में आने वाले किसानों एंव व्यापारियों को मूलभूत सुविधाएं भी नहीं मिल पा रही है. वहीं किसानों के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही किसान कलेवा योजना एंव किसान सेवा केंद्र का भी किसानों को पूर्णतया लाभ नहीं मिल पा रहा है. 

सवाई माधोपुर जिला मुख्यालय पर जिले की सबसे बड़ी कृषि उपज मंडी है लेकिन विभागीय अनदेखी के चलते जिले की ए ग्रेड में शामिल कृषि उपज मंडी में किसानों एंव व्यापारियों को मूलभूत सुविधाएं भी नसीब नहीं हो रही है. मंडी कृषि उपज बेचने आने वाले किसानों सहित व्यापारियों को ना तो पीने के लिए ठंडा पानी मिल पा रहा है और ना ही मंडी परिसर में छाया का कोई इंतजाम है. 

मंडी की पिछली रोड तो आज तक नहीं बनी, मंडी की दीवार मुख्य गेट के आस पास से टूटी हुई है, जिसके चलते मंडी में आए दिन चोरियां होती रहती हैं. वहीं, मंडी परिसर में बना सुलभ कॉम्पलेक्स भी बद से बत्तर हालत में है. मंडी में जिंस रखने के लिए ना तो डॉम की व्यवस्था है और ना ही प्लेटफार्म है.

ऐसे में किसानों एंव व्यापारियों की जिंस सड़क पर ही खुल्ले आसमान के नीचे रखने उड़ते है. मंडी व्यापारियों का कहना है कि मंडी प्रशासन द्वारा मंडी में किसानों और व्यापारियों के लिए की जाने वाली मूलभूत सुविधाओं पर भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है. ऐसे में मंडी में आने वाले किसानों एंव व्यापारियों को प्रतिदिन समस्याओं का सामना करना पड़ता है जबकि मंडी में व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिए मंडी व्यापारियों द्वारा जिला प्रशासन एंव स्थानीय जनप्रतिनिधियों से लेकर मंडी प्रशासन को कई मर्तबा ज्ञापन दिया गया है. लेकिन मंडी में व्याप्त अव्यवस्थाओं में आज तलक कोई सुधार नहीं हुआ. ऐसे में मंदी में आने वाले किसानों एंव व्यापारियों को खासा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. 

सवाई माधोपुर जिला मुख्यालय की कृषि उपज मंडी कहने को तो ए श्रेणी की कृषि मंडी है ,सुविधाओं को लेकर बात की जाए तो व्यापारियों और किसानों के मुताबिक यह मंडी अब बी श्रेणी की भी नहीं रही है.  विभागीय अनदेखी की शिकार कृषि उपज मंडी में किसानों के लिए तो दूर की बात है व्यापारियों के लिए भी सुविधार नहीं हैं. 

व्यापारियों एंव किसानों का कहना है कि मंडी परिसर में रोड ,बिजली ,छाया ,पानी ,सुलभ कॉम्पलेक्स आदि मूलभूत सुविधाओं के अलावा मंडी में कृषि उपज रखने के लिए ना तो डॉम की व्यवस्था है और ना ही प्लेटफॉर्म की व्यवस्था है. ऐसे में किसानों और व्यापारियों की जिंस खुले आसमान के तले पड़ी रहती है और अगर ऐसे में बारिश हो जाये तो पूरी की पूरी जिंस पानी मे भीग जाती है और खराब हो जाती है.

मंडी प्रशासन द्वारा किसानों एंव व्यापारियों को तिरपाल तक मुहैया नहीं कराए जाते हैं. ऐसे में पूरी जिंस खराब हो जाती है. किसानों और व्यापारियों का कहना है कि पूर्व में मंडी में आने वाले किसानों को ठहरने के लिए मंडी परिसर में किसान सेवा केंद्र बनाया गया था ,लेकिन मंडी प्रशासन की अनदेखी के चलते करोड़ो की लागत से बना किसान सेवा केंद्र भी जर जर हालत में हो गया है. किसानों को ठहरे एंव सोने के लिए किसान सेवा केंद्र में कमरे उपलब्ध नहीं करवाया जाते, किसान सेवा केंद्र पर मंडी सचिव द्वारा ही कब्जा किया हुआ है. 

मंडी सचिव द्वारा अपना प्रशासनिक भवन छोड़कर किसान सेवा केंद्र में अपना ऑफिस संचालित किया जा रहा है. ऐसे में मंडी में आने और ठहरने वाले किसानों को किसान सेवा केंद्र का लाभ नहीं मिल पा रहा है. वहीं, किसानों के लिए पूर्व में मंडी परिसर में किसान कलेवा योजना चलाई जा रही थी, जिसके तहत किसानों को महज 10 रुपये में नाश्ता ओर भोजन मिलता था, वो भी कई महीनों से बंद है. 

मंडी में व्याप्त समस्याओं और अव्यवस्थाओं को लेकर मंडी सचिव प्रेमप्रकाश यादव का कहना है कि मंडी में डॉम बनाने लिए प्रपोजल भेजा जाएगा. साथ ही मंडी में जो भी अव्यवस्थाएं हैं, उन्हें जल्द दुरुस्त किया जाएगा. किसान सेवा केंद्र की भी मरम्मत करवाकर किसानों के लिए खोला जाएगा. साथ ही किसान कलेवा को लेकर टैंडर जारी किए जा चुके है, जल्द ही किसानों को इसका लाभ मिलने लगेगा.  उनका कहना है कि मंडी में कुछ समस्याएं हैं, जिन्हें जल्द दूर किया जाएगा. 

सवाई माधोपुर की कृषि उपज मंडी जिले की सबसे बड़ी कृषि मंडी है ,लेकिन सुविधाओं के नाम पर मंडी में कोई व्यवस्था नहीं है. जबकि मंडी में इन दिनों प्रतिदिन करीब 20 हज़ार कट्टे सरसों, चार हजार कट्टे चना और एक हज़ार से अधिक कट्टे गेंहू आ रहा है और बड़ी संख्या में किसान जिंस बेचने मंडी पहुंचे रहे हैं लेकिन मंडी प्रशासन की अनदेखी के चलते मंडी में आने वाले किसानों सहित मंडी के व्यापारी खासा परेशान हैं. 

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