राजस्थान का वो मंदिर, जहां दर्शन करने से स्टूडेंट्स हो जाते हैं पास और लग जाती है नौकरी
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राजस्थान का वो मंदिर, जहां दर्शन करने से स्टूडेंट्स हो जाते हैं पास और लग जाती है नौकरी

Bikaner News: राजस्थान का यह मंदिर 56 साल पुराना है, जिसका पुराना नाम मंशापूर्ण हनुमान मंदिर था. आज के समय में इस मंदिर की एक खास पहचान है, जहां पर सबसे ज्यादा ग्रेजुएशन करने वाले स्टूडेंट दर्शन के लिए आते हैं.

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Bikaner News: राजस्थान के बीकानेर जिले में हनुमान जी का ऐसा मंदिर स्थित है, जहां स्टूडेंट पास होने के लिए पर्ची देते है. इसके बाद हनुमान जी की कृपा से स्टूडेंट ग्रेजुएट में पास हो जाते हैं और उनकी अच्छी नौकरी लग जाती है. 

यह मंदिर बीकानेर के पंचसती सर्किल के पास है, जिसका नाम ग्रेजुएट हनुमान जी मंदिर है. आज के समय में इस मंदिर की एक खास पहचान है, जहां पर सबसे ज्यादा ग्रेजुएशन करने वाले स्टूडेंट दर्शन के लिए आते हैं. इसके अलावा यहां पर IAS और IPS भी माथा टेकने आते हैं. कहा जाता है कि बजरंग बली की कृपा से बहुत सारे स्टूडेंट को लक्ष्य की प्राप्ति हुई है. 

कहा जाता है कि यह मंदिर 56 साल पुराना है, जिसका पुराना नाम मंशापूर्ण हनुमान मंदिर था. इसके बाद यहां पर युवा भक्तों की मुरादें पुरी होती गई. साथ ही मंदिर में मेडिकल और दूसरी फील्ड से पढ़ाई कर रहे स्टूडेंट्स की हर दिन भीड़ बढ़ती रही, जिसके चलते मंदिर का नाम ग्रेजुएट हनुमान मंदिर पड़ गया. इस मंदिर में सबसे ज्यादा भक्त डॉक्टर, मेडिकल, इंजिनियरिंग और अन्य विषय की पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स होते हैं. 

माना जाता है कि इस मंदिर में लोगों की सभी मान्यता पूरी होती है. यहां अपनी मुराद के साथ स्टूडेंट्स नारियल के साथ एक पर्ची लेकर आते हैं, जिसमें उनका रोल नंबर लिखा होता है. इससे उनका एग्जाम अच्छा होता है और उनके नंबर भी अच्छे आते हैं. 

ग्रेजुएट हनुमान जी मंदिर के पास कई कॉलेज और कोचिंग है. यहां पर हजारों की संख्या में स्टूडेंट्स पढ़ते हैं. शाम के समय इस मंदिर में स्टूडेंट्स की भारी भीड़ देखने को मिलती है. 

ग्रेजुएट हनुमान जी मंदिर के पास संभाग का सबसे बड़ा राजकीय डूंगर महाविद्यालय, राजकीय पॉलीटेक्निक महाविद्यालय, राजकीय लॉ कॉलेज, सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज, राजकीय नर्सिंग कॉलेज के अलावा कई निजी कॉलेज और कई निजी कोचिंग संस्थान भी हैं. 

डिस्क्लेमर- ये लेख सामान्य जानकारी और लोगों द्वारा बताई गई कहानियों पर आधारित है, इसकी ज़ी मीडिया पुष्टि नहीं करता है.  

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