MP Election Fact: जीत-हार के अंतर से ज्यादा NOTA को वोट, 15 सीटों पर कांग्रेस-BJP को मिली चोट
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MP Election Fact: जीत-हार के अंतर से ज्यादा NOTA को वोट, 15 सीटों पर कांग्रेस-BJP को मिली चोट

MP Election Fact Analysis: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh News) चुनाव रिजल्ट में 15 सीटों पर देखा गया की नोटा (NOTA) को बीजेपी कांग्रेस (BJP Congress) के बीच जीत हार के अंतर से ज्यादा वोट मिले हैं. आइये जानें वो 15 सीटें कौन सी हैं.

MP Election Fact: जीत-हार के अंतर से ज्यादा NOTA को वोट, 15 सीटों पर कांग्रेस-BJP को मिली चोट

MP Election Fact Analysis:  मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh News) चुनाव परिणाम के बाद अब इनका विश्लेषण होने लगा है. नोटा के कुछ आंकड़े सामने आए हैं, जिससे ये पता चला की 15 सीटों पर नोटा (NOTA) ने बीजेपी कांग्रेस (BJP Congress) दोनों ही पार्टियों का खेल बिगाड़ा है. यहां के लोगों ने नोटा को इतने वोट दिए हैं की ये हार जीत के अंतर से भी ज्यादा है. अगर ये वो किसी एक पार्टी के खाते में जाते तो उसके प्रत्याशी की किस्मत पलट जाती.

बीजेपी को 5 और कांग्रेस को 15 पर चोट
नोटा (NOTA) को लेकर आए दिलचस्प आंकड़ों में देखा जा सकता है की इसने 15 सीटों पर खेल बिगाड़ा है. इन विधानसभाओं में हार-जीत के बीच अंतर से ज्यादा वोट नोटा ने हासिल किए हैं. इसमें से 10 सीटों पर कांग्रेस को चोट मिली है. वहीं बीजेपी को 5 सीटों पर नोटा की चोट का सामना करना पड़ा है.

 




इन 5 सीटों पर BJP का खेल बिगड़ा
विधानसभा जीत/हार का अंतर NOTA
मांंधाता 589 1544
धरमपुरी 356 2455
शााजापुर 28 1534
गुन्नौर 1160 2012
सोहागपुर 1762 2362

 




इन 10 सीटों पर कांग्रेस का खेल बिगड़ा
विधानसभा क्षेत्र जीत/हार का अंतर NOTA
भीकनगांव 603 1799
राजपुर 890 1683
मनावर 708 1814
महिदपुर 290 1417
सेंधवा 1677 5098
थांदला 1340 3108
गोहद 697 790
हरदा 870 2375
सेमरिया 637 1068
टिमरनी 950 2561

नोटा का फैक्ट
सबसे पहले साल 2013 में 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव में नोटा का प्रयोग हुआ. इसके बाद से नोटा की सरकार बनाने या खेल बिगाड़ने में अहम भूमिका रही. इस बार मध्य प्रदेश में 77.15 प्रतिशत मतदान में से 0.98 प्रतिशत नोटा के हिस्से में गए. 2013 में 1.90, 2018 में 1.42 और 2023 में 0.98 प्रतिशत मतदाताओं ने नोटा का विकल्प चुना. इस हिसाब से कई सीटों पर ऐसा मामला फंसा की जीतने हारने वाले प्रत्याशी के मार्जिन से ज्यादा वोट नोटा को चले गए.

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