Defence Expenditure: डिफेंस पर खर्च करने में चौथे नंबर पर भारत, लेकिन अब भी चीन से काफी पीछे, क्या है वजह?
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Defence Expenditure: डिफेंस पर खर्च करने में चौथे नंबर पर भारत, लेकिन अब भी चीन से काफी पीछे, क्या है वजह?

India Military Expenditure: रक्षा पर खर्च के मामले में भारत चौथे नंबर पर है लेकिन अभी भी सेना को आधुनिक बनाने के रास्ते में उसके सामने कई चुनौतियां हैं. आइए इसकी वजह के बारे में जानते हैं.

Defence Expenditure: डिफेंस पर खर्च करने में चौथे नंबर पर भारत, लेकिन अब भी चीन से काफी पीछे, क्या है वजह?

Global Military Expenditure: दुनियाभर के देशों का डिफेंस पर खर्च (Defence Expenditure) लगातार बढ़ रहा है और 2023 में यह रिकॉर्ड 2,443 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है. अमेरिका, चीन और रूस के बाद भारत दुनिया का चौथा ऐसा देश बना हुआ है जो अपने डिफेंस पर सबसे ज्यादा खर्च करता है. स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की रिपोर्ट के अनुसार, दुनियाभर में डिफेंस पर टोटल खर्च 2023 में वास्तविक रूप में 6.8 प्रतिशत बढ़ा है. डिफेंस पर सबसे ज्यादा खर्च करने वाले देशों में अमेरिका (916 बिलियन डॉलर), चीन (296 बिलियन डॉलर), रूस (109 बिलियन डॉलर), भारत (84 बिलियन डॉलर), सऊदी अरब (76 बिलियन डॉलर), ब्रिटेन (75 बिलियन डॉलर), जर्मनी (67 बिलियन डॉलर), यूक्रेन (65 बिलियन डॉलर), फ्रांस (61 बिलियन डॉलर) और जापान (50 बिलियन डॉलर) रहे. इस लिस्ट में पाकिस्तान 30वें नंबर पर है. उसने डिफेंस में 8.5 बिलियन डॉलर खर्च किया.

दुनियाभर के देश क्यों बढ़ा रहे डिफेंस बजट?

TOI की रिपोर्ट के मुताबिक, SIPRI ने कहा कि 2009 के बाद यह पहला मौका है जब पांचों भौगोलिक क्षेत्रों यानी अमेरिका, यूरोप, मिडिल ईस्ट, अफ्रीका और एशिया में डिफेंस पर खर्च बढ़ा है. SIPRI के सीनियर रिसर्चर Nan Tian ने कहा कि देश सैन्य शक्ति को प्राथमिकता दे रहे हैं, लेकिन वे तेजी से बिगड़ते हालात और सुरक्षा परिदृश्य में एक्शन और रिएक्शन का जोखिम भी उठा रहे हैं.

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भारत से 4 गुना पैसा खर्च कर रहा चीन

रिपोर्ट के मुताबिक, भारत अभी भी चीन के मुकाबले 4 गुना कम पैसे डिफेंस पर खर्च कर रहा है. भारत के सामने लड़ाकू विमानों, पनडुब्बियों और हेलीकॉप्टरों से लेकर मॉडर्न इन्फेंट्री वेपन, एंटी टैंक गाइडेड मिसाइलों और रात में लड़ने की क्षमताओं की कमी को हल करने की चुनौती है. वहीं, दूसरी तरफ चीन पारंपरिक क्षेत्रों जैसे जमीन, हवा और समुद्र के साथ-साथ परमाणु, स्पेस और साइबर सेक्टर में अपने सैनिकों का तेजी से मॉडर्नाइजेशन कर रहा है. चीन ने अपने आधिकारिक रूप से घोषित सैन्य बजट में लगातार 29वें साल बढ़ोतरी की है.

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भारत के सामने क्या है चुनौती?

उदाहरण से समझिए कि भारत ने 2024-25 के लिए 6.2 लाख करोड़ रुपये का रक्षा बजट आवंटित किया है. लेकिन इसमें से केवल 28% राशि सेना के मॉडर्नाइजेशन के लिए रखी गई है. डिफेंस बजट देश की जीडीपी का लगभग 1.9 फीसदी है. लेकिन भारतीय सेना का मॉडर्नाइजेशन इसके 14 लाख सशस्त्र बलों के भारी वेतन और पेंशन बिल और कमजोर डिफेंस-इंडस्ट्रियल बेस की वजह से बाधित हो रहा है.

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