Bjnor Leopard news: बिजनौर के नरभक्षी तेंदुए की गूंज यूपी विधानसभा में भी सुनाई दी. सपा और आरएलडी के विधायकों ने मांग करते हुए कहा कि तेंदुए की वजह से सिर्फ बिजनौर के लोग ही नहीं बल्कि पश्चिमी यूपी के इन जिलों के लोग भी दहशत में हैं.
Trending Photos
Maneater Leopard: पिछले कुछ महीनों में 13 मौत से बिजनौर और उसके आसपास के लोगों में दहशत है. वो चुपके से आते हैं और इस अंदाज में हमला करते हैं कि सामने वाले को बचने का मौका नहीं मिलता. इलाके के लोगों की मांग पर उन दोनों को मारने के आदेश दिए गए हैं लेकिन यूपी विधानसभा में इस मामले में शोर शराबा हुआ. यहां हम बात कर रहे हैं दो नरभक्षी तेंदुओं की. ये दोनों तेंदुए रात के अंधेरे में निकलते हैं और किसी को भी अपनी जद में ले लेते हैं. सदन की कार्यवाही के पहले दिन इस विषय को उठाते हुए मीरपपर से आरएलडी विधायक चंदन चौहान ने कहा कि इस मामले में व्यापक बहस कराए जाने की आवश्यकता है. तेंदुए की वजह से बिजनौर में रहने वालों और खेतों में काम करने वालों की जिंदगी पर संकट उठ खड़ा हुआ है.
इन जिलों में भी आतंक
बिजनौर के नगीना निर्वाचन क्षेत्र से सपा विधायक मनोज पारस ने कहा कि तेंदुए के हमले केवल बिजनोर तक ही सीमित नहीं हैं. वे मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, मेरठ, पीलीभीत, लखीमपुर और अन्य जिलों में भी आतंक फैला रहे हैं। पिछले कुछ महीनों में तेंदुओं ने 13 लोगों को बेरहमी से मार डाला है. इन विकट परिस्थितियों में, किसान चारे, गन्ने और धान की अपनी फसलों की देखभाल करते समय अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं. जिला प्रशासन और वनविभाग का कहना है कि दोनों तेंदुओं को पकड़ने की मुहिम तेज कर दी गई है लेकिन इलाके के लोगों का कहना है कि हर एक दिन डर के साए में रहना पड़ रहा है. प्रशासन की तरफ से दावा तो जरूर किया जा रहा है लेकिन उसका असर जमीन पर नहीं दिखाई दे रहा है.
लोगों में गुस्सा
लोगों का आक्रोश कुछ इस कदर है. वन विभाग की अक्षमता की वजह से हमारे किसान बैठे बत्तखों की तरह हो गए हैं. अगर वे जानवर को नहीं मार सकते, तो हम मारेंगे. लोगों की नाराजगी के बाद वन विभाग के अधिकारियों ने दुधवा टाइगर रिजर्व और कॉर्बेट रिजर्व से चार हाथियों को तेंदुओं की तलाश के लिए शार्प शूटरों की टीमों के साथ तैनात किया है. लेकिन अभी तक कामयाबी नहीं मिली है. अनुमान के अनुसार, जिले में लगभग 150 तेंदुए हैं जिनमें से कुछ बार-बार खेतों में भटकते रहते हैं. वन अधिकारियों ने हाल ही में दावा किया था कि एक मृत तेंदुए के पगमार्क 55 वर्षीय तेंदुए की मौत के लिए जिम्मेदार बड़ी बिल्ली से मेल खाते हैं. मखवाड़ा गांव बुजुर्ग महिला गुड्डी के केस को वन विभाग के अधिकारी बंद करने वाले थे कि ठीक एक दिन बाद 13वें शख्स को तेंदुओं ने मार डाला.उप प्रभागीय वन अधिकारी, ज्ञान सिंह का कहना है कि ग्रामीणों की मौत में एक से अधिक तेंदुए शामिल हैं. किसानों ने सुरक्षा के लिए खुद को लाठियों और धारदार वस्तुओं से लैस करना शुरू कर दिया है। वे अब अपने खेतों में बड़े समूहों में काम कर रहे हैं।